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सी.एम.एस. में ‘कुकरी शो’ का आयोजन 13 जुलाई को

Posted on 08 July 2013 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) द्वारा कुकरी शो प्रतियोगिता का आयोजन आगामी 13 जुलाई 2013 को प्रातः 10.00 बजे से सी.एम.एस. गोमती नगर आॅडिटोरियम में किया जा रहा है जिसकी थीम ‘‘ब्रेकफास्ट एराउण्ड द वल्र्ड’’ है। प्रख्यात मास्टर शेफ श्रीमती पंकज भदौरिया इस कुकरी शो प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभायेगी। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य माताओं को नन्हें-मुन्हें बच्चों के लिए पौष्टिक, स्वास्थ्य वर्धक व स्वादिष्ट व्यंजन बनाने हेतु प्रोत्साहित करना है।
श्री शर्मा ने बताया कि इस प्रतियोगिता में सी.एम.एस. छात्रों की माताओं के अलावा लखनऊ के अन्य विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की मातायें भी प्रतिभाग हेतु आमन्त्रित हैं। प्रतिभागी मातायें स्वयं द्वारा स्कूली बच्चों के लिए तैयार किया गया नाश्ता इसके स्वाद, पोषण, तैयार करने की विधि तथा अभिनव को ध्यान में रखते हुए साथ लेकर आयेगी।  प्रतिभागी मातायें प्रतियोगिता शुरू होने के निर्धारित समय प्रातः 10.00 बजे से कुछ समय पूर्व पहुँचकर प्रतियोगिता के नियम-कायदों की जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।
श्री शर्मा ने बताया कि विगत वर्ष भी सीएमएस गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) द्वारा कुकरी शो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसे अभिभावकों द्वारा काफी पसंद किया गया, साथ ही साथ इस प्रतियोगिता के माध्यम से नन्हें-मुन्हें बच्चों के लिए स्वादिष्ट, पौष्टिक तथा रुचिकर नाश्ता तैयार करने के लिए बहुमूल्य सुझावों की जानकारी मिली थी। इस वर्ष भी काफी बड़ी संख्या में माताओं ने उपरोक्त कुकरी शो प्रतियोगिता के लिए जोरदार तैयारी की है। श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. समय-समय पर ऐसी रोचक प्रतियोगिताओं के माध्यम से सिर्फ छात्रों को ही नही, अपितु उनके माता-पिता व अभिभावकों को भी छात्रों सर्वांगीण विकास हेतु प्रोत्साहित करता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 19 February 2013 by admin

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Sahara announces ‘India Center’ at U.K

Posted on 19 February 2013 by admin

picSahara announces ‘India Center’ at U.K. and ‘Sahara Think Tank’ for Business opportunities at UK during the closed door meeting with Mr. David Cameron, Prime Minister of U.K.

The final highlights of the initiatives which were suggested by Saharasri in June 2012 during his one-on-one meeting with Mr. David Cameron at London, were presented by Sahara India Pariwar

‘Saharasri’ Subrata Roy Sahara, Managing Worker & Chairman, Sahara India Pariwar, presented the final highlights of 2 initiatives, ‘Sahara Think Tank’ and ‘India Center’, to the Prime Minister of U.K., Mr. David Cameron, in a close-door round table conference in Mumbai. The close-door round table conference was attended by heads of 9 major corporate houses of India. The initiatives were earlier discussed on 24th June, 2012 in one-on-one meeting of ‘Saharasri’ and Mr. David Cameron at 10 Downing Street, London and were appreciated by the Prime Minister and had promised support to the initiatives.

The ‘Sahara Think Tank’ initiative is planed to provide a platform through a well structured team of young professionals from U.K., to tap the unique business opportunities. The initiative will be executed under the guardianship of Lord Patel of Bradford, OBE and other eminent people from British society. The meeting in Mumbai was the first edition of ‘Sahara Think Tank’ initiatives.

Sahara India Pariwar has also announced the setting-up of an iconic ‘India Center’ in a joint venture partnership with the University of East London. The ‘India Center’ planned on a 4 acre will be a unique facility housing student facilities with world class teachings and learning experience, to come-up at the University of East London Dockland Campus. Mr. David Cameron appreciated the fact that this would be the only kind of its endeavour in the world between a corporate and a university. The university has already acquired the require 4 acre land for the Centre.

About Sahara India Pariwar
Sahara India Pariwar is a major business conglomerate in India with operations in multiple sectors, including financial services, life insurance, mutual funds, housing finance,  infrastructure & housing, print and television news media, entertainment channels, cinema production, consumer merchandise retail, healthcare, hospitality, manufacturing, sports, and information technology.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्री-प्राइमरी एवं प्राइमरी प्रधानाचार्य सम्मेलन

Posted on 09 February 2013 by admin

icppp_inaugurationसिटी मोन्टेसरी स्कूल के क्वालिटी अश्योरेन्स एवं इनोवेशन विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय प्री-प्राइमरी एवं प्राइमरी प्रधानाचार्य सम्मेलन (आई.सी.पी.पी.पी.-2013) आज सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में प्रारम्भ हुआ। मुख्य अतिथि श्री सुनील कुमार, आई.ए.एस., प्रमुख सचिव, बेसिक एजुकेशन, उ.प्र. ने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री नवनीत सिकेरा, डी.आई.जी., लखनऊ रेंज समेत कई प्रख्यात हस्तियों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा को दो गुना कर दिया। इस अवसर पर अमेरिका, नीदरलैंड, इटली, यू.के., माॅरीशस, अर्जेन्टीना, मलेशिया, भूटान, श्रीलंका, नाइजीरिया एवं देश के विभिन्न राज्यों से पधारे प्रधानाचार्य/प्रधानाचार्याओं व शिक्षाविद्ों ने अपना परिचय प्रस्तुत किया तथापि विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों का ऐसा समां बांधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। इससे पहले आई.सी.पी.पी.पी.-2013 की संयोजिका एवं सी.एम.एस. क्वालिटी अश्योरेन्स व इनोवेशन डिपार्टमेन्ट की हेड सुश्री सुस्मिता बासु ने देश-विदेश से पधारे सभी शिक्षाविदों के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया। ज्ञातव्य हो कि सी.एम.एस. के क्वालिटी अश्योरेन्स एवं इनोवेशन डिपार्टमेन्ट के तत्वावधान में प्री-प्राइमरी व प्राइमरी स्तर की शिक्षा पद्धति में क्रान्तिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन 9 से 11 फरवरी तक सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विश्व के 11 देशों एवं देश के 23 राज्यों से 500 से अधिक प्रधानाचार्य व शिक्षाविद् प्रतिभाग कर रहे हैं।
उद्घाटन समारोह में देश-विदेश से पधारे शिक्षाविद्ों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि सुनील कुमार, आई.ए.एस., प्रमुख सचिव, बेसिक एजुकेशन, उ.प्र. ने इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए सी.एम.एस. की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि सी.एम.एस. एक अलग किस्म का अनूठा विद्यालय है जहाँ शान्ति शिक्षा पढ़ाई का एक अभिन्न अंग है, अन्य विद्यालयों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। सम्मेलन के उद्देश्यों की प्रशंसा करते हुए श्री कुमार ने कहा कि वास्तव में शिक्षा की परिभाषा केवल भूगोल, गणित, इतिहास व अन्य विषयों तक सीमित नहीं है अपितु अत्यन्त व्यापक हो गई है। उन्होंने शिक्षकों को सुझाव देते हुए कहा कि शिक्षा को दैनिक जीवन से जोड़ने का प्रयास करें। विशिष्ट अतिथि नवनीत सिकेरा, डी.आई.जी., लखनऊ रेंज ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक-शिक्षिकाओं को एक कुशल जौहरी की तरह बच्चों की रुचियों को पहचानना चाहिए एवं इन्हें लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहना चाहिए, क्योंकि यही भावी पीढ़ी विश्व समाज को नई दिशा देंगे।
icppp_teachers-group1 समारोह के उपरान्त देश-विदेश से पधारे शिक्षाविद् आज यहाँ आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से रूबरू हुए एवं इस अनूठे व ऐतिहासिक सम्मेलन पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। पत्रकारों से बात करते हुए भूटान से पधारी ड्रक स्कूल, थिम्पू की प्रधानाचार्या सुश्री पबित्रा शर्मा ने कहा कि माॅन्टेसरी शिक्षा केवल क्लासरूम तक ही सीमित नहीं है अपितु यह वह जीवनोपयोगी शिक्षा है जो बालक सम्पूर्ण जीवन को निर्देशित करती है और उसे सही और गलत की पहचान करना सिखाती है। मलेशिया से पधारे गौतमा रिसोर्सेज के डायरेक्टर,
डा. एम. संगरम ने कहा कि हम सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ के बहुत आभारी हैं जिसने इस सम्मेलन के माध्यम से हम सभी को बच्चों के सम्पूर्ण विकास हेतु चिन्तन, मनन व मन्थन का अवसर उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि यह नव-प्रवर्तन का युग है, प्रत्येक बालक कुछ नया कर दिखाना चाहता है ऐसे में प्री-प्राइमरी शिक्षा व शिक्षक-शिक्षिकाओं की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। नेपाल से पधारे मारिया मान्टेसरी इण्टरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य श्री मधु प्रसाद आर्यल ने कहा कि शिक्षा का मूल आधार बालक को जीवन मूल्यों क शिक्षा देना व उसे विश्व समाज का आदर्श नागरिक बनाना है, जिसके लिए हमें ऐसे ही सम्मेलनों में बैठकर छोटे बच्चों के पाठ्यक्रम पर बातचीत करनी होगी और एक विश्व एकता का समान कार्यक्रम विकसित करना होगा। नेपाल से ही पधारे न्यू होरिजन स्कूल के प्रधानाचार्य श्री लोकनाथ उपाध्याय ने कहा कि यदि हम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश शुरू से ही बच्चों को दें, तो निश्चित रूप से बड़े होकर यह विश्वव्यापी सोच वाले विश्व नागरिक बनेंगे और सारी धरती की भलाई के लिए कार्य करेंगे। इसी प्रकार देश-विदेश से पधारे कई प्रख्यात शिक्षाविदों का कहना था कि कक्षा का स्वरूप बच्चों की रचनात्मक सोच को विकसित करने में सहायक होना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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दिल्ली में11 वां अंतरराष्ट्रीय हिंदी उत्सव 9 -10 फरवरी 2013

Posted on 08 February 2013 by admin

पिछले  10   वर्षों की तरह इस वर्ष भी भारतीय सांस्कृतिक परिषद  विदेश  मंत्रालय और   प्रवासी दुनिया के  तत्वावधान में   अक्षरम द्वारा  अंतर्राष्ट्रीय हिंदी उत्सव आयोजित किया जा रहा है,   जो कि प्रतिवर्ष  किया जाने वाला हिंदी  का सबसे बड़ा गैर – सरकारी वैश्विक आयोजन है।     इसमें 15 से अधिक देशों के हिंदी के प्रसिद्ध विद्वान ,  साहित्यकार,  राजदूत,  राजनयिक,  सरकारी अधिकारी, बुद्धिजीवी,  प्रवासी साहित्यकार, पत्रकार, रंगकर्मी आदि  भाग लेते हैं। इस बार के  सम्मेलन में चार प्रमुख सत्र रहेंगे – 1.उद्घाटन व हिंदी के समक्ष चुनौतियां,   2.हिंदी और प्रौद्योगिकी नए आयाम,      3.भाषा साहित्य, शिक्षण और संस्कृति – वैश्विक परिप्रेक्ष्य     4 .प्रसिद्ध रचनाकारों द्वारा रचना पाठ  एवं विशेष प्रस्तुतियां ।

प्रतिवर्ष की तरह  इस वर्ष भी सायंकालीन सत्र में कवि सम्मेलन,  सम्मान समारोह ,  विवेकानंद पर  नाट्य प्रस्तुति  व  सांस्कृतिक कार्यक्रम विशेष आकर्षण रहेंगे।   इस वर्ष के सम्मेलन का थीम हिंदी और प्रोद्योगिकी रहेगी।   लेखक से मुलाकात कार्यक्रम के अंतर्गत इस वर्ष की ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता श्रीमती प्रतिभा राय से   मुलाकात का कार्यक्रम है।    सम्मेलन में भारतीय  सांस्कृतिक   संबंध परिषद    (IC C R ) के  ड़ा कर्णसिंह,   श्री सुरेश गोयल,  साहित्य अकादमी के    उपाध्यक्ष श्री विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, डॉ. प्रभाकर श्रोत्रिय, डॉ. सत्येन्द्र श्रीवास्तव, मदन लाल मधु,  असगर वजाहत, श्री टी.एन.चतुर्वेदी,   श्रीमती सविता सिंह,  कुंवर बैचेन,  चित्रा मूद्गगल,   अशोक चक्रधर, हरी जोशी, पंकज सुबीर,   उर्मिला शिरीष सहित कई प्रतिष्ठित साहित्यकार विद्वान गरिमा बढ़ाएंगे ।  विदेशों से रूस के भारत में सांस्कृतिक काऊंसलर  श्री दिमित्र चैलिशौव,  जापान के प्रोफेसर इशेदा,   ओसाका विश्वविद्यालय के डॉ. चैतन्य प्रकाश, रूस के मदनलाल मधु अमेरिका की  श्रीमती कुसुम व्यास और  श्रीमती सुदर्शना प्रियदर्शनी, ब्रिटेन से डॉ. अंजनी कुमार, के.बी.एल सक्सेना, श्रीमती सुलेखा चोपला, कनाडॉ. की श्रीमती स्नेह ठाकुर सहित विभिन्न साहित्यकार / विद्वान कार्यक्रम की गरिमा वढाऐंगें ।  इस वर्ष का कवि सम्मेलन गोपाल सिंह नेपाली जी की स्मृति में होगा। इसी प्रकार उद्घाटन सत्र अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलनों के  सूत्रधार स्वर्गीय लल्लन प्रसाद व्यास को समर्पित होगा ।  उत्सव की मीडिया पार्टनरशिप आकाशवाणी दिल्ली से रहेगी जिसके माध्यम से यह जानकारी लाखों लोगो तक स्वाभाविक रूप से पहुंचेगी।   इसके साथ ही इस अवसर पर प्रवासी साहित्य पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा

इस उत्सव में हिंदी के शीर्ष व्यक्तित्व श्री टी.एन.चतुर्वेदी सहित अमेरिका, ब्रिटेन के प्रवासी साहित्यकारों / विद्वानों सहित देश – विदेश के प्रमुख   हिंदी साहित्यकारों, सेवियों  का सम्मान किया जाएगा।

अक्षरम शिखर सम्मान – श्री टी.एन.चतुर्वेदी

विदेश – दिमित्रि चैलिशेव ( काउंसलर – रूस दूतावास)

प्रो. इशेदा ( जापान)

डॉ. अंजनी कुमार ( अध्यक्ष, हिंदी समिति – मैनचेस्टर ब्रिटेन )

श्रीमती कुसुम व्यास ( अमेरिका)

श्रीमती सुनीति शर्मा (अक्षरम हिंदी सेवा सम्मान)

नरेन्द्र वर्मा (अक्षरम प्रकाशन सम्मान)

डॉ.शिवनारायण (अक्षरम साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान)

अनिल जोशी
मुख्य संयोजक  9899552099

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अन्तर्राष्ट्रीय विश्व एकता व विश्व शांति महोत्सव ‘काॅन्फ्लुएन्स-2012’ का भव्य उद्घाटन आज

Posted on 07 November 2012 by admin

‘आओ दोस्ती करें’ का संदेश देने लखनऊ पधारी पाकिस्तानी छात्र टीम

welcome-of-pakistani-teamसिटी मोन्टेसरी स्कूल, इन्दिरा नगर कैम्पस द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय विश्व एकता व विश्व शांति महोत्सव ‘काॅन्फ्लुएन्स-2012’ में प्रतिभाग हेतु पाकिस्तान के हबीब पब्लिक स्कूल, कराची एवं एस.एल.एस. माॅन्टेसरी एण्ड हाई स्कूल, रावलपिंडी से पधारी छात्रों टीमों का सी.एम.एस. छात्रों व शिक्षकों ने लखनऊ  में बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया। ‘आओ दोस्ती करें’ का संदेश लेकर लखनऊ पधारे पाकिस्तानी छात्रों ने एक अनौपचारिक वार्ता में विश्वास व्यक्त किया कि उनका आगमन भारत-पाक मैत्री को एक नया आयाम देगा। विदित हो कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल की पहल पर पाकिस्तान के छात्रों से ‘आओ दोस्ती करें’ प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी जिसके अन्तर्गत सी.एम.एस. व पाकिस्तान के कई विद्यालयों के छात्रों ने पत्राचार के माध्यम से दोस्ती की एक नई शुरुआत की थी और एकता व शांति के इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव में अपनी उपस्थित दर्ज कराकर एकता व भाईचारे के एक नये युग का सूत्रपात किया है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल, इन्दिरा नगर कैम्पस द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय विश्व एकता व विश्व शांति महोत्सव ‘काॅन्फ्लुएन्स-2012’ कल 8 नवम्बर से सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में  प्रारम्भ हो रहा है। इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव में प्रतिभाग हेतु देश-विदेश से छात्र टीमों के लखनऊ पधारने का सिलसिला आज दिन दिन भर जारी रहा। आज पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, यू.ए.ई. एवं माॅरीशस की छात्र टीमों के लखनऊ पधारने पर विद्यालय के छात्रों व शिक्षकों ने फूल-मालायें पहनाकर भव्य स्वागत किया। अपने लखनऊ आगमन पर यह छात्र दल काफी प्रसन्नचित व उत्साहित दिख रहे थे तथापि भारतीय संस्कृति के अनुसार हुए अपने स्वागत से यह छात्र दल काफी प्रभावित दिखे। महोत्सव में प्रतिभाग हेतु विभिन्न देशों से पधारी छात्र टीमों में चिल्ड्रेन्स आर्ट सर्किल, कोलम्बो, श्रीलंका, हबीब पब्लिक स्कूल, कराची, पाकिस्तान, एस.एल.एस. माॅन्टेसरी एण्ड हाई स्कूल, रावलपिंडी, पाकिस्तान, ट्रिनटी इण्टरनेशनल स्कूल, नेपाल, मालपी इण्टरनेशनल स्कूल, नेपाल, डेलही प्राइवेट स्कूल, दुबई, यू.ए.ई. एवं माॅरीशस का छात्र दल प्रमुख हैं।
इसके अलावा आज देश के विभिन्न प्रान्तों की अनेक छात्र टीमों का भी आगमन हुआ, जिनमें अमरज्योति सरस्वती इण्टरनेशनल स्कूल, गुजरात, बी.सी.एम. आर्य माडल सी.से. स्कूल, पंजाब, के.डी.एम.ए. वल्र्ड, कानपुर, लामार्टिनियर फाॅर गल्र्स, कोलकाता, मल्लिकार्जुन स्कूल, उत्तराखंड, सेंट माक्र्स सी.से. पब्लिक स्कूल, नई दिल्ली, सनबीम इंग्लिश स्कूल, लहरतारा, वाराणसी, मार्डन स्कूल, नई दिल्ली, बिलाबाग इण्टरनेशनल हाई स्कूल, भोपाल, म.प्र., शारदा मंदिर स्कूल, गोवा आदि प्रमुख हैं। इन प्रतिभागी टीमों का भी आज लखनऊ पधारने पर भारतीय परम्परा के अनुसार भव्य स्वागत हुआ। श्री शर्मा ने बताया आज देर रात व कल प्रातः तक देश-विदेश से कई और छात्र टीमें पधारेंगी।
श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. इन्दिरा नगर कैम्पस द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय विश्व एकता व विश्व शांति महोत्सव ‘काॅन्फ्लुएन्स-2012’ का आयोजन 8 से 11 नवम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में किया जा रहा है। इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव में प्रतिभाग हेतु नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, माॅरीशस, दुबई, ईरान, बांग्लादेश, यू.ए.ई. एवं भारत के विभिन्न प्रान्तों से लगभग 500 से अधिक छात्र लखनऊ पधार रहे हैं। श्री शर्मा ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव का भव्य उद्घाटन कल दिनाँक 8 नवम्बर, वृहस्पतिवार को सायं 5.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित हो रहा है। इस अवसर पर श्री राजन शुक्ला, आई.ए.एस., सचिव, उ.प्र. शासन, मुख्य अतिथि होंगे तथापि
सी.एम.एस. छात्र देश-विदेश से पधारी प्रतिभागी छात्र टीमों के सम्मान में रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सर्वाधिक पदकों के लिए देश-विदेश की टीमों में रही होड़

Posted on 31 October 2012 by admin

इण्टरनेशनल मैथमेटिक्स एण्ड साइन्स ओलम्पियाड (आई.एम.एस.ओ.-2012) का तीसरा दिन

imso_day3-competitionसिटी मोन्टेसरी स्कूल, आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की मेजबानी में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चल रहे इण्टरनेशनल मैथमेटिक्स एण्ड साइन्स ओलम्पियाड (आई.एम.एस.ओ.-2012) का तीसरा दिन बेहद दिलचस्प रहा। सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आज जहाँ एक ओर विश्व के 12 देशों से पधारे छात्रों ने साइंस एक्सपेरीमेन्ट्स एवं एक्सप्लोरेशन विद मैथमेटिक्स जैसी रोचक प्रतियोगिताओं में गणित व विज्ञान के ज्ञान का भरपूर प्रदर्शन किया तो वहीं दूसरी ओर सायंकालीन सत्र में अपने-अपने देशों के लोकनृत्यों की अनूठी छटा से सभी को भावविभोर कर दिया। आई.एम.एस.ओ.-2012 की प्रतियोगिताओं में देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों का उत्साह देखने लायक था, सभी छात्र टीमें ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने की कोशिश में अपने ज्ञान-विज्ञान का प्रदर्शन करने में किसी से पीछे नहीं थे। सी.एम.एस. कानपुर रोड का विशाल परिसर आज एक ‘ग्लोबल विलेज’ का नजारा प्रस्तुत कर रहा था जहाँ 12 देशों ताइवान, चीन, फिलीपीन्स, इण्डोनेशिया, थाईलैण्ड, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, नेपाल, नाइजीरिया, श्रीलंका व भारत के प्रतिभाशाली छात्र अपने ज्ञान-विज्ञान का अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रहे हैं। ज्ञातव्य हो कि 13 वर्ष से कम आयु के छात्रों के लिए यह अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पियाड (आई.एम.एस.ओ.-2012) पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है जिसकी संयोजिका सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती स्वप्ना मंशारमानी है। इस अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पियाड में विश्व के 12 देशों से लगभग 600 छात्र व विशेषज्ञ अपनी भागीदारी दर्ज करा रहे हैं।
आई.एम.एस.ओ.-2012 के तीसरे दिन का शुभारम्भ आज प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी के सारगर्भित उद्बोधन से हुआ जिन्होंने अपनी ओजस्वी वाणी से देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों में अभूतपूर्व उत्साह व आत्मविश्वास का संचार किया। अपने संबोधन में डा. गाँधी ने प्रतिभागी छात्रों के उत्साह व लगन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन छात्रों में कुछ नया कर दिखाने का इतना जोश है कि यही जोश मानवजाति के विकास का पथ प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती न ही यह किसी देश की सीमा में बाँधकर रखा जा सकता है। वैज्ञानिक प्रगति व आध्यात्मिक, नैतिक विचारों के मिलन से ही मानवता की प्रगति सम्भव है और यही आदर्श विश्व व्यवस्था की आधारशिला भी है।
imso_day3-lucknow-visit1 आई.एम.एस.ओ.-2012 एक्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य व थाईलैण्ड से पधारे प्रख्यात शिक्षाविद् डा. प्रमोट ने बताया कि इस ओलम्पियाड के प्रश्नपत्रों को बनाने में कई देशों के गणितज्ञों व विज्ञान विशेषज्ञों का योगदान होता है एवं इसके पश्चात एक उच्चस्तर की कमेटी फाइनल प्रश्नों का चुनाव कर प्रश्नपत्र तैयार करती है।
नाइजीरिया से पधारे शिक्षाविद् श्री कालू इंडिका कालू व श्री अजाकाये एबेनजर ने आई.एम.एस.ओ.-2012 की संयोजिका व सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती स्वप्ना मंशारमानी व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी की भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा कि नाइजीरिया के छात्रों को भारतीय वेषभूषा व खानपान बहुत भा रहे हैं। लोगों में बहुत आत्मीयता है व शिक्षा का स्तर भी सराहनीय है। किताबी ज्ञान के अतिरिक्त गाँधी जी जो विश्व एकता व विश्व शान्ति की शिक्षा दे रहे हैं, वह अनुकरणीय है। इसी प्रकार थाईलैण्ड से पधारे शिक्षाविद्
श्री जिन्डानूवाट जिराट और निपापोर्न युनप्रास्कृत ने कहा कि कल उन्होंने लखनऊ भ्रमण किया और इस यादगार पलों वे कभी भूल नहीं पायेंगे। लखनऊ की संस्कृति व सभ्यता सचमुच अनूठी है। चीन से पधारी शिक्षिका सुश्री ही क्विंग जीजियांग ने कहा कि यहाँ का साँस्कृतिक कार्यक्रम उन्हें बहुत पंसद आया और अपने देश में अपने विद्यालय के छात्रों को भी वे एकता व शांति का पाठ पढ़ायेंगी। श्रीलंका से पधारी डा. एस. के. गालाटिया ने कहा कि उनके देश के सर्वश्रेष्ठ छात्र एक विशेष चयन परीक्षा के बाद यहाँ आये हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके छात्र सर्वाधिक पदक जीतने में सफल होंगे। श्रीलंका से ही पधारी श्रीमती आर.ए.एस.पी. रानावत व श्रीमती सुलोचना ने कहा कि बच्चों को शुरू से ही गणित व विज्ञान की शिक्षा मिलनी चाहिए, साथ ही नैतिक शिक्षा भी प्रदान करनी चाहिए जिससे वे अपने ज्ञान का दुरुपयोग न करें।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सांय सत्र में देश विदेश की प्रतिभागी टीमों ने शानदार शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया और नाटक, गीत, नृत्य इत्यादि द्वारा अपने देश की संस्कृति की झलक पेश की और दर्शकों का दिल जीत लिया। श्री शर्मा ने बताया कि अभूतपूर्व सफलता की दास्तान लिखने वाला यह अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पियाड कल सम्पन्न हो जायेगा। कल अपरान्हः 3.00 बजे आई.एम.एस.ओ.-2012 का ‘‘समापन व पुरस्कार वितरण’’ समारोह सी.एम.एस. कानपुर रोड में आयोजित हो रहा है जिसमें देश-विदेश के विजयी प्रतिभागियों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया जायेगा। इस अवसर पर श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, आई.ए.एस., सचिव, शिक्षा, उ.प्र., मुख्य अतिथि के रूप में पधारकर विजयी छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित करेंगे तथापि सी.एम.एस. छात्र देश-विदेश से पधारे बाल गणितज्ञों व प्रख्यात गणित विशेषज्ञों के सम्मान में रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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इण्टरनेशनल मैथमेटिक्स एण्ड साइन्स ओलम्पियाड (आई.एम.एस.ओ.-2012)

Posted on 30 October 2012 by admin

अद्वितीय प्रतिभा का प्रदर्शन किया देश-विदेश के छात्रों ने

cultural_imso1participants_imso1सिटी मोन्टेसरी स्कूल, आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की मेजबानी में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित हो रहे चार दिवसीय इण्टरनेशनल मैथमेटिक्स एण्ड साइन्स ओलम्पियाड (आई.एम.एस.ओ.-2012) के दूसरे दिन आज 12 देशांे से पधारे छात्रों ने गणित व विज्ञान विषयों में अपने ज्ञान-विज्ञान का जबरदस्त प्रदर्शन किया। सैद्वान्तिक प्रश्नावली पर आधारित आज की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग हेतु देश-विदेश के छात्रों ने खूब रुचि दिखाई व पूरे उत्साह व जोश से अपनी ज्ञान का प्रदर्शन किया। इसके अलावा विभिन्न देशों से पधारे गणित व विज्ञान के विशेषज्ञों से भी छात्रों ने खूब मार्गदर्शन प्राप्त किया। ज्ञातव्य हो कि 13 वर्ष से कम आयु के छात्रों के लिए यह अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पियाड पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है जिसकी संयोजिका सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती स्वप्ना मंशारमानी है। इस अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पियाड में विश्व के 12 देशों ताइवान, चीन, फिलीपीन्स, इण्डोनेशिया, थाईलैण्ड, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, नेपाल, नाइजीरिया, श्रीलंका व भारत के विभिन्न प्रान्तों से लगभग 600 छात्र व विशेषज्ञ अपनी भागीदारी दर्ज करा रहे हैं।
इससे पहले आई.एम.एस.ओ.-2012 के दूसरे दिन का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन व सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी के सारगर्भित अभिभाषण से हुआ। इस अवसर पर बोलते हुए डा. गाँधी ने कहा कि विद्यालय समाज का प्रकाश स्तम्भ है और आधुनिक युग के विद्यालयों का दायित्व बनता है कि वे अपने छात्रों को विज्ञान व आध्यात्म का समग्र ज्ञान उपलब्ध करायें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस अनूठे ओलम्पियाड से सहभागिता, भाईचारा, दोस्ती, प्रेम व शान्ति का जो प्रकाश निकलेगा व विश्व के सभी देशों में फैलकर सम्पूर्ण विश्व को एकता के सूत्र में पिरो देगा।
इण्डोनेशिया से पधारी आई.एम.एस.ओ.-2012 के एक्जीक्यूटिव बोर्ड की अध्यक्षा सुश्री अलवीरा ने इस आयोजन पर भूरि-भूरि प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस ओलम्पियाड को जितने अच्छे ढंग से यहाँ सम्पन्न किया जा रहा है, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम होगी। इससे पहले 6 वर्षो तक यह प्रतियोगिता इण्डोनेशिया में आयोजित की गई और पिछले वर्ष फिलीपीन्स में सम्पन्न हुई, परन्तु इस वर्ष सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. की मेजबानी में सम्पन्न हो रहा यह ओलम्पियाड अपने आप में अद्धितीय है, जो भारत की महान संस्कृति व सभ्यता का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। सुश्री अलवीरा ने इस आयोजन हेतु सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी एवं सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की प्रधानाचार्या व संयोजिका श्रीमती स्वप्ना मंशारमानी की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए  एकता व शान्ति के प्रयासों हेतु हार्दिक आभार व्यक्त किया।
participants_imso3 फिलीपीन्स से पधारे प्रख्यात गणितज्ञ व आई.एम.एस.ओ.-2012 एक्जीक्यूटिव बोर्ड के वाइस-चेयरमैन डा. साइमन चुआ ने कहा कि गणित व विज्ञान में पारंगत होने से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ता है व नई खोजें करने में व सक्षम होते है। इन छात्रों में बहुत प्रतिभा व ज्ञान छिपा हुआ है, हमारा काम है इनके अन्दर छिपी प्रतिभा को अवसर प्रदान करना। इस अनूठे ओलम्पियाड का आयोजन इसी सोच का परिणाम है। ताइवान से पधारे जाने-माने गणितज्ञ व आई.एम.एस.ओ.-2012 एक्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य प्रो. वेन सीन सुन ने कहा कि गणित से छात्रों में तार्किक शक्ति व बुद्धिमत्ता दोनों का विकास होता है। विज्ञान के नियम सभी देशों में एक समान लागू होते हैं, जरूरत यह है कि इस ज्ञान को कक्षा की चारदीवारी से निकालकर समाज के रचनात्मक विकास में उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि इस ओलम्पियाड में हम गणित व विज्ञान की सभी विधाओं में छात्रों के ज्ञान को, उनकी रुचि को व उनकी जिज्ञासाओं को टटोलने का प्रयास कर रहे हैं। आई.एम.एस.ओ.-2012 एक्जीक्यूटिव बोर्ड के एक अन्य सदस्य, थाईलैण्ड से पधारे डा. प्रमोट कजोर्नपाई ने भारत के बच्चों की तारीफ की व इस ओलम्पियाड को छात्रों के सम्पूर्ण विकास हेतु मील का पत्थर बताया।
प्रतियोगिताओं के उपरान्त सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस में आज लघु विश्व का अद्भुद नजारा देखने को मिला जहाँ विभिन्न देशों से पधारे एक-दूसरे से ऐसे घुलमिल गये कि देश, प्रान्त, भाषा आदि की विविधता ढूंढे नही दिखाई दे रही थी। इस अवसर पर विभिन्न देशों से पधारे मेधावी छात्रों ने प्रतियोगिताओं पर अपने अनुभव भी बांटे। दक्षिणी अफ्रीका से पधारे प्रतिभागी छात्रों को यह participants_imso2प्रतियोगिता मुश्किल किन्तु दिलचस्प लगी। जहाँ एक ओर डर्बन शहर से पधारी रिबेका फाॅक्सन ने लखनऊ व आगरा घूमने की जिज्ञासा दिखाई तो वहीं दूसरी ओर प्रिटोरिया शहर से पधारी कैरीस टेªथन व जोहानिस्बर्ग से पधारी डैनियल नायडू ने कहा कि भारत उनके दादा परदादा का देश है। यहां आने से उनका सपना पूरा हुआ है। इसी प्रकार नेपाल, चीन व इण्डोनेशिया के छात्रों ने भी भारतीय संस्कृति में काफी दिलचस्पी दिखाई। देश-विदेश से पधारे इन छात्रों ने प्रतियोगिताओं के उपरान्त आज लखनऊ दर्शन का भी खूब आनन्द उठाया।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस सम्मेलन में प्रतियोगिताओं का दौर कल भी जारी रहेगा। ओलम्पियाड के तीसरे दिन कल 31 अक्टूबर को साइंस एक्सपेरीमेन्ट्स एवं एक्सप्लोरेशन विद मैथमेटिक्स जैसी रोचक प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इसके अलावा सायं 6.00 बजे 12 देशों से पधारी प्रतिभागी छात्र टीमें रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की अनूठी छटा प्रस्तुत करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लाहौर के शादमान चैक को शहीदे आज़म भगतसिंह चौक के नाम से घोषणा

Posted on 30 September 2012 by admin

pak1pak2pak3pak4पाकिस्तान के लाहौर में शादमान चैक को भगतसिंह चैक बनाने की घोषणा स्थानीय सरकार द्वारा की गई है। यह वहीं जगह है जहां भगतसिंह को फांसी दी गई थी जो कि पहले लाहौर जेल का फांसी घर था।  अब से इस जगह को भगतसिंह चौक के नाम से जाना जाएगा। पाकिस्तान के प्रगतिशील और मज़दूर आंदोलनों व साथ साथ करोड़ों भारतवासीयों के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलिब्ध है। पाकिस्तान के विभिन्न संगठन व पार्टी खासतौर पर लेबर पार्टी पिछले कई वर्षो से इस मांग को उठाते रहे हैं। क्योंकि उनका मानना है कि भगतसिंह पाकिस्तान का सबसे बड़े शहीद हैं। भगतसिंह लाहौर शहर में ही  पले-बढ़े व उन्होंने अपना राजनैतिक संघर्ष वहीं शुरू किया व उसी शहर में ही उनकी शहादत हुई। वे इस पूरे उपमहाद्वीप के साझी विरासत के प्रतीक है जिसे दोनों ही मुल्क हिन्दुस्तान व पाकिस्तान काफी शिद्दत से मानते हैं। ज्ञातव्य रहे कि इस वर्ष मई में राष्ट्रीय वनजन श्रमजीवी मंच के राष्ट्रीय सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रतिनिधि मंड़ल आया था उन्होंने तय किया था कि लाहौर में शादमान चैक पर भगतसिंह के जन्मदिन पर इस चैक को भगतसिंह के नाम से बनाने के लिए दोनों देशों के लोगों द्वारा एक मुहिम शुरू की जाएगी। इस मुहिम की शुरूआत लेबर पार्टी द्वारा शुरू की गई। इसी मांग को पूरा करने के लिए 28 सितम्बर 2012 को लाहौर के सर दयाल सिंह लाईब्रेरी हाल में भगतसिंह का जन्मदिन बनाने का व्यापक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसका आयोजन वहां के 40 संगठनों द्वारा किया गया था। उसी समारोह में भारत से भी 32 लोगों को शिष्ट मंड़ल जाना था लेकिन पाकिस्तान की फैडरल केन्द्रीय सरकार ने वीज़ा नहीं दिया। इस के कारण यह शिष्ट मंड़ल वहां नहीं पहुंच पाया। वीज़ा न दिए जाने पर दोनों देशों के जनसंगठनों में काफी रोष था। भारत से इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शिष्ट मंड़ल तो नहीं पहुंच पाया लेकिन शहीदे आज़म भगतसिंह चैक की घोषणा ने उनके उत्साह को और भी बढ़ा दिया है। इस कार्यक्रम को पाकिस्तान के प्रगतिशील संगठनों ने सफल कार्यक्रम बनाया व भगतसिंह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में केक भी काटा गया। इस कार्यक्रम का पाकिस्तान की मीडिया ने भी सराहना की, द डाॅन ने शादमान चैक को शहीदे आज़म भगतसिंह चैक के नाम की घोषणा को प्रमुखता से प्रकाशित किया है । इसी की वजह से लाहौर के स्थानीय प्रशासन व पंजाब के प्रांतीय सरकार के निर्देश पर चैक का नामकरण शहीदे आज़म भगतसिंह के नाम से किया गया। सरहद के दोनों पार के आम लोगों के लिए यह बेहद ही खुशी का मौका है और संजयगर्ग (पूर्व राज्य मंत्री), अशोक चौधरी, किरणजीत संधु (भगतसिंह के भतीजे) व रोमा ने पाकिस्तान की पंजाब की प्रोविन्शियल सरकार एवं लाहौर जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारत मुख्य भूमिका निभाने के लिए तैयार

Posted on 23 August 2012 by admin

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कनजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने सूचना दी है कि सितंबर 2012 में होने वाले आगामी वर्ल्ड कनजर्वेशन कांग्रेस (डब्ल्यूसीसी) में भारत मुख्य भूमिका निभाने के लिए तैयार है। यह आयोजन कोरिया गणराज्य के जेजु द्वीप में 6-15 सितंबर 2012 के दौरान होने वाला है। इसमें दुनिया भर के करीब 8000 डेलीगेट हिस्सा लेंगे। इनमें सरकारी, गैर सरकारी संगठनों, कारोबारों, यूएन एजेंसियों और सामाजिक संगठनों के अग्रणी लोग हिस्सा लेंगे और पर्यावरण व विकास से संबंधित दुनिया के सबसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों तथा दुनिया भर के संरक्षण एजंडा के अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। जाने-माने भारतीय, भारत में हरित क्रांति के पितामह प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन और आईयूसीएन के प्रेसिडेंट डॉ. अशोक खोसला दुनिया भर के इस अग्रणी सम्मेलन में संरक्षण के सभी पहलुओं का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ प्रमुख एजंडा पर चर्चा करेंगे। नेचर्स बिग वन कहा जाने वाला डब्ल्यूसीसी सही समय पर हो रहा है। यह रियो ़20, स्थायी विकास पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन और जैव विविधता पर सम्मेलन के पक्षों के 11वें सम्मेलन (सीबीडी सीओपी 11) के बीच में निर्धारित किया गया है। डब्ल्यू सीसी 2012 पर्यावरण पर रियो ़20 के अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप के नतीजों को अनुसंधान, नीति और कार्यक्रम की भिन्न दिशाओं में लिंक करेगा। इससे सीबीडी सीओपी 11 में चर्चा पर प्रभाव पड़ेगा। भारत 8-15 अक्तूबर के दौरान इसका आयोजन हैदराबाद में कर रहा है। डब्ल्यूसीसी के लिए भारत के एजंडा का खुलासा इस संबंध में किए गए एक आयोजन के दौरान किया गया। आईयूसीएन ने यह आयोजन दिल्ली में 21 जुलाई 2012 को किया। प्रो स्वामीनाथन, डॉ. खोसला, वन व पर्यावरण मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री बीएमएस राठौड़, आईयूसीएन की इंडिया कंट्री प्रतिनिधि सुश्री मीनाक्षी दत्ता घोष ने जेजु में होने वाले आयोजन के संदर्भ में भारत की विस्तृत भूमिका और अपेक्षाओं के संबंध में जानकारी दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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