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कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में महत्त्वपूर्ण वृद्धि हुई

Posted on 27 July 2012 by admin

पिछले दो दशकों में कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में महत्त्वपूर्ण वृद्धि हुई है स इसका प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है की आज भारत में कृषि से जुडी हुई कुल जनसँख्या की लगभग 40 प्रतिशत  आबादी महिलाओं की है स यह बात प्रदेश के एक प्रख्यात आर्थिक एवं सामाजिक शोध संस्थान “अवध रिसर्च फाउंडेशन के वार्षिक समारोह के दौरान आयोजित एक चर्चा में उभर कर आई स यह समारोह दिनांक 27जी जुलाई, 2012 को होटल डायमंड पैलेस, लखनऊ के सभागार में आयोजित किया गया स

यह कार्यक्रम देश एवं विदेश के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं, प्रबंधकों, शिक्षाविदों तथा शासनतंत्र के संचालनकर्ताओं को एक मंच पर लाने का एक अनूठा प्रयास था स इस कार्यक्रम का उदघाटन ।त्थ् के निदेशकों अनुपम चटर्जी एवं श्री संतोष श्रीवास्तव द्वारा किया गया स कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया गया स

सभा को संबोधित करते हुए श्री अनुपम चटर्जी (निदेशक प्रोजेक्ट्स, ने कहा कि  “आंकड़ों के अनुसार देश के कुल ग्रामीण पुरुष श्रमिकों का लगभग 53 प्रतिशत कृषि में हैं, जबकि कुल ग्रामीण महिला श्रमिकों का लगभग 85 प्रतिशत कृषि में कार्यरत है तथा यह अंतर नित्य बढ़ता ही जा रहा है स एक अनुमान के अनुसार हमारे गाँवों के लगभग एक चैथाई परिवारों का भरण-पोषण विभिन्न कारणों-वश महिलाओं द्वारा ही किया जाता है स इन कारणों में पति की अकाल मृत्यु, परित्याग तथा परिवार के पुरुषों का जीविका की तलाश में शहरों की ओर पलायन करना शामिल हैं स परिणाम स्वरुप इन महिलाओं को अक्सर परिवार से जुड़े सभी कार्यों की बागडोर अपने हाथों में लेनी पड़ती है, चाहे वो खेती हो या फिर पशुधन सँभालने की जिम्मेदारी स”

देश में महिलाओं की कृषि के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका होने के बावजूद हमारे देश के पुरुष प्रधान समाज में आज भी भूमि का स्वामित्व अधिकतर पुरुषों के हाथों में ही केंद्रित है स एक अनुमान के अनुसार भारत में महिलाओं के नाम भूमि का स्वामित्व मात्र 10 प्रतिशत ही है स सभा को संबोधित करते हुए श्री संतोष श्रीवास्तव (निदेशक आपरेशन्स, ।त्थ्) ने कहा कि “स्वामित्व का अधिकार न होने से कृषि से जुड़े महिलाओं की दक्षता पर काफी असर पड़ता है, क्योंकि स्वामित्व के अभाव में महिलाओं को जहाँ एक ओर बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण नहीं प्राप्त हो पाता है वहीँ दूसरी ओर उन्हे सिंचाई एवं कृषि से जुड़े अन्य संसाधनों को भी प्राप्त करने में विषम परिस्थितिओं का सामना करना पड़ता है।

अवध रिसर्च फाउंडेशन (ए.आर.एफ.) के इस कार्यक्रम के दौरान चर्चा में भाग लेने वाले लगभग सभी सदस्यों ने हिंदू सक्षेशन (अमेंडमेंट) एक्ट (भ्ै।।), 2005 को महिलाओं के सशक्तिकरण का एक प्रमुख माध्यम बताया स परन्तु चर्चा में भाग ले रहे लगभग सभी वक्ता इस बात पर भी सहमत होते नजर

आये की इस प्रकार के किसी भी कानून को राष्ट्रीय स्तर पर सफलता पूर्वक क्रियान्वित करने हेतु एक सतत अभियान की आवश्यकता है  तथा ऐसे प्रयासों के आभाव में भ्ै।। जैसे सभी कानून अप्रासंगिक है।

वार्षिक कार्यक्रम संसथान के संस्थापकों एवं प्रबंधकों का उनके दल के सभी सदस्यों का उनकी निष्ठा, कार्यकुशलता व निस्वार्थ भावना के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का भी माध्यम था स इस अवसर पर बोलते हुए श्री संतोष श्रीवास्तव ने टीम के सदस्यों की प्रसंशा करते हुए कहा कि “आज के युग में आर्थिक व सामाजिक शोध के महत्व को ध्यान में रखते हुए यह अत्यंत आवश्यक है की हमारी टीम के सभी सदस्य अपनी पूरी लगन व निष्ठा से अपना कार्य करते रहें स इस अवसर पर श्री अनुपम चटर्जी ने कहा कि “विकास से जुडी ज्वलंत समस्याओं के समाधान के लिए यह आवश्यक है की हम एक सशक्त एवं क्रियाशील प्रणाली की संरचना की ओर अपना ध्यान केंद्रित करें स इससे हमारे निति निर्धारकों व शासनतंत्र के संचालनकर्ताओं को विकास के विभिन्न कार्यक्रमों को सुचारू एवं बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने में सहायता मिलती है.

