Archive | June, 2009

दीवारों में कैद हो रही कालेजों की गुणवत्ता

Posted on 29 June 2009 by admin

नई दिल्ली- मौजूदा शिक्षा पद्धति को ‘दीवारों में कैद’ करार देते हुए उच्च शिक्षा में आमूलचूल बदलाव के प्रयासों के सूत्रधार प्रोफेसर यशपाल कहा है कि देश में तेजी से उगते इंजीनियरिंग और प्रबंधन कालेजों की स्थापना मजह व्यापारिक उद्देश्यों के लिए की जा रही है और इनमें शिक्षा की गुणवत्ता बेहद घटिया है।

प्रो. यशपाल ने कहा कि देश में तेजी से उगते इंजीनियरिंग और प्रबंधन कालेज चिंता का विषय है। इनकी स्थापना मजह व्यापारिक उद्देश्यों के लिए की जा रही है और यहां शिक्षा की गुणवत्ता बेहद घटिया है। ऐसी संस्थाओं पर अंकुश लगाए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार की स्थिति डीम्ड विश्वविद्यालयों की है। इनमें से कई विश्वविद्यालय आज उस स्थिति में भी नहीं है जैसे 15-20 वर्ष पहले स्थापना के समय थे। डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा उन संस्थानों को देने की परिकल्पना की गई थी जो उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करें लेकिन अब ऐसे विश्वविद्यालयों की भरमार हो गई है। डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए एक ‘संबद्धता एजेंसी’ गठित किए जाने की जरूरत है।

यशपाल ने कहा कि हमारे देश में काफी संख्या में केंद्रीय विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान खोले जा रहे हैं। दुनिया में अगर हम किसी स्तरीय विश्वविद्यालय पर निगाह डालें तो स्पष्ट होगा कि एक छतरी के नीचे विज्ञान, मनोविज्ञान, प्रबंधन, खगोल विज्ञान, भाषा, साहित्य, दर्शन, कृषि, विधि, सूचना प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।

प्रो. यशपाल ने कहा कि एक छत के नीचे ज्ञान के विभिन्न आयामों को जोड़ कर छात्रों के सामने पेश करने के कारण ही इन विश्वविद्यालयों का शानदार रिकार्ड रहा है और दूर दूर से छात्र वहां शिक्षा प्राप्त करने आते रहे हैं। हमारा मानना है कि भारत में भी सभी विषयों को एक विश्वविद्यालय के तले पढ़ाया जाना चाहिए। सभी विषयों के महत्व को एक दूसरे से जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम इस बात को मानते है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान समेत नए विश्वविद्यालयों में विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनने के गुण है। इसके अलावा देश में स्नातक स्तर पर कई मौजूदा प्रौद्योगिकी संस्थाओं को भी लोग ब्रांड के रूप में जानते हैं, इन्हें शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जाना चाहिए और इनका विकास मैसेच्यूसेट्स इंस्टीच्यूट आफ टेक्नोलाजी या कालटेक इंस्टीच्यूट की तर्ज पर किया जाना चाहिए।

यशपाल ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत में उच्च शिक्षा के स्वरूप में तब तक कोई बड़ा बदलाव नहीं आने वाला है जब तक हम राज्यों के विश्वविद्यालयों पर समान ध्यान नहीं देते। इन विश्वविद्यालयों में काफी संख्या में छात्र पढ़ते हैं, जिनमें से कई केंद्रीय संस्थाओं के स्तर के हैं। हमें इन संस्थाओं को संसाधन मुहैया कराने और बढ़ावा देने की जरूरत है।

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देश में पहली बार हुआ रक्त नलिका कैंसर का आपरेशन

Posted on 29 June 2009 by admin

मोहाली- देश के इतिहास में पहली बार कैंसर ग्रस्त मुख्य रक्त नलिका का सफल आपरेशन किया गया है। पंजाब के मोहाली स्थित आईवी अस्पताल में डा. गौरव सिंगल ने यह कारनामा कर दिखाया है। मरीज था मंडी गोबिंदगढ़ निवासी मनोहर लाल। सिंगल ने दिल को रक्त पहुंचाने वाली मुख्य नलिका का कैंसरग्रस्त हिस्सा निकालकर उसके स्थान पर प्लास्टिक का पाइप फिट कर दिया।

डा. सिंगल ने बताया कि मुख्य रक्त नलिका शरीर के अशुद्ध रक्त को दिल के जरिए फेफड़ों तक पहुंचाती है। फेफडे़ अशुद्ध रक्त को शुद्ध करके दूसरी नलिका से पूरे शरीर में भेजते हैं। मरीज मनोहर उनके पास 16 जून को आया था। उसकी हालत काफी गंभीर थी। जांच में पता चला कि उसकी मुख्य रक्त नलिका में गांठ है। उन्होंने बताया कि 18 जून को उसका सफल आपरेशन किया गया। करीब सात घंटे चले इस आपरेशन में उन्होंने कैंसर ग्रस्त नलिका का 15 सेमी हिस्सा काट कर उसकी जगह प्लास्टिक पाइप फिट कर दिया। अब मरीज बिल्कुल सामान्य है।

ज्ञात हो कि 1871 में अमेरिका में एक फोरम का गठन किया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य विश्व में मुख्य रक्त नलिका में पैदा होने वाले कैंसर के केसों को दर्ज करके उन पर शोध और उनका उपचार ईजाद करना था। 138 वर्ष में ऐसे सिर्फ 100 केस ही रजिस्टर्ड हुए हैं। इतने कम केस रजिस्टर्ड होना यह दर्शाता है कि मुख्य रक्त नलिका में पैदा होने वाला कैंसर अति दुर्लभ है।

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केंद्र सरकार को 10 नए राज्य बनाने के आवेदन मिले

Posted on 28 June 2009 by admin

नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने 10 नए राज्यों के निमार्ण के संबंध में दिए गए आवेदन को विचार के लिए स्वीकार कर लिया है जिस पर बाद में फैसला किया जाएगा। इन 10 नए राज्यों की मांग में बिहार को विभाजित कर मिथिलांचल राज्य, गुजरात को विभाजित कर सौराष्ट और कर्नाटक को विभाजित कर कोर्ग राज्य बनाने की मांग भी शामिल है।

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ट अधिकारी ने जानकारी दी कि नए राज्यों के संबंध में अधिकांस मांग टीआरएस,गोरखा जन मुक्ति मोर्चा और इनके जैसे कुछ अन्य संस्थाओं ने व्यक्तिगत रुप से सरकार को भेजें है।
इस नए राज्य की मांग तेलंगाना राष्ट्रीय समिती ने की है। गौरतलब है कि टीआरएस लंबे समय से आंधप्रदेश को विभाजित कर नए राज्य के निमार्ण की मांग कर रहीं है। देखा जाए तो टीआरएस का संगटन की बुनियाद इसी नए राज्य को लेकर पड़ी और राज्य में पिछले कुछ चुनावों में अच्छी सफलता भी मिली। दार्जलिग के कुछ हिस्सों को विभाजित कर इसे बनाने की मांग की जा रही है। उत्तरप्रदेश के बांदा, चित्रकूट, झांसी, ललितपुर,और मध्यप्रदेश के सागर जिलों को मिलाकर नए बुंदेलखंड के लिए गृहमंत्रालय को आवेदन दिया गया है। गृहमंत्रालय के अनुसार इस नए राज्य की मांग गृहमंत्रालय में लंबे समय से प्रतीक्षा सूची में पड़ी है। हालांकि राज्य सरकार ने इस संबंध में कोई आवेदन सरकार को नहीं भेजा है जो कि नए राज्य के निमार्ण के लिए एक जरूरी शर्त माना जाता है।

सौराष्ट राज्य की मांग गुजरात से आई है और गृहमंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार पिछले सात साल से इन नए राज्य के निर्माण से संबंधित मांग सरकार के प्रतीक्षा सूची में है

केंद्र सरकार को उत्तरप्रदेश के पूर्वी जिलों को मिला
र एक नए राज्य हरित प्रदेश या किसान प्रदेश बनाने से संबधित आवेदन भी मिला है।

मिथिलांचल राज्य की मांग बिहार से आई है।विर्दभ राज्य की मांग महाराष्ट से आई है।
कोर्ग राज्य के निमार्ण के लिए कर्नाटक से आवेदन किया गया है।

इन सभी आवदनों पर अभी तक गृहमंत्रालय ने कोई फैसला नहीं किया है। और किसी भी नए राज्य के निमार्ण के संबंध में विभिन्न पक्षों और स्थितियों का अध्ययन करने का बाद ही केंद्र सरकार ने किसी फैसले पर पहुंचने का सकेंत दिया है।

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स्थाई संविधान पीठ बनाने की वकालत

Posted on 28 June 2009 by admin

नई दिल्ली- विधि आयोग ने संवैधानिक मामलों के निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक स्थाई संविधान पीठ बनाने की वकालत की है। विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए आर लक्ष्मणन ने बताया कि शीर्ष कोर्ट में लंबित संवैधानिक मामलों की बढ़ती संख्या की वजह से स्थाई संविधान पीठ की जरूरत बढ़ गई है।

लक्ष्मणन ने कहा कि न्यायिक सुधारों के मद्देनजर आयोग की यह राय भी है कि राज्यों के हाईकोर्ट के फैसलों के खिलाफ दायर की जाने वाली सभी अपीलों की सुनवाई के लिए देश के चारों हिस्सों में ‘पृथक पीठ’ बनाई जानी चाहिए।पृथक पीठ  को सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार के अतंर्गत पड़ने वाले मामलों की सुनवाई का अधिकार होगा। ऐसे कदमों से मुकदमे में फंसे हुए लोगों को फायदा होगा। 03जुलाई को विधि आयोग की होने वाली बैठक में विचार के लिए यह एक अहम मुद्दा होगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में खास तौर पर संवैधानिक मुद्दों की सुनवाई के लिए स्थाई संविधान पीठ बनाने का विचार एक अच्छा सुझाव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में ऐसे करीब 50 मामले लंबित हैं।

संवैधानिक मसलों की सुनवाई में लगने वाले लंबे वक्त को ध्यान में रखते हुए लक्ष्मणन ने कहा कि प्रस्तावित संविधान पीठ से मुकदमे में फंसे हुए लोगों को उनके मामलों के जल्द निपटान में मदद मिलेगी।

उन्होंने बताया कि यह पीठ केवल संवैधानिक मुद्दे देखेगी जिसमें राष्ट्रपति द्वारा विचारार्थ भेजे गए मामले भी शामिल होंगे। इसमें वो मामले भी हैं जिसमें दो या दो से अधिक राज्य एक पक्ष हों।

न्यायमूर्ति लक्ष्मणन ने कहा कि हाल ही में शीर्ष अदालत में जजों की संख्या 26 से बढ़ाकर 31 करने से संविधान पीठ और पृथक पीठ गठित करने के विचार को क्रियांवित करने से मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि दूसरा महत्वपूर्ण एजेंडा भारतीय स्टांप एक्ट में खामियों को दूर करने के लिए संशोधन का मुद्दा है। आयोग ने पहले ही संशोधन का मसौदा तैयार कर रखा है जिसमें न्यायिक कामों के लिए नकदी के लेन देन की इजाजत नहीं दी जाएगी।

विधि आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि स्टांप पेपर के इस्तेमाल की बजाय डिमांड ड्राफ्ट, बैंकर्स चेक या पोस्टल आर्डर जमा कराने के निर्देश दिए जाएंगे। इससे हम अदालत के कर्मचारियों को नकदी के लेन देन से बचा सकेंगे।

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जजों को भी करनी होगी संपत्ति की घोषणा

Posted on 27 June 2009 by admin

नई दिल्ली- जजों की संपत्ति की घोषणा अनिवार्य करने के लिए सरकार ने कानून बनाने का फैसला किया है। न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए संसद के इसी सत्र में यह विधेयक पेश किया जाएगा। जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए सरकार न्यायाधीश जांच विधेयक भी लाएगी। सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त पाए गए कोलकाता हाईकोर्ट के जज सौमित्र सेन पर महाभियोग चलाने का भी फैसला कर लिया है। वहीं भ्रष्टाचार के मामलों की जल्दी सुनवाई के लिए सीबीआई की 100 नई विशेष अदालतें बनाने की घोषणा की है।

संप्रग सरकार के पहले सौ दिन के एजेंडे के तहत सरकार न्यायिक सुधारों से जुड़े ये सभी बड़े फैसले लेगी। कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने प्रेस एसोसिएशन के ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम के दौरान जजों की संपत्ति की घोषणा संबंधी कानून बजट सत्र में ही लाने का खुलासा किया। मोइली ने कहा कि न्यायपालिका में उच्चस्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कानून मंत्रालय इस विधेयक को जरूरी मानता है और अगले दो दिनों में इसका मसौदा तैयार कर कैबिनेट के विचारार्थ भेज दिया जाएगा।

कानून मंत्री ने कहा कि सरकार का मानना है कि न्यायपालिका में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व तय हो इसके लिए एक तंत्र बनना चाहिए। इसीलिए सरकार न्यायाधीश जांच विधेयक का नया मसौदा तैयार कर रही है और इसे भी जल्द ही संसद के सामने लाया जाएगा। नए विधेयक की राह आसान करने के लिए सरकार ने पहले ही 2006 में पेश किए गए पुराने जांच विधेयक को वापस ले लिया है। मोइली ने कहा कि सीबीआई के अधीन भ्रष्टाचार के लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे की जरूरत को देखते हुए 100 नई विशेष सीबीआई अदालतें गठित की जा रही हैं।

भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए गए कोलकाता हाईकोर्ट के जज सौमित्र सेन पर महाभियोग चलाने की घोषणा करते हुए मोइली ने कहा कि उच्च स्तर पर न्यायिक उत्तारदायित्व का संदेश देना जरूरी है। पिछले 60 साल में महाभियोग के विकल्प का प्रयोग ही नहीं हुआ है। इसलिए यह बोध कराना जरूरी है कि न्यायिक उत्तारदायित्व सुनिश्चित करने के लिए यह रास्ता भी है। सेन के खिलाफ महाभियोग का रास्ता साफ करने के लिए संसद की समिति का पुनर्गठन कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के जज डी के जैन ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया था। अब सुप्रीम कोर्ट के दूसरे जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को इस तीन सदस्यीय समिति में शामिल किया गया है। मोइली ने साफ कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जस्टिस सेन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित हो और कुछ नहीं होगा की पुरानी धारणा को खत्म किया जाए।

नीचे से लेकर शीर्ष न्यायालयों में लंबित मुकदमों की संख्या घटाने पर भी सरकार फोकस करेगी। मोइली ने कहा कि अदालतों में औसतन 15 साल तक मुकदमों के लंबित रहने की अवधि को घटाकर 3 साल लाने के लिए सरकार सैकड़ों अप्रासंगिक हो चुके पुराने कानून को निरस्त करेगी। न्यायपालिका में प्रतिभा को लाने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक सेवा के गठन पर भी सरकार गंभीर है। कानून मंत्री ने कहा कि विदेशी कानूनी फर्मो को देश में आने की इजाजत देने पर भी सरकार का रुख सकारात्मक है क्योंकि इस क्षेत्र में भी भारत दुनिया में अपना परचम लहराने के काबिल है।

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पानी और बिजली का संकट गहराया

Posted on 27 June 2009 by admin

नई दिल्ली- मानसून की देरी से बिजली और पानी संकट गहराता जा रहा है। बांधों में पानी कम हो गया है, जिससे बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ है।  उद्योगों पर इसका असर पड़ रहा है। पानी की समस्या को लेकर लोग सड़कों पर भी उतरने लगे हैं, जिससे कानून और व्यवस्था की भी समस्या खड़ी हो रही है।

बिजली और पानी की कमी को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में हाहाकार मचा हुआ है। राजधानी का कोई भी ऐसा इलाका नहीं, जहां रोजाना घंटों की अघोषित कटौती न की जा रही हो । राजधानी के अन्य इलाकों में बिजली एवं पानी का बुरा हाल है। हालांकि दिल्ली सरकार का कहना है कि चाहे जितनी कीमत में बिजली खरीदनी पड़े, उसे खरीदा जाएगा।

समय पर बारिश नहीं होने के कारण उत्तराखंड की नदियों का जलस्तर गिर रहा है। इसका असर विद्युत उत्पादन पर भी नजर आने लगा है। नदियों के मौजूदा हालात की तुलना पिछले साल से करें, तो सबसे बुरी स्थिति टौंस नदी की है। टौंस का जलस्तर गत वर्ष की तुलना में 75.55 फीसदी नीचे लुढ़का है। जबकि भागीरथी 59.26 फीसदी, गंगा 47.02 फीसदी और शारदा 15.57 फीसदी सिकुड़ गई। बांधों में पानी में कम होने से विद्युत उत्पादन भी गिर गया है।

चूंकि उत्तराखंड की बिजली परियोजनाओं से बाहरी राज्यों को विद्युत सप्लाई की जाती है। इसलिए दूसरे राज्यों में बिजली संकट बढ़ गया। उत्तराखंड के लोगों को भी भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

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खाद्य सुरक्षा लागू करने में मुश्किल नहीं आएगी

Posted on 26 June 2009 by admin

नई दिल्ली-मनमोहन सिंह सरकार ने खाद्य सुरक्षा प्रणाली को लागू करने के लिए प्रारंभिक काम पूरा कर लिया है।उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में भोजन का अधिकार कार्यक्रम के लिए 50,000करोड़ रुपए का अलग से आवंटन कर सकती है। प्रस्तावित कार्यक्रम पर कृषि मंत्रालय में कई चरणों में गंभीर मंथन होने के बाद केंद्रीय खाद्य सचिव ने राज्यों के खाद्यान्न विभाग के प्रमुखों से विचार-विमर्श भी किया।

कार्यक्रम का विस्तृत ब्यौरा जल्द आने वाला है और सरकार को लगता है कि कार्यक्रम को लागू करने में कोई खास दिक्कत नहीं आएगी। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि केंद्र भोजन का अधिकार कानून को लागू करने की स्थिति में है। इसमें जरूरतमंद उपभोक्ता को तीन रुपए प्रति किलो के आधार पर 25 किलो अनाज देना वैधानिक तौर पर सुनिश्चित करना है। सरकार इसे अगले साल की शुरुआत से लागू करने की स्थिति में है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि संबंधित विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

सरकार इसे लागू करते समय वैश्विक आर्थिक मंदी से कुछ चुनिंदा सेक्टरों में बेरोजगार हुए लोगों का ध्यान रखेगी। समझा जाता है कि सरकार इस कार्यक्रम के तहत टेक्सटाइल के अलावा बड़े पैमाने पर कृषि मजदूरों को शामिल कर सकती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत आने वाली बीपीएल श्रेणी में गरीबों के एक बहुत बड़े वर्ग को शामिल नहीं गया है। इसमें 52 फीसदी खेतिहर मजदूर भी शामिल है। इस समय सरकार के पास पर्याप्त खाद्यान्न भंडार है। अभी सरकार के पास भारतीय खाद्य निगम की भंडारण क्षमता से करीब दोगुना यानी 5 करोड़ टन से अधिक अनाज का भंडार है। इस साल सरकार ने करीब 3.06 करोड़ टन चावल और 2.47 करोड़ टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीदारी की है। सब्सिडाइज्ड दरों पर खाद्यान्न की जरूरतों का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि लोग बड़े पैमाने पर सरकारी कार्यक्रमों में मिलने वाले अनाज को उठा रहे हैं। अंत्योदय कार्यक्रम में 90 फीसदी तक लोग अनाज उठा रहे हैं। इससे साफ है कि लोगों को सस्ती दरों पर अनाज की जरूरत है। वहीं, बीपीएल कार्यक्रम के तहत लोगों ने 2005-06 में 73 लाख टन अनाज उठाया था, जो अब बढ़कर 2.28 करोड़ टन हो गया है। सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए 2.73 करोड़ टन का आवंटन किया है। जहां तक एपीएल का मामला है तो यहां पर लोग तुलनात्मक रूप से कम अनाज उठा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह कुछ सालों से अनाजों के एपीएल और बाजार कीमतों में कोई बड़ा फर्क नहीं होना है।

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पर्यटन स्थलों पर बनेंगे ग्रामीण हाट

Posted on 26 June 2009 by admin

जयपुर- केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री डा. सीपी जोशी ने कहा है कि ग्रामीण दस्तकारों को अपने उत्पाद विपणन के बेहतर अवसर मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण हाट निर्मित कराए जाएंगे।

एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए जोशी ने कहा कि ग्रामीण दस्तकारों के हुनर से तैयार अच्छे उत्पाद का उचित विपणन नहीं होने से उनकी स्थिति में सुधार तीव्र गति से नहीं हो पा रहा है। इसके लिए ऐसे स्थल जहां मंदिर एवं देवस्थान है तथा पर्यटक अधिक आते जाते हैं वहां ग्रामीण हाट बनाए जाएंगे।

जोशी ने कहा कि दस्तकारों को अपने उत्पाद के विपणन का उचित स्थान उपलब्ध कराने के लिए उदयपुर में एक मार्केटिंग कांपलेक्स बनाने की शुरुआत भी एक साल के अंदर कर दी जाएगी। इससे स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से दस्तकार अपने उत्पादों का विपणन कर सके।

उन्होंने कहा कि सभी लोग सरकार की नीतियों एवं योजनाओं का लाभ उठाकर अपने जीवन में सुधार लाएं। गरीब आत्मनिर्भर बनेगा तभी देश भी आगे बढ़ेगा।

जोशी ने कहा कि नरेगा योजना में आमूलचूल परिवर्तन कर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से वैयक्तिक लाभ की योजनाओं को आगे बढ़ाकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास होंगे।

उन्होंने कहा कि समाज का एक बड़ा वर्ग ग्रामीण क्षेत्र में दस्तकार है जिसकी माली हालात में सुधार के लिए भी प्रयास होंगे। इसमें मास्टर क्राफ्टसमेन जिसने उत्पादक को क्षमता दी है, उसे मास्टर ट्रेनर के रूप में लगाकर एक निश्चित मानदेय दिए जाने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि वह अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दे सके।

समारोह में प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज मंत्री भरत सिंह ने कहा कि ग्रामीण दस्तकारों को बाजार उपलबध कराना जरुरी है ताकि दस्तकार को उसकी मेहनत का पुरा लाभ मिल सके।

उन्होंने संभाग मुख्यालय पर आर्टीजन्स रिसोर्स सेंटर प्रारंभ करने की आवश्यकता बताते हुए छोटे दस्तकारों को नरेगा के माध्यम से जोड़कर उन्हें मजदूरी दिलाने की भी जरूरत बताई।

प्रदेश के उद्योग मंत्री राजेंद्र पारीक ने भी नरेगा के माध्यम से दस्तकारों कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया ताकि उत्पाद की लागत कम आए तथा दस्तकार को अधिक लाभ मिल सके।

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दसवीं की बोर्ड परीक्षा होगी वैकल्पिक

Posted on 26 June 2009 by admin

नई दिल्ली- शिक्षा के समवर्ती [केंद्र व राज्य] सूची में होने के बावजूद केंद्र सरकार की कोशिशें कामयाब हुईं तो दसवीं में बोर्ड की परीक्षा का वैकल्पिक रास्ता खुल जाएगा। उच्च शिक्षा में कैपिटेशन फीस और पाठ्यक्रमों के बारे में धोखाधड़ी करने वालों को सजा के लिए नया कानून भी बनेगा। इतना ही नहीं, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए बैंकों से कर्ज लेने वