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डा0 रामविलास षर्मा जन्म-षताब्दी समारोह,उन्नाव

Posted on 19 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेष में उन्नाव, कानपुर व लखनऊ के करीब डेढ़ दर्जन साहित्यिक-सांस्कृतिक व सामाजिक संगठनों ने संयुक्त आयोजन समिति गठित कर जाने माने आलोचक, विचारक व डा0 रामविलास षर्मा एवम् मषहूर कथाकार सआदत हसन मण्टो की जन्म षताब्दी के इस दौर में वर्श भर की कार्यक्रम श्रंखला का आयोजन तय किया है। इस कार्यक्रम-श्रंखला की षुरूआत ‘डा0 राम विलास षर्मा (जिनकी सौवीं जयन्ती दस अक्टूबर 2012 को थी) जन्म षताब्दी षमारोह’ के रूप  में 13-14 अक्टूबर 2012 को उन्नाव में दो दिवसीय आयोजन के साथ हुई ।(डा0 राम विलास षर्मा का जन्म 100वर्श पहले 10 अक्टूबर 1912 को उन्नाव की पुरवा तहसील के गाॅव ऊॅचगाॅव सानी में हुआ था)
कानपुर, लखनऊ षहर सहित उन्नाव के करीब डेढ़ दर्जन साहित्यिक, सास्ंकृतिक व सामाजिक सगंठनों की संयुक्त आयोजन समिति ने डा0 रामविलास षर्मा और सआदत हसन मण्टो के इस जन्म षताब्दी  दौर में वर्श भर कार्यक्रमों आयोजनों की योजना बनाई है। आयोजन समिति ने ‘षताब्दी व्याख्यान समारोह’ में पारित प्रस्ताव- उॅचगाॅव सानी स्थित डा0 रामविलास जी का आवास राश्ट्रीय विरासत स्थल घोशित हो, इस प्रस्ताव पर व्यापक हस्ताक्षर अभियान जारी किया है। साथ ही समिति के घटक संगठनों के संयुक्त प्रयासों से ‘साहित्य लोक यात्रा’ तथा ‘षताब्दी व्याख्यान समारोह’ सहित अन्य संदर्भो को संकलित कर एक वृत्रचित्र तथा वृत्रिका पुस्तक संपादन का प्रस्ताव लिया है। आगे के दौर में समिति प्रकाषन के जरिये भी व्यापक तौर पर अपने सरोकारों को आयाम देगी। इसी कम्र में रिपोर्ट 1 जारी की जा रही है।
इस उद्घाटक आयोजन की षुरुआत 13 अक्टूबर 2012, षनिवार को महाप्राण निराला उद्यान, सिविल लाइन, उन्नाव, - निराला प्रतिमा पर पुश्पांजलि उपरान्त उन्नाव नगर से डा0 रामविलास षर्मा के जन्म स्थान-ऊॅचगाॅव सानी तक ‘साहित्य लोक यात्रा’ के आयोजन द्वारा हुई। यह ‘साहित्यिक लोक यात्रा ’ उन्नाव में जन्में हिन्दी के विख्यात साहित्यिकारों-रचनाकारों के जन्म-स्थलों से होकर गुजरी। उन्नाव जि़ले के बदरका (अमर षहीद क्राान्तिकारी चन्द्रषेखर आज़ाद की ननिहाल) होते हुए ‘साहित्यिक लोक यात्रा’ विख्यात कवि गया प्रसाद षुक्ल ‘सनेही’ के गाॅव हड़हा ;गद्य लेखक, नाटककार व सम्पादक प्रताप नारायण मिश्र के गाॅव बैजेगाॅव बेथर ;अवधी में हास्य-विधा के षीर्श कवि रमई काका के गाॅव रावतपुर के रास्ते डा0 षर्मा के गाॅव ऊॅचगाॅव सानी पहुॅची। ‘साहित्य लोक यात्रा’ में उन्नाव, कानपुर, लखनऊ के साहित्य-संस्कृति कर्मियों, साहित्यप्रेमियों और जनकर्मियों के साथ उद्घाटक आयोजन के अतिथि- राॅची से प्रख्यात आलोचक डा0 रविभूशण, नई दिल्ली से डा0 रामविलास षर्मा के पुत्र लेखक सम्पादक डा0 विजय मोहन षर्मा तथा कवि-लेखक सुरेष सलिल, एवम् हैदराबाद से कवि-लेखक-सम्पादक षषि नारायण ‘स्वाधीन’ षामिल थे।
डा0 रामविलास षर्मा के गाॅव ऊॅचगाॅव सानी में आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए डा0 रविभूशण(रांची) ने कहा कि हिन्दी साहित्य और आलोचना की दुनिया में डा0 रामविलास षर्मा का जो कद है, मौजूदा भारतीय राजनीति के अपने क्षेत्र में वैसा उन्नत कद  आज के दौर के किसी भी राजनेता का नही है। स्वाधीन (हैदराबाद) ने अपने सम्बोधन में कहा कि डा0 षर्मा ने भाशा और साहित्य ही नही, वरन संगीत और स्थापत्य के कलाक्षेत्रों में मौलिक चिन्तन व रचनाकर्म किया। डा0 पंकज चतुर्वेदी (कानपुर) ने डा0 षर्मा द्वारा महाकवि निराला के अनूठे रचनाकर्म की समीक्षा व आलोचना को याद किया। डा0 विजय-मोहन षर्मा (नई दिल्ली) ने बताया कि रामबिलास जी ने जीवन में उन्हें मिले तमाम पुरस्कारों-सम्मानों की धनराषि षिक्षा के उन्नयन हेतु विभिन्न षिक्षा संस्थाओें को दे दी । उन्होनें जोर दिया कि हमारें गाॅवों में व्याप्त षिक्षा की दुर्दषा समाप्त होनी चाहिए। जनसभा के बाद ‘साहित्य लोक यात्रा’ ऊचगाॅव सानी से विख्यात आलोचक-लेखक आचार्य नन्ददुलारे-बाजपेई के गाॅव मगरायर और महाकवि सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ के गाॅव गढ़ाकोला होते हुए वापस उन्नाव लौटी ।
13 अक्टूबर की षाम उन्नाव नगर स्थित कात्यायन गेस्ट हाउस में साहित्यकार-सम्वाद तथा डा0 षर्मा पर वृत्रचित्र का आयोजन हुआ। इस मौके पर डा0 विजय मोहन षर्मा द्वारा रामविलास जी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर इग्नू द्वारा निर्मित वृत्रचित्र ‘एक अडिग विष्वास ’तथा कुछ अन्य पारिवारिक चित्रों(वीडिओज)का प्रदर्षन किया गया। साहित्यकार सम्वाद में रामविलास जी द्वारा साहित्य, समाज, भाशा, इतिहास, दर्षन, संस्कृति, आलोचना, के विभिन्न क्षेत्रों में जो विपुल लेखन (100 से ज्यादा पुस्तकों के रुप में ) किया गया-उसके महत्व और प्रासॅगिकता पर विचार विमर्ष हुआ।
14अक्टूबर 2012 को उन्नाव के कात्यायन गेस्ट हाउस परिसर में ही ‘षताब्दी व्याख्यान समारोह’ का आयोजन हुआ। आयोजन की षुरुआत अतिथि-वक्ताओं के द्वारा संयुक्त आयोजन समिति के लिए कुमार दिनेष प्रियमन द्वारा तैयार किए गए डा0 रामविलास षर्मा पर, फोल्डर -…..‘केवल जलती मषाल’ …. के लोकार्पण के साथ हुई , जिसकी प्रस्तुति डा0 पकॅज चर्तुवेदी (कानपुर) द्वारा की गई।
व्याख्यान-विशय:‘षताब्दी के महान लेखक -विचारक डा0 रामविलास षर्मा:‘व्यक्ति और विचार’ पर बोलते हुए प्रख्यात आलोचक डा0 रवि भूशण ने रामविलास जी के बहुआयामी व्यक्तित्व और महत्व को रेंखाकिंत किया। उन्होनें कहा कि वह केवल अकादमिक दुनिया के व्यक्तित्व नही थे, उनका सरोकार भारतीय आमजन , समय के सवालो और चिन्ताओं से था । उनका सबसे बड़ा सपना था कि इस देष को कैसे बदला जाये और उसकी दिषा क्या हो। उन्होने कहा कि रामविलास जी के चिन्तन के मद्देनज़र उनकी जन्म षताब्दी को साम्ाज्यवाद और विदेषी पूंजी के प्रखर विरोध से देखना और याद करना चाहिये। साम्ाज्यवाद के सवाल पर  उनके अनुसार डा0 रामविलास षर्मा एडवर्ड सईद व नाॅम चामस्की के साथ दुनिया के तीसरे चिन्तक-विचारक    है। उन्नाव, कानपुर ,लखनऊ के विभिन्न संगठनो द्वारा इस आयोजन को प्रेरक बताते हुए उन्होने कहा कि उॅचगाॅव सानी स्थित डा0 रामविलास जी का आवास राश्ट्रीय विरासत स्थल घोशित हो, इसकी मांग उन्नाव की जनता व उनके जनप्रतिधि उत्तर प्रदेष व केन्द्र सरकार से पुरजोर ढगं से करे, इस मांग पर एक प्रस्ताव भी लाया गया।
डा0 विजय मोहन षर्मा ने याद दिलाया कि रामविलास जी जिस हिन्दी जाति की बात करते थे वह सभी हिन्दी बोलने वालों की है और उन्हें अपनी भाशा पर गर्व करना चाहिये। दुनिया के अन्य देषों में अपने साहित्यकारों रचनाकारों को सहेजनें और उनकी स्मृतियों, कृतियों को संरक्षित करने की जो परम्परा है, भारत और ख़ासकर हिन्दीपट्टी में नही है। इलाहाबाद विष्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के डा0 प्रणय कृश्ण (महासचिव -जनसंस्कृति मंच)ने अपने संबोधन में याद दिलाया कि डा0 रामविलास षर्मा ने अपने लेखन से यह महत्वपूर्ण सदेंष दिलाया था कि कोई भी देष उपनिवेषवादी जकड़न के साथ प्रगतिषील नही बन सकता और विदेषी पूॅजी से किसी देष समाज का विकास नही होता। उनके चिन्तन का यह महत्वपूर्ण पक्ष है। कि सत्रा मोह से बचना होगा लेकिन व्यवस्था को बदलना जरुरी है। उन्होने आगाह किया था कि गुलामी विदेषी पूजीं(मौजूदा दौर में एफ0डी0आई0) के जरिए केवल अर्थव्यवस्था में ही नही आती, यह हमारे सामाजिक व्यवहार-सोच में भी आती है-ऐसे कथित विकास को खारिज करना होगा। स्वाधीन (सम्पादक सेतु) ने अपने व्यक्तव्य में डा0 रामविलास षर्मा के सांस्कृतिक सोच पर रोषनी डाली, उन्होने सगींत, स्थापत्य सरीखे क्षेत्रों में भी कलम चलाई । वह मानते थे कि भारत के विकास के सूत्र इसकी संास्कृतिक विरासत में मौजूद है।
बनारस हिन्दू विष्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की श्रद्धा सिंह ने कहा कि डा0 राम विलास षर्मा को सबसे सच्ची श्रद्धांजलि वही है जैसा उन्होने खुद कहा था कि उन्हे नही ,बल्कि उन समस्याओं पर विचार होना चाहिये जो उनकी चिन्ता के विशय थे। उन्होने भक्ति आदोंलन के साथ भारत में लोक जागरण और 1857 के जन उभार के साथ हिन्दी नव जागरण को रेखांकित किया। कवि लेखक सुरेष सलिल डा0 रामविलास षर्मा और सआदत हसन मण्टो की जन्म षताब्दी के संयुक्त आयोजन और वर्श भर चलने वाले कार्यक्रमों को सकारात्मक सांस्कृतिक बदलाव की प्रक्रिया के रुप में देखा। उन्होने अनेक उद्धरणों केे जरिये रामविलास जी के काव्य पक्ष और कविताओं की खासियतों को रेखाकिंत किया । पूर्व प्राचार्य व लेखक डा0 जीवन षुक्ल(कन्नोज) ने अपने अध्यक्षीय प्रतिवेदन में डा0 रामविलास षर्मा को हिन्दी साहित्य व आलोचना का ऐसा षिखर पुरुश बताया जिन्होनेें भारत की सांस्कृतिक जमीन व भारत की विकास यात्रा के सूत्रों को चुना। पूर्वाग्रहों व रूढि़योें से मुक्त रहकर ऋग्वेद और माक्र्सवाद दोनो से भारतीय समाज और संस्कृति के विकास की दिषा खोजी।
राजबहादुर सिंह चन्देल (षिक्षक विधायक,सदस्य विधान परिसद) ने अतिथि वक्ताओं द्वारा डाÛ षर्मा पर प्रेरक व्यक्तव्यों हेतु आभार जताया । उन्होनें डा0 रामविलास षर्मा के ऊॅचगाॅव सानी स्थित आवास को राश्ट्रीय विरासत स्थल घोशित करवाने और इसे प्रदेष सरकार के समक्ष उठाने का आष्वासन दिया।
डा0 महेष चन्द्र ‘विधु’ एवम् डा0 रष्मि दीक्षित ने अतिथि वक्ताओं के प्रति आभार जताते हुए डा0 षर्मा पर अपने विचार रखे । आयोजन समिति की ओर से अरविन्द कुमार ‘कमल’ ने धन्यवाद ज्ञापन किया। संचालन कुमार दिनेष प्रियमन ने किया। अतिथि वक्ताओं को स्मृति चिन्ह व षाल भेट कर सम्मानित किया।
कानपुर, लखनऊ षहर सहित उन्नाव के करीब डेढ़ दर्जन साहित्यिक, सास्ंकृतिक व सामाजिक सगंठनों की संयुक्त आयोजन समिति ने डा0 रामविलास षर्मा और सआदत हसन मण्टो के इस जन्म षताब्दी  दौर में वर्श भर कार्यक्रमों आयोजनों की योजना बनाई है। आयोजन समिति ने ‘षताब्दी व्याख्यान समारोह’ में पारित प्रस्ताव- उॅचगाॅव सानी स्थित डा0 रामविलास जी का आवास राश्ट्रीय विरासत स्थल घोशित हो, इस प्रस्ताव पर व्यापक हस्ताक्षर अभियान जारी किया है। साथ ही समिति के घटक संगठनों के संयुक्त प्रयासों से ‘साहित्य लोक यात्रा’ तथा ‘षताब्दी व्याख्यान समारोह’ सहित अन्य संदर्भो को संकलित कर एक वृत्रचित्र तथा वृत्रिका पुस्तक संपादन का प्रस्ताव लिया है। आगे के दौर में समिति प्रकाषन के जरिये भी व्यापक तौर पर अपने सरोकारों को आयाम देगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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फोर्टिस ऐस्काॅट्र्स हार्ट इंस्टीट्यूट ने स्वास्थ्य वार्ता और सीएमई का आयोजन किया

Posted on 21 February 2012 by admin

भारत में पूर्णतः हृद्य देखभाल को समर्पित केंद्र, फोर्टिस ऐस्काटर््स हार्ट इंस्टीट्यूट(एफईएचआई) ने लायंस क्लब कानुपर के सहयोग से, गंगा क्लब के रूबी डायमंड हाॅल में सायं 5.30 बजे एक स्वास्थ्य वार्ता का आयोजन किया। इसके बाद, शाम 8 बजे के बाद, होटल के.डी. पैलेस में कार्डियक सर्जरी में रूझानों पर एक कंटीन्युअस मेडिकल एजुकेषन प्रोग्राम का आयोजन किया गया।

वैज्ञानिक चर्चा कार्डियक सर्जरी से संबंधित दो प्रमुख विषयांे पर केंद्रित रहीः

1.    2012 में सीएडी (कोरोनरी आर्टरी डिसीज) का वर्तमान प्रबंधन: 2012
2.    जन्मजात हृद्य रोग का कैथेटर आधारित उपचार

स्वास्थ्य वार्ता में ‘‘हृद्य रोगों और मधुमेह के वर्तमान परिदृष्य’’ पर बोलते हुए, डा. सुभाष चंद्र, ऐसोसिएट डायरेक्टर इनवेसिव कार्डियोलाॅजी, एफईएचआई ने कहा, ‘‘हृद्य धमनी रोग का उपचार रोग के लक्षणों को नियंत्रित करने और रोग की गति को धीमा करने या रोकने पर केंद्रित होता है। उपचार का तरीका, लक्षणों द्वारा निर्धारित अनेक कारकों, शारीरिक जांच और निदान जांचों के आधार पर निर्धारित किया जाता है। कई मामलों में, यदि रूकावट या ब्लाॅकेज 70 प्रतिषत से कम होती है और रक्त के प्रवाह में गंभीर रूप से रूकावट नहीं डालती, तो दवाइयों से ही इलाज करने को प्राथमिकता दी जाती है।’’

कार्डियक सर्जरी रूझानों की जानकारी देते हुए, डा. आषुतोष मारवाह , सीनियर कंसल्टेंट, पीडियाट्रिक कार्डियोलाॅजिस्ट, एफईएचआई ने कहा, ‘‘कैथेटर आधारित तकनीकें उभर कर सामने आई हैं ताकि अनेक सरल जन्मजात हद्य समस्याओं को सर्जिकल चीरों की बजाय इंट्रावस्कुलर प्रक्रियाविधियों से ठीक किया जा सके। हाइब्रिड प्रक्रिया की खोज से शानदार सफलता मिली है, जो जन्म के समय कम वज़न वाले षिषुओं के लिए भी नियमित रूप से प्रयोग की गई है।’’

यदि सभी आयु समूहों को शामिल किया जाए तो भारत में होने वाली सभी मौतों का 19 प्रतिषत दिल के रोगों के कारण होती हैं। 25-69 वर्ष के आयु वर्ग में दिल के रोगों के कारण हर वर्ष देष में किसी भी अन्य रोग की तुलना में सबसे अधिक मौतें होती हैं। यह पुरूषों और महिलाओं दोनों में, सभी क्षेत्रों में मौत का सबसे बड़ा कारण है। स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े अर्थषास्त्रियों ने दिल के रोगों में वृद्धि की दर को सीधे भारत की विकास दर से जोड़ना शुरू कर दिया है।

फोर्टिस ऐस्काॅर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के विषय में
भारत का पहला संपूर्ण समर्पित हृद्य देखभाल कंेद्र, फोर्टिस ऐस्काॅर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, भारत में सबसे अधिक तेज़ी से बढ़ रहे हस्पिटल नेटवर्क, फोर्टिस हैल्थकेयर लि. का हिस्सा है।

फोर्टिस ऐस्काॅर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट ने पिछले 22 वर्षों से अपने लीक से हट कर किए गए कार्य के साथ कार्डियक केयर (हृद्य देखभाल) में मानदंड स्थापित किए हैं। आज, इसे पूरी दुनिया में श्रेष्ठता केंद्र के रूप जाना जाता है जो कार्डियक बाईपास सर्जरी, मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (रोबोटिक्स), इंटरवेंशनल कार्डियोलाॅजी, नाॅन-इनवेसिव कार्डियोलाॅजी, पेडियाट्रिक कार्डियोलाॅजी और पेडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी में नवीनतम प्रौद्योगिकी उपलब्ध करा रहा है। अस्पताल को सर्वाधिक उन्नत प्रयोगशालाओं की मदद मिलती है जो न्यूक्लीयर मेडिसिन, रेडियोलाॅजी, बायोकैमिस्ट्री, हीमेटोलाॅजी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन और माइक्रोबायोलाॅजी के क्षेत्र में निदान जांचों की सम्पूर्ण श्रेणी उपलब्ध कराती हैं।

फोर्टिस ऐस्काॅर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के पास प्रतिभाशाली और अनुभवी डाॅक्टरों की टीम का एक विशाल समूह है, जिन्हें उच्च सुयोग्य, अनुभवी और समर्पित सपोर्ट स्टाफ व हाल ही में लगाई गई डुअल सीटी स्कैन जैसी नवीनतम प्रोद्योगिकी की मदद मिलती है। फिलहाल, 200 से अधिक कार्डियक चिकित्सक और 1600 कर्मचारी एक साथ मिल कर एक वर्ष में 14,500 भर्तियां करते हैं और 7,200 आपातकालीन मामले देखते हैं। अस्पताल में इस समय लगभग 310 बिस्तरों वाला बुनियादी ढांचा (यहां वर्तमान में 100 प्रतिशत बिस्तर भरे रहते हैं), अन्य विश्वस्तरीय सुविधाओं के अलावा 5 कैथ लैब हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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जनसूचना अभियान ग्रामीण क्षेत्रों के लिये उपयोगी -अध्यक्ष जिला पंचायत

Posted on 23 December 2011 by admin

269जनसूचना अभियान में 07लाख 37हजार की करेंसी का विनिमय

पत्र सूचना कार्यालय ,सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ,कानपुर तथा मंत्रालय के विभिन्न विभाग यथा डी0ए0वी0पी0,क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय गीत एवं नाटक प्रभाग,आकाशवाणी, दूरदर्शन तथा जिला प्रशासन आदि के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 22 दिसम्बर से 24 दिसम्बर 2011 तक जी0एस0ए0एस0 इण्टर काॅलेज मुरसान के प्रांगण में आयोजित भारत निर्माण जन सूचना अभियान के दूसरे दिन आज दिनांक 23.12.2011 को मुख्य अतिथि के रूप में पधारी जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती रामवती बघेल ने कहा कि भारत निर्माण जन सूचना अभियान ग्रामीण क्षेत्र के लिये लाभकारी एवं काफी उपयोगी है। एक साक्षात्कार में श्रीमती बघेल ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन यदि इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में किये जाये तो सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का सही लाभ मिल सकेगा।
कार्यक्रम में पधारेे अतिरिक्त मुख्य चिकित्साधिकारी डा0मन्नू मल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा संचालित जननी सुरक्षा योजना को सरकार प्राथमिकता पर ले रही है और ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव कराने पर क्रमशः 1400 रूपये एवं 1000 रू0 पारितोषिक के रूप में दिया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि जननी - शिशु सुरक्षा योजना कार्यक्रम के माध्यम से शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को कम किया जाये। उन्होने बताया कि उक्त योजनान्र्तगत आशा बहिन  को 600/रू0 पारितोषिक दिया जाता है।
चिकित्साधिकारी डा0 अरविन्द सेंगर ने कहा कि लड़का एवं लड़की में विभेद किये जाने की जरूरत नहीं है। भ्रूण जांच करवाना एवं कन्या भ्रूण हत्या एक कानूनी एवं सामाजिक अपराध है। आज के परिवेश में लड़कियों को भी लड़कों के समान बराबर का अवसर दिये जाने की जरूरत है। जिला विद्यालय निरीक्षक श्री सर्वेश कुमार ने शिक्षा के अधिकार पर चर्चा करते हुए बताया कि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये प्रत्येक विद्यालय को दस - दस कम्प्यूटर दिये जाने का प्राविधान है। सरकार का प्रयास है कि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जाये। इसके लिये आवश्यक संसाधनों का विस्तार भी किया जा रहा है। राजकीय बालिका इं0काॅलेज की प्राचार्या सुश्री निशा मधुर ने कहा कि आज की लड़कियां लड़कों से किसी भी प्रकार कम नहीं है, आवश्यकता है उन्हें अवसर एवं प्रोत्साहन देने की। उन्होंने कहा कि महिलाएं वेदों में पूज्यनीय कही गई है लेकिन पुरूष प्रधान समाज द्वारा हमेशा शोषण किया गया है।
रिजर्व बैंक आॅफ इण्डिया, कानपुर द्वारा लगाये गये स्टाॅल पर दो दिनांे में लगभगर 07लाख 37हजार रूपये की करेंसी एक्सचेंज किया गया। सहायक महाप्रबन्धक श्री अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि रिजर्व बैंक आॅफ इण्डिया द्वारा कई जनहित के कार्य किये जा रहे है। श्री गुप्ता ने बताया कि युवा विद्वान पुरस्कार योजना के तहत प्रतिवर्ष 150लोगों का चयन किया जाता है जहां अंशकालिक प्रशिक्षण देकर उनकी प्रतिभा को निखारा जाता है। प्रशिक्षण के दौरान रू07500/प्रतिमाह प्रशिक्षणार्थियों को स्टाइपेन्ड के रूप में दिये जाते है। श्री गुप्ता ने बताया कि इंजीनियरिंग,एम0बी0ए0,इत्यादि छात्रों के लिये विशेष रूप से आर0बी0आई0 द्वारा समर प्लेसमेंट कार्यक्रम चलाया जाता है। बैकिंग लोकपाल के सहायक सचिव श्री आर0एन0द्विवेदी ने कहा कि बैंको से संबधित जो भी शिकायत हो, कानपुर स्थित बैकिंग लोकपाल को इसकी शिकायत दे सकते है। इसका समाधान करने का प्रयास किया जायेगा।
कार्यक्रम मेें आार0बी0आई0 के पर्सनल अधिकारी श्री विजय सोमदेव, श्री राजेश शेखरी,राष्ट्रीय पशु आयुर्वेद अनुसंस्थान  लखनऊ के डा0आर0के0तिवारी एवं ई0वी0एम0मशीन प्रशिक्षक श्री राजेश कुमार शर्मा,सर्वोदय विकास संगठन के  श्री मतेन्द्र ंिसंह गहलोैत इत्यादि उपस्थित थे।
कार्यक्रम के आरंभ में पत्र सूचना कार्यालय के निदेशक श्री अरिमर्दन सिंह ने जन सूचना अभियान पर विस्तृत जानकारी दी। आगन्तुकों का स्वागत जन सूचना अभियान के नोडल अधिकारी डा0एम0एस0यादव तथा कार्यक्रम का संचालन मीडिया एवं संचार अधिकारी डा0नरसिंह राम ने किया। इस अवसर पर गीत एवं नाटक प्रभाग के पंजीकृत कलाकारों द्वारा शिक्षाप्रद ,सूचनाप्रद,एवं मनोरंजक जानकारियां  एवं कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय की चित्र प्रदर्शनी आम लोगों के आकर्षण का केन्द्र रही।  क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय अलीगढ़ एवं मुरादाबाद इकाई द्वारा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता एवं ज्ञानवर्धक चलचित्र प्रदर्शन का आयोजन किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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भारत निर्माण- जन सूचना अभियान योजनाओं के प्रचार-प्रसार का सशक्त माध्यम -जिलाधिकारी

Posted on 23 December 2011 by admin

372पत्र सूचना कार्यालय ,सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ,कानपुर तथा मंत्रालय के विभिन्न विभाग यथा डी0ए0वी0पी0,क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय गीत एवं नाटक प्रभाग,आकाशवाणी, दूरदर्शन तथा जिला प्रशासन आदि के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 22 दिसम्बर से 24 दिसम्बर 2011 तक जी0एस0ए0एस0 इण्टर काॅलेज मुरसान के प्रांगण में आयोजित भारत निर्माण जन सूचना अभियान के दूसरे दिन आज दिनांक 23.12.2011 को मुख्य अतिथि के रूप में पधारी जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती रामवती बघेल ने कहा कि भारत निर्माण जन सूचना अभियान ग्रामीण क्षेत्र के लिये लाभकारी एवं काफी उपयोगी है। एक व्यक्तिगत साक्षात्कार में श्रीमती बघेल ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन यदि ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाये तो सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का सही लाभ मिल सकेगा।
कार्यक्रम में पधारेे अतिरिक्त मुख्य चिकित्साधिकारी डा0नन्नूमल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा संचालित जननी सुरक्षा को सरकार प्राथमिकता पर ले रही है। और ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव कराने पर क्रमशः 1400 रूपये एवं 1000 रू0 पारितोषिक के रूप में दिया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि जननी शिशु सुरक्षा योजना कार्यक्रम के माध्यम से शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को कम किया जाये। उन्होने बताया कि उक्त योजनान्र्तगत आशा बहिन जी को 600/रू0 पारितोषिक दिया जाता है।
चिकित्साधिकारी डा0 अरविन्द सेंगर ने कहा कि लड़का एवं लड़की में विभेद किये जाने की जरूरत नहीं है। भ्रूण जांच करवाना एवं कन्या भ्रूण हत्या एक कानूनी एवं सामाजिक अपराध है। आज के परिवेश में लड़कियो को भी लड़कों के समान बराबर का अवसर दिये जाने की जरूरत है। जिला विद्यालय निरीक्षक श्री सर्वेश कुमार ने बताया कि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये प्रत्येक विद्यालय को दस दस कम्प्यूटर दिये जाने का प्राविधान है। सरकार का प्रयास है कि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जाये। इसके लिये आवश्यक संसाधनों का विस्तार भी किया जा रहा है। राजकीय बालिका इं0काॅलेज की प्राचार्या सुश्री निशा माथुर ने कहा कि आज की लड़कियां लड़कों से किसी भी प्रकार कम नहीं है आवश्यकता है उन्हें अवसर एवं प्रोत्साहन देने की उन्होने कहा कि महिलाएं वेदों में पूज्यनीय कही गई है। लेकिन पुरूष प्रधान समाज द्वारा हमेशा शोषण किया जाता है।
रिजर्व बैंक इण्डिया कानपुर द्वारा लगाये गये स्टाॅल पर दो दिनांे में लगभगर 07लाख 27हजार रूपये की करेंसी एक्सचेंज किया गया। सहायक महाप्रबन्धक श्री अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि रिजर्व बैंक आॅफ इण्डिया द्वारा कई जनहित के कार्य किये जा रहे है। श्री गुप्ता ने बताया कि युवा विद्वान पुरस्कार योजना के तहत प्रतिवर्ष 150लोगों का चयन किया जाता है। जहां अंशकालिक प्रशिक्षण देकर उनकी प्रतिभा को निखारा जाता है प्रशिक्षण के दौरान रू07500/प्रतिमाह प्रशिक्षणार्थियों को स्टाइपेन्ड के रूप में दिये जाते है। श्री गुप्ता ने बताया कि इंजीनियरिंग,एम0बी0ए0,इत्यादि छात्रों के लिये विशेष रूप से आर0बी0आई0 द्वारा समर प्लेसमेंट कार्यक्रम चलाया जाता है। बैकिंग लोकपाल के सहायक सचिव श्री आर0एन0द्विवेदी ने कहा कि बैंको से संबधित जो भी शिकायत है कानपुर स्थित बैकिंग लोकपाल को इसकी शिकायत दे सकते है। इसका समाधान करने का प्रयास किया जायेगा।
कार्यक्रम आार0बी0आई0 के पर्सनल अधिकारी श्री विजय सोमदेव श्री राजेश शेखरी,राजकीय पशु संस्थान के डा0आर0के0तिवारी एवं ई0वी0एम0मशीन प्रशिक्षक श्री राजेश कुमार शर्मा श्री महेन्द्र ंिसंह गहलोैत इत्यादि उपस्थित थे।
कार्यक्रम के आरंभ में पत्र सूचना कार्यालय के निदेशक श्री अरिमर्दन सिंह ने जन सूचना अभियान पर विस्तृत जानकारी दी। आगन्तुको का स्वागत जन सूचना अभियान के नोडल अधिकारी डा0एम0एस0यादव तथा कार्यक्रम का संचालन मीडिया एवं संचार अधिकारी डा0नरसिंह राम ने किया। कार्यक्रम में गीत एवं नाटक प्रभाग के पंजीकृत कलाकारों द्वारा शिक्षाप्रद ,सूचनाप्रद,एवं मनोरंजन जानकारियां दी गई। क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय अलीगढ़ एवं मुरादाबाद इकाई द्वारा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता एवं ज्ञानवर्धक चलचित्र प्रदर्शन का आयोजन किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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