अवध रिसर्च फाउंडेशन  वर्ष 2005 में स्थापित एक प्रख्यात आर्थिक व सामाजिक शोध संस्थान है स विगत कुछ वर्षों में संस्थान को देश-विदेश के कई विख्यात संस्थाओ के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ है जिनमें विश्व बैंक, मेरीलैंड यूनीवर्सिटी-यू.एस.ए., वर्जीनिया यूनीवर्सिटी-यू.एस.ए., ब्राउन यूनीवर्सिटी-यू.एस.ए., गूगल फाउंडेशन, बिल व मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर दृ लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स तथा फाउंडेशन ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन इंटरनेशनल डेवेलोपमेंट, जापान प्रमुख हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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यूनिसेफ की टीकाकरण मीडिया कार्यशाला के दूसरे दिन ग्रामों का भ्रमण

Posted on 16 May 2012 by admin

ग्राम नौपुरा  और बहेरा में टीकाकरण पर जनता से चर्चा

anm-of-naupura-explaining-immunization-programme-details-to-media-worshop-participantsबच्चों के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में मीडिया द्वारा रचनात्मक सहयोग पर यूनिसेफ द्वारा यहां आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन मीडिया प्रतिनिधियों ने आज विकास खण्ड बरौली अहीर के दो ग्रामों -नौपुरा और बहेटा का दौेरा कर स्थिति का मौके पर जायजा लिया और ग्रामवासियों व लाभार्थी महिलाओं से उनकी समस्याओं और सुझावों पर चर्चा की। मीडिया प्रतिनिधियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं को देखा और पोलियो वैक्सीन के रख रखाव हेतु कोल्ड चेन प्रबन्धन का अवलोकन किया।
यूनिसेफ तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मीडिया के दो समूहों में से एक ने ग्राम बहेटा और दूसरे ग्रुप ने नौपुरा का दौरा किया। उपकेन्द्र बहेटा पर हर महीने तीसरे बुधवार को टीकाकरण किया जाता है जिसकी जानकारी सभी ग्राम वासियों को रहती है। यहां डयुटी पर तैनात ए.एन.एम.-भू देवी ने बताया कि ग्राम में एक वर्ष तक की आयु के 40 बच्चे टीकाकरण हेतु दर्ज है जिनके कार्ड बने है। टीकाकरण दिवस पर आशा तथा आगनबाडी कार्यकत्री बुलावा टीम के रूप में सहयोग करती है।
ग्राम वासियों ने टीकाकरण तथा अन्य कार्यक्रमों की जानकारी उप केन्द्र पर भी लिखवाने तथा ग्राम स्तर पर गठित ग्राम स्वच्छता समिति को सक्रिय किये जाने की जरूरत बताई। चिकित्सा अधीक्षक डा0 संजीव बर्मन ने अवगत कराया कि ग्राम में शीघ्र ही चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जायेगा। डा0 बर्मन ने बताया कि उनके सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अन्तर्गत स्वीकृत 28 ए.एन.एम. में से 23 कार्यरत है इसलिए कुछ स्थानों पर ए.एन.एम. को उपकेन्द्र का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।
इसी प्रकार ग्राम बहेटा के स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत ए.एन.एम. सुश्री थामस ने ग्राम में नवजात शिशुओं तथा गर्भवती महिलाओं को दिये जा रहे टीकाकरण के मामलों पर मीडिया समूह को अवगत कराते हुए उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान किया ।
distt-immunization-officer-alongwith-unicef-reprentatives-usha-rai-visited-benta-chc-for-media-workshop-exerciseसंयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा0 श्री राम ने जनपद में संचालित स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी । जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 अनुपम भास्कर ने बताया कि जनपद में 394 स्वास्थ्य उप केन्द्र है जिनमें से 294 पर ए.एन.एम. कार्यरत है। अन्य स्थानों पर भर्ती हेतु कार्यवाही की जा रही है।
अन्त में यूनीसेफ की ओर से न्यू कन्सेप्ट इन्फोरमेशन की ऊषा राय, अश्वनी भट्नागर तथा अतुल ने प्रतिभागियों से फीड बैक प्राप्त कर भविष्य के आयोजनों तथा टीकाकरण के लिए जन जागरूकता हेतु बेहतर कार्यवाही किये जाने का विश्वास दिलाया ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मत्स्य कृषकांें के लिए अभिनव प्रयोग

Posted on 26 March 2012 by admin

untitled-4untitled-3लखनऊ 25 मार्च लखनऊ के एक मत्स्य कृषक एवं उद्यमी श्री मानवंेंद्र  ने सामान्य रूप  से उपलब्ध कुछ वस्तुओं का उपयोग मछली के तालाब के लिए खाद्य टोकरी तथा जल सतह पर तैरते रहने वाले एरेटर का निर्माण किया है, यदि यह खाद्य टोकरी तालाब की सतह पर तैरती रहे और मछली को अपशिष्ट पदार्थों के उपभोग से बचाए रखे साथ ही सस्ता एरेटर जलीय जीवों के लिए पर्याप्त आॅक्सीजन उपलब्ध कराता रहे तो श्री सिंह का यह अभिनव प्रयोग मत्व्य कृषकों के लिए उत्पादन लागत को 40 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम होगा। इसी प्रकार बाराबंकी के दो मत्स्य कृषक एवं उद्यमियांे परवेज खान एवं शाहनवाज खान ने भी दो जुगाडू अभिनव प्रयोग किये हैं । उन्हों ने मत्स्य तालाब में  वायु आपूर्ति हेतु एक उपकरण बनाया है। परवेज खान ने चीन निर्मित डीजल इंजन संचालित लौह नौक पर आच्छादित एरेटर बनाया है जोकि तालाब की निचली सतह से जल को उपरी सतह पर लाकर आक्सीजन की मात्रा बढाता है। इसमें कम्पनयुक्त स्प्रिं्रग द्वारा नौका को चलायमान रखा जाता है। उन्होंने कार्प  पालन में प्रयुक्त होने वाली एक अभिनव फीड का निर्माण किया है जिसके द्वारा तालाब में 15 दिनों में आवश्यक प्लैकटन का उत्पादन हो जाता हैं। मसौली बाराबंकी के श्राी ओम प्रकाश ने लगभग 3500 वर्ग फीट के क्षेत्रफल में चायनीज सर्कुलर हैचरी का निर्माण किया है। श्री ओम प्रकाश अपरिपक्व अण्डों के फट जाने की समस्या से ग्रसित थे इसका उपचार करने के लिए उनहोने हर्रा, बहर्रा के घोल का प्रभावी उपयोग किया।
उपरोक्त अभिनव प्रयोंगों का प्रदर्शन किसानों द्वारा लखनऊ स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सं स्थान राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो में गत 24 मार्च 2012 को आयोजित एक कार्यशाला में किया गया। ब्यूरो में मत्स्य प्रजातियों के अन्वेषण, सूचीकरण, वर्गीकरण के अतिरिक्त उनके संरक्षण से सम्बनिधत शोध किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त ब्यूरो मत्स्य उत्पादन की व्यावसायिक स्तर पर वृद्वि से सम्बन्धित नवीन शोध पर भी जोर दे रहा है।
यह जानकारी देते हुए संस्थान की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं मीडिया समन्वयक पूनम जंयत सिंह ने बताय कि ब्यूरो के लक्ष्यों की पूर्ति के क्र्रम में फ्रगल इन्रोवेशन फार ससटेनेबस सल्युशन्स इन फिशरीज एण्ड एग्रीकल्चर सेक्टर  विषय पर एक कार्यशला का आयोजन किया गया जिसमें वरिष्ठ वैज्ञानिकों, शोधार्थियों, मत्स्य कृषकों आदि ने भाग लिया। कार्यशाला मुख्य रूप से मत्स्य उत्पादन बढाने के लिए जुगाड एवं अभिनव तकनीकों के विकास तथा  उनके सफल प्रयोग पर परिचर्चा की गयी । पूनम जयंत सिह ने बताया कि इसके द्वारा न केवल मत्स्य उत्पादन की लागत को कम किया जा सकता है बल्कि स्थानीय तकनीकियों को प्रोत्साहित भी किया जा सकता है।
आगामी पाॅंच वर्षों मे विश्व की आर्थिक प्रगति का लगभग 66 प्रतिशत तेजी सेबढ रहे बाजार से आयेगा। यह बात आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के डाॅं. यासिर भटृटी ने वीडिया कान्फेसिंग द्वारा कार्यशाला के प्रतिभागियों को  बतायी। फ्रूगल अथवा जुगाडू तकनीकिया वे तकनीकिया है जिनका प्रयो ग निम्न एवं मध्यम तबके की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु किया जाता है। ऐसा कार्यशाला की आयोजन सचित डाॅ. पूनम जयंत सिह ने अपने व्याख्यान मे बताया। इस कार्यशाला का उदृ देश्य उद्योगपतियो;टाटाद्ध कृषको  नीति निर्धारकों ;आई. आई. एम.द्ध  एवं गैरसरकारी संगठनांें  ;इन्नोएक्शनद्ध  को एक मचं पर लाकर उनके बीच एक समन्वय स्थापित कर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को  बढाने की दिश में एक पहल थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता टाटा कसलटेंसी सर्विसेज के प्रमुख सलाहकर श्री जयंत कृष्णा ने की ।संस्थान के निदेशक डा. जे के जेना ने इस प्रकार की कार्यशालाओ की उपयोगिता पर प्रकाश डाला इस अवसर भा.कृअनुसंधान परिषद मुख्यालय, नई दिल्ली से आये बौद्विक सम्पदा एवं तकनीकी प्रबधंन के सहायक महानिदेशक डाॅ. एस. मोर्या मुख्य अतिथि, तथा आई आई एम लखनऊ के डाॅ. एम. के. अवस्थी एवं डी के एम ए के परियोजना निदेशक डाॅ. जे.पी. त्रिवेदी  सम्मानित अतिथि के  रूप में उपस्थित थे । न्यू इण्डियन एक्सप्रेस के श्री सुभाष मिश्रा तथा त्रिसूर  स्थित इन्नेाएक्शन के निदेशक डाॅ. टी.जे. जेम्स ने क्रमशः अभिनव प्रयोगों के प्रसार मे ंमीडिया की भ्ूामिका तथा कृषि तकनीको के वैज्ञानिकरण विषय पर जूगाडू प्रयोगांे प्रोत्साहित करने के विषय पर अपने व्याख्यान दिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राष्ट्रव्यापी भ्रमण का शुभारम्भ

Posted on 11 June 2011 by admin

लखनऊ। हर्ष मेयर, जो कि आइ एम कलाम फिल्म के लिए 58वें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता है ने आइ एम कलाम के फस्र्ट लुक की लाँच लखनऊ से करते हुए अपने राष्ट्रव्यापी भ्रमण का शुभारम्भ किया। देश में विभिन्न शहरों में वे फिल्म के फस्र्ट लुक को लाँच करेंगे और स्माइल फाउंडेशन से लाभान्वित बच्चों के साथ अपनी यात्रा की सफलता का जश्न मनाऐंगे। स्माइल फाउंडेशन एक देशव्यापी विकास संगठन है जिसने 150 विकास परियोजनाओं के माध्यम से भारत के 22 राज्यों में 200,000 से अधिक पिछड़े बच्चों और युवाओं को लाभान्वित किया है। आई एम कलाम नील माधब पांडा के निर्देशन की पहली फिल्म है जो स्माइल फाउंडेशन द्वारा निर्मित की गई है। किसी विकासात्मक संगठन द्वारा निर्मित अभी तक की यह पहली फिल्म है।
इस फिल्म के माध्यम से स्माइल फाउंडेशन ने प्रत्येक बच्चे के स्कूल जाने के सपने को पूरा करने की दिशा में सहयोग के लिऐ पूरे विश्व के लोगों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए उन तक पहुंचने का प्रयास किया है। असाधारण सामग्री से पहले से रूबरू दुनिया में लोगों का ध्यान सामान्य अपीलों द्वारा अधिक आकृष्ट करने की संभावनाएं कम होती है। इसीलिए स्माइल फाउंडेशन ने एक आधुनिक कथात्मक तरीके से एक अति महत्वपूर्ण आह्वान को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, ताकि इस महत्वपूर्ण कार्य हेतु सहयोग जुटाने के लिए अधिकतम संख्या में लोगों तक पहुंचा जा सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भ्रष्टाचार नही चाहिये इस लिये बगावत करते हैः स्वामी अग्निवेश

Posted on 30 April 2011 by admin

सुलतानपुर - भ्रष्टाचार के विरोध मे सुप्रसिद्ध गाधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे के अस्वस्थ हो जाने के कारण आज उन्होने दूरभाष के जरिये जनपद के नगर स्थित तिकोनिया पार्क में पूर्व घोषित कार्यक्रम के अन्तर्गत उपस्थित हजारों समर्थकों को सम्बोधित किया। टेलीफोन के जरिये श्री हजारे ने अपने अस्वस्थ होने के कारण कार्यक्रम मे न पहंचने पर जन-समुदाय से दुखः व्यक्त किया। श्री हजारे ने कहा कि 60 वर्ष आजादी मिलने के बाद भी देश में भ्रष्टाचार खत्म नही हुआ। देश में भ्रष्टाचार महामारी बन गया है। इसे दूर करना है,आज कोई गांव व क्षेत्र इससे अछूता नही है। सामान्य लोगों का जीवन जीना मुस्किल हो रहा है, गरीब कैसे जी सकता है। कई घोटाले उजागिर हो रहे है। गांधी जी ने सपना देखा था कि बलशाली भारत होने का। जब तक गांव के लोग खडे नही होगें, कैसे गावं का विकास होगा। एक तरफ विकास का कार्य बाधित हो रहा है। भिखारी भी टैक्स भरता है, परन्तु जनता का धन श्वीस बैंको में तथा बंगले बनाने मे खर्च हो रहा है। धन हमारा, पर व्यय भ्रष्टाचारी कर रहें है। जिसकी लड़ाई मै 25 वर्षो से लड़ रहा हूं। अभी 6 मंत्री धरे गये। 400 से अधिक येाजनाये की गड़वडी में घोटाला उजागिर हुआ था। मैं मृत्यु से नही डरता, मै मृत्यु को हथेली पर लेकर लड़ रहा हूँ। इन्ही भ्रष्टाचारियों कारण आज जब बच्चा पैदा होता है तो वह 25 हजार रूप्ये कर्ज की गठरी लेकर आता है। जिसमे इनका क्या दोष है। इसके पूर्व सभा को सम्बोधित करते हुए स्वामी अग्निवेश जी ने कहा कि अन्ना जी ने जो अलख जगाया है, उसको जीवित रखना तथा जन लोकपाल विल को पास कराना हम सब की जिम्मेदारी है। जनलोकपाल विल जब पास हो जायेगी तो हम भ्रष्टाचार पर लगाम लगा सकते हे। जनता तुम आगे बढो अन्ना, अरविन्द केजरीवाल, मौलाना कल्बे आपके साथ है। गांव-गांव में समितियों का गठन करो जिसमें महिलाओं की भी जिम्मेदारी निश्चित करो। पर्यावरण की दृष्टि से श्री अग्निवेष ने कहा कि स्वागत के समय जो फूलो की माला पहनाते है इन मालाओं से स्वागत न करके इन फूलों को खिलने देने चाहिये जिससे पर्यावरण शुद्व रहें। जन सभा में उपस्थित जशपाल भट्टी ने कहा कि यदि भ्रष्टाचार नही मिटायेंगे तो अपने बच्चों को इमानदार व्यक्ति चिडियाधर में ले जाकर दिखाना पडेगा। करेप्शन को मिटाने के लिये उन्होने जनसमुदाय से आवाह्न करते हुए कहा कि अगर आप इस बार शिथिल पड गये तो भविष्य में दुबारा आप इस पर अकुंश नही कर पायेगें। मशहूर पत्रकार शाजिया इल्मी ने कहा कि  रिश्वत राज, रिश्वत सत्ता, रिश्वत से हटने का विकल्प नही है। बडी क्रान्ति बडा इन्क्लाब है….। जनता का साथ ही इस आन्दोलन की जान है। मो. कल्बे जौआद ने कहा कि सबको झूठे दिलाशे दिये जा रहे है। जनता इन भ्रष्टाचारियों से पीडित है। कुरान में जितने भी पैगम्बर नुमाइन्दे भेजे गये उनका एक ही मकसद था कि नाइन्शाफी,जुल्म,व अत्याचार खत्म हो। धर्म वा धार्मिक कर्तव्य यह बनता है कि मै इनका साथ दूं। भ्रष्टाचार को खत्म करना असली जेहाद है।
अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली, लखनऊ की ताकते ये जान ले कि यह तूफान है जो आप की कुर्सी उड़ा ले जायेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ जो ये मुहिम चलायी गयी, उस समय इतने जन सर्मथन की उम्मीद नही थी जो आज मिल रहा है। लगता है कि दैवीय शक्ति इस आन्दोलन का संचालन कर रही है। विरोधियों द्वारा टीम को तोडने की कोशिश की गयी। लाख तरीके  प्रहार किये गये जिसके लिये सभी विरोधी ताकतें एक हो गयी। हमारे पास सच्चाई है, जिसकी जीत होगी। जन सभा में आर्ट आफ लिविंग, गायत्री परिवार, किसान मजदूर युनियन, रोडवेज इम्प्लाएज एशोसिएशन, बैकं आफ बडौदा पूर्वी, शिक्षक वर्ग, भारत भारती, आजाद सेवा समिति, जनपद के विभिन्न समाज सेबी सस्थायें, पत्रकार संगठन अपने सहयेगियों के साथ मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारत सरकार की फैलोशिप के लिए लखनऊ से अकेले सी.एम.एस. छात्र राहुल चयनित

Posted on 30 April 2011 by admin

लखनऊ-सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर कैम्पस के कक्षा 12 के छात्र राहुल त्रिवेदी ने भारत सरकार की अखिल भारतीय किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना की फैलोशिप के लिए चयनित होकर प्रदेश का गौरव सारे देश में बढ़ाया है। इस फैलोशिप के लिए लखनऊ से अकेले राहुल का चयन हुआ है। यह जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी। श्री शर्मा ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत विज्ञान की उत्कृष्ट प्रतिभा रखने वाले छात्रों का चयन इण्डियन इन्स्ट्टीयूट आफ साइन्स, बंगलौर द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। विज्ञान की उभरती प्रतिभाओं को शोध वैज्ञानिक के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना को भारत सरकार के साइन्स एण्ड टेक्नोलाजी डिपार्टमेन्ट द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत सी.एम.एस. के प्रतिभावान छात्र राहुल को मोहाली के इण्डियन इन्स्ट्टीयूट आफ साइन्स एजुकेशन एण्ड रिसर्च में 6 से 10 जून 2011 तक आयोजित समर प्रोग्राम के लिए आमंत्रित किया गया है। सी.एम.एस. के मेधावी छात्र राहुल ने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बल पर सफलता का परचम लहराया है। राहुल त्रिवेदी लखनऊ के मण्डलायुक्त श्री प्रशांत त्रिवेदी, आई.ए.एस. के सुपुत्र हैं।
श्री शर्मा ने बताया कि वैज्ञानिक, मानवीय तथा विश्वव्यापी दृष्टिकोण के धनी राहुल विज्ञान की शोधों के द्वारा सारी मानव जाति को एकता के सूत्र में बाँधेंगे तथा सी.एम.एस. के ‘विश्व शांति’ एवं ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना पूरे विश्व में प्रसारित करेंगे। राहुल ने अपनी सफलता का श्रेय शान्तिपूर्ण व ईश्वरीय एकता से भरपूर विद्यालय के शैक्षिक वातावरण, अपने अनुभवी एवं विद्वान शिक्षकों के आत्मीयतापूर्ण मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन तथा माता-पिता के आशीर्वाद को दिया है।
श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. में वैज्ञानिक युग के महत्व को स्वीकारते हुए छात्रों का दृष्टिकोण वैज्ञानिक, मानवीय एवं विश्वव्यापी बनाने के उद्देश्य से जोरदार प्रयास किये जा रहे हैं। सी.एम.एस. के मेधावी छात्रों ने विज्ञान, कम्प्यूटर टैक्नोलाजी, इण्टरनेट एवं साइवर स्पेस, एस्ट्रोनाॅमी आदि विषयों की अनेक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में सर्वाधिक पुरस्कार जीतकर प्रदेश व देश का नाम राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है।

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सामाजिक संगठनों का`चित्रकूट घोशणा पत्र´

Posted on 07 October 2010 by admin

02उ0प्र0 में पंचायत राज्य सम्बन्धी कार्यशालों व जन सुनवाईयों से उपलब्ध हुई जानकारी को प्रदेश की विभिनन्न सामाजिक संगठनों तथा मीडिया को रूबरू कराने के उद्देश्य से इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साईसिस व एसोसिएशन ऑफ लोकल गवनेZस ऑफ इण्डिया एवं अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान के तत्वाधान में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में वरिश्ठ पत्रकार भारत डोगरा तथा भागवत प्रसाद ने कार्यशालों में एकत्र हुए आंकड़ों को पेश करने हुऐ कहा पंचायत राज के सुधार संबधी चर्चा के लिए यह बहुत अनुकुल वक्त है क्योंकि यह सुधार चुनाव-प्रक्रिया से ही प्रारम्भ हो जाना चाहिए। पंचायत राज के महत्व से किसी को इंकार नही, इसमें लोकतन्त्र को मजबूत करने की अमूल्य सम्भावना है पर क्या हम वास्तव में इन संभावनाओं को प्राप्त कर सके हैंर्षोर्षो पंचायज राज की हकीकत क्या हैर्षोर्षो इन सवालों के उचित जवाब पर ही पंचायत राज का सुधार-कार्य आधारित होगा सही उत्तर प्राप्त करना, सही समझ बनाना जरूरी है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ही जुलाई से सितम्बर के बीच उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों में पंचायत राज पर पांच कार्यशालाअोंं व दो जन-सुनवाईयों का आयोजन किया गया। इन कार्यशालाओें व जन-सुनवाईयों का आयोजन दिल्ली में पंचायत राज की सफलता के लिए प्रयासरत दो संस्थाओं ने किया जिनके नाम है-इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साईसिस व एसोसिएशन ऑफ लोकल गवनेZस ऑफ इण्डिया। इस प्रयास की सफलता में बड़ी भूमिका स्थानीय सहयोगी संस्थाओं की थी अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान (चित्रकूट), गोरखपुर एन्वायरमेन्टल एक्शन ग्रुप (गोरखपुर) इंस्टीच्यूट ऑफ गांधीयन ट्रस्ट (वाराणसी) व दिशा (सहारनपुर) व कार्यशालाओं व जनसुनवाईयों में मुख्य रूप से पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों व पंचायत राज पर कार्य कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी रही।

चित्रकूट में आयोजित कार्यशाला में लगभग 120 निर्वाचित प्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में सर्वसम्मति से पंचायत राज पर घोशणा पत्र जारी किया गया जिसे `चित्रकूट घोशणा पत्र´ कहा गया। अन्य कार्यशालाओं में भी इस घोशणा पत्र को समर्थन मिला। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही कि पंचायतों में भ्रश्टाचार व कमीशनबाजी समाप्त करने, पारदशीZ व्यवस्था बनाने व अन्य विवादास्पद मुद्दों पर एकमत से घोशणा पत्र जारी हो सका। इसे व कार्यशालाओं व सुनवाईयों की रिपोर्ट को हिन्दी में सही राह पर कैसे आये पंचायत राज शीशZक से जारी किया गया। कार्यशाला में अखिलभारतीय सेवा संस्थान के संस्थापक गोपाल भाई ने पंचायत चुनाव में आम आदमी को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न शीशZक युक्त सात पोस्टर जारी किये। इन पोस्टरों के जरिये पंचायत चुनाव मतदाता जागरूकता अभियान की शुरूआत की गई। इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुये कहा कि नौकर शाही चर रही जनता का धन आज, केवल सजग-प्रधान ही राखे सबकी लाज, रमुआ खड़ा बिसूरता किसको दू मैं वोट, बढ़ चढ़ कर सब लूटते बची न एकौ ओट। कार्यशाला मेें बुन्देलखण्ड के सेवा संस्थान के वासुदेव, लोकमित्र रायबरेली के अमृत लाल, अग्निवेद समग्रविकास समिति के अनिल चन्द, डा0 राजेश वर्मा, राजीव रंजन झॉ, के.एन. तिवारी, अवनीश कल्कि सहित अनेक लोगों ने भागीदारी की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राष्ट्र मण्डल खेल के दौरान लघु उद्यम एवं हस्तशिल्प उत्पादों का व्यापक प्रचार हो

Posted on 07 September 2010 by admin

हस्तशिल्प पेन्शनरों की पेन्शन सीधे खाते में जाने की व्यवस्था हो

जिले की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कौशल प्रशिक्षण दिया जाय

लखनऊ-  निर्यात प्रोत्साहन के लिए राष्ट्र मण्डल खेलों के दौरान प्रदर्शनी में उच्च गुणवत्ता के सभी हस्तशिल्प उत्पाद बिक्री तथा प्रदर्शन हेतु रखे जायें, जिससे प्रदेश के इन उत्पादों को देश एवं विदेश में व्यापक प्रचार मिल सके। निर्यात में तीन वर्षो में 101 प्रतिशत बढ़ोत्तरी निर्यात निगम को एक सराहनीय उपलब्धि है।

यह बात लघु उद्योग मन्त्री श्री चन्द्रदेव राम यादव ने आज यहॉं मासिक समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देंश दिये कि जिले के उद्यम एवं हस्तशिल्प आदि की व्यावहारिक स्थितियों के अनुसार बेरोजगारों को कौशल प्रशिक्षण दिलाया जाये। प्रशिक्षित युवकों को स्व उद्यम की स्थापना या रोजगार पाने में भी मदद की जाये। हस्तशिल्प पेन्शनरों के बैंक आफ बड़ोदा में खाते खुलवाकर, 130 पेन्शनरों की आगामी किश्त उनके खातों में सीधे भेजे जाने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने दो संयुक्त निदेशकों को अपेक्षित प्रगति न होने पर चेतावनी जारी करने के निर्देंश दिये हैं

इस अवसर प्रमुख सचिव श्रीयुत् श्री कृष्ण, उद्योग निदेशक श्री मो0 इफ्तेखारूद्दीन सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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मणिपुर के बच्चे कहाँ जाएं

Posted on 27 August 2010 by admin

मणिपुर में उग्रवाद और उग्रवाद के विरोध में जारी हिसंक गतिविधियों के चलते बीते कई दशकों से बच्चे हिंसा की कीमत चुका रहे हैं। यह सीधे तौर से गोलियों और अप्रत्यक्ष तौर से गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण की तरफ धकेले जा रहे हैं. राज्य में स्थितियां तनावपूर्ण होते हुए भी कई बार नियंत्रण में  तो बन जाती हैं, मगर स्कूल और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे बुनियादी ढ़ांचे कुछ इस तरह से चरमराए हैं कि बच्चों और मरीजों का विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरना यहां के लिए आम बात लगने लगती है।

इनदिनों हम मणिपुर के इलाकों में यहां के हालातों को समझने की कोशिश कर रहे हैं। क्राई हिंसा से सबसे ज्य़ादा प्रभावित तीन जिलों चंदेल, थौंबल और चुराचांदपुर में काम कर रहा है। क्राई द्वारा यहां जगह-जगह बच्चों के सुरक्षा समूह बनाने गए हैं, और बहु जातीय समूहों में आत्मविश्वास जगाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। ऐसी ही एक कार्यशाला के बाद क्राई से असीम घोष बता रहे हैं कि ‘‘यहां के बच्चे डर, रहस्य, अनिश्चिता और हिंसा के साये में लगातार जी रहे हैं, यहां जो माहौल है उसमें बच्चे न तो सही तरीके से कुछ सोच सकते हैं, न ही कह, कर या कोई फैसला ही ले सकते हैं. इसलिए कार्यशालाओं के पहले स्तर में हमारी कोशिश बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान बनाने की रहती है।’’

मणिपुर में बच्चों को हिंसा के प्रभाव से बचाने के लिए क्राई द्वारा सरकार और नागरिक समूहों से लगातार मांग की जाती रही है।  इनदिनों यह संस्था राष्ट्रीय स्तर पर जैसे कि बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय आयोग और संबंधित मंत्रालयों पर दबाव बना रही है कि वह मणिपुर में हिंसा से प्रभावित बच्चों की समस्याओं और जरूरतों को प्राथमिकता दें। अहम मांगों में यह भी शामिल है कि अतिरिक्त न्यायिक शक्तियों से सुसज्जित सेना यह सुनिश्चित करे कि हिंसा और आघातों के बीच किसी भी कीमत पर बच्चों को निशाना नहीं बनाया जाएगा। इसी के साथ ही राज्य में किशोर न्याय देखभाल के प्रावधानों और संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किशोर न्याय प्रणाली को प्रभावपूर्ण ढंग से लागू किया जाएगा। राज्य के अधिकारियों पर सार्वजनिक सुविधाओं पर निवेश बढ़ाने और अधिकारों से संबंधित सेवाओं जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं, बच्चों के लिए आर्ट यानी एंटी रेट्रोविरल थेरेपी और स्कूल की व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. दरअसल प्राथमिकता के स्तर पर अधिकारों से संबंधित सेवाओं को दुरुस्त बनाने के दृष्टिकोण को सैन्य दृष्टिकोण से ऊपर रखे जाने की जरूरत है।

मणिपुर में आंतकवाद से संबंधित घातक परिणामों के चलते 1992-2006 तक 4383 लोग भेट चढ़ गए हैं. जम्मू-काश्मीर और असम के बाद मणीपुर देश के सबसे हिंसक संघर्षों का क्षेत्र बन चुका है। अंतर जातीय संघर्ष और विद्रोह की वजह से 1950 को  भारत सरकार ने इस राज्य में एएफएसपीए यानी सशक्त्र बलों के विशेष शक्ति अधिनियम लागू किया। इस अधिनियम ने विशेष बलों को पहली बार सीधे सीधे हमले की शक्ति दी, जो कि सुरक्षा बलों के लिए प्रभावी ढंग से व्यापक शक्तियों में रूपांतरित हो गई। यहां जो सामाजिक सेवाएं हैं, वह भी अपनी बहाली के इंतजार में हैं, जहां स्कूल और आंगनबाड़ियां सही ढ़ंग से काम नहीं कर पा रही हैं, वहीं जो थोड़े बहुत स्वास्थ्य केन्द्र हैं वह भी साधनों से विहीन हैं। प्रसव के दौरान चिकित्सा व्यवस्था का अकाल पड़ा है। न जन्म पंजीकरण हो रहा है और न जन्म प्रमाण पत्र बन रहा है। अनाथ बच्चों की संख्या बेहताशा बढ़ रही है, बाल श्रम और तस्करी को भू मंडलीकरण के पंख लग गए हैं, और बेकार हो गए परिवारों के बच्चे वर्तमान संघर्ष का हिस्सा बन रहे हैं। बच्चों के लिए खेलने और सार्वजनिक तौर पर आपस में मिलने के सुरक्षित स्थान अपना पता बहुत पहले ही खो चुके हैं।

गैर सरकारी संस्थाओं के अनुमान के मुताबिक  मणिपुर में व्याप्त हिंसा के चलते  5000 से ज्यादा महिलाएं विधवा हुई हैं, और 10000 से ज्यादा बच्चे अनाथ हुए हैं। अकेले जनवरी- दिसम्बर 2009  के आकड़े देखें जाए तो सुरक्षा बालों द्वारा 305 लोगों को कथित तौर पर मुठभेड़ में मार गिराए जाने का रिकार्ड दर्ज है। बन्दूकी मगर गैर राजकीय हिंसक गतिविधि में 139  लोगों के मारे जाने का रिकार्ड मिलता है। विभिन्न हथियारबंद वारदातों के दौरान 444 लोगों के मारे जाने का रिकार्ड मिलता है। जबकि नवम्बर 2009 तक कुल 3348 मामले दर्ज किए गए हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले देखें तो 2007 से 2009 तक कुल 635 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 24 हत्याओं और  86 बलात्कार के मामले हैं।  बाल तस्करी का हाल यह है कि जनवरी 2007 से जनवरी 2009 तक अखबारों में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर  198 बच्चे तस्करी का शिकार हुए हैं।  बाल श्रम के आकड़ों पर नज़र डाले तो 2007 को श्रम विभाग, मणिपुर द्वारा कराये गए सर्वे में 10329 बाल श्रमिक पाए गए। जहां तक स्कूली शिक्षा की बात है तो सितम्बर 2009 से जनवरी 2010 तक 4 लाख से ज्यादा बच्चे स्कूलों में हाजिर नहीं हो सके और सरकारी स्कूली व्यवस्था तो यहां जैसे एक तरह से विफल ही हो गई है।

शिरीष खरे

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रोल ऑफ यू0पी0 टूरिज़्म विज-ए-विज ट्रैवल एडवाइजर्स विषय पर कार्यशाला सम्पन्न

Posted on 21 August 2010 by admin

लखनऊ -   पर्यटन एक बहुत बड़ा विषय है। इस क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिये पर्यटन विभाग के लिये जरूरी है कि सम्बंधित अन्य विभागों से अच्छा तालमेल हो ताकि मिल-जुलकर कठिनाइयों को दूर किया जा सके। ´रोल ऑफ यू0पी0 टूरिज्म विज-ए-विज ट्रैवल एडवाइजर्स´ विषय पर पर्यटन भवन, गोमती नगर में पहलीबार आयोजित कार्यशाला में बातचीत के दौरान पर्यटन सचिव श्री अवनीश अवस्थी ने उक्त विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से ट्रैवल ट्रेड से एक संवाद कायम करना हमारा मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही पर्यटन विभाग की हेल्प लाइन को बनाने का निर्णय लिया जायेगा ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक को असुविधा न हो।

कार्यशाला में वाराणसी, आगरा, लखनऊ और कानपुर से आये ट्रैवल एडवाइजर्स ने अपने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से शहर की सफाई की ओर ध्यान आकर्षित करवाने का प्रयास किया। वाराणसी टूरिज़्म गिल्ड के प्रेसिडेंट श्री जावेद खान ने कहा कि पर्यटन एक विस्तृत विषय है, इस पर बात करने के लिये हमें पूरे भारत को अपने दिमाग में रखना होगा। उन्होंने कहा कि एक पर्यटक की दृष्टि से यदि हम वाराणसी को देखें तो शहर के विकास से जुड़े सभी विभागों से सम्पर्क स्थापित करते हुये कार्य की दिशा तय करनी होगी। उन्होंने वाराणसी में सड़कों की मरम्मत एवं सफाई की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुये कहा कि पंचकोशी परिक्रमा मार्ग का विशेष रूप से विकास किया जाना चाहिये, क्योंकि पर्यटक इसी मार्ग से सारनाथ जाते हैं। उन्होंने बनारस के ट्रैफिक में भी सुधार लाने के सुझाव दिये। श्री जावेद खान ने कहा कि ट्रैवल ट्रेड का जो भी सरकारी कार्यक्रम होगा उसमें वे अपना सहयोग देने के लिये तैयार हैं।

श्री सुनील सत्यवक्ता ने लखनऊ पर अपनी बात शुरू करने से पहले पर्यटन विभाग को धन्यवाद देते हुये कहा कि यह पहला मौका है कि हमें कुछ कहने के लिये आमन्त्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटक की सुविधा के लिये शहर में यातायात के साधनों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बड़ा इमामबाड़ा एवं रेजीडेंसी के आस-पास की सड़कों पर सफाई करवाने, बसों के रूकने की व्यवस्था करवाने एवं टूरिस्ट गाइड को प्रत्येक ऐतिहासिक इमारतों में तैनात करने के लिये उपयोगी सुझाव दिये। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय टूर के सम्बंध में भी अपना सहयोग देने के लिये कहा।

उन्होंने रेजीडेन्सी में होने वाले लाइट एण्ड साउण्ड शो को पुन: शुरू करने के लिये कहा। इनके अतिरिक्त अवीक घोष, समीर शर्मा एवं महातिम सिंह ने भी मुख्य विषय पर अपने विचार व्यक्त किये।

इस मौके पर पर्यटन निगम ने जानकारी दी कि पर्यटन सम्बंधी किसी भी आयोजन के लिये पर्यटन भवन का प्रेक्षागृह नि:शुल्क दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि ट्रैवेल एजेंट्स के लिये मानक बनाने पर भी विभाग विचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि एजेंटों को मानक के अनुसार प्रमाण पत्र दिया जायेगा ताकि पर्यटकों को सुविधा हो। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ताज महल की वेबसाइट 02 अगस्त को शुरू की गई थी, जिसको अब तक 100543 लोग विजिट कर चुके हैं। इतने कम समय में यह एक बड़ा कीर्तिमान है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग अतिथि देवो भव: की भावना के साथ अपने कर्तव्य निर्वहन के लिये प्रतिबद्ध है।

इस कार्यशाला में मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान के निदेशक, श्री अरूण नागरकर के साथ संस्थान के छात्रों ने भी भाग लिया। इसके अतिरिक्त सभी जिलों से आये क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, पर्यटन विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी वहॉ उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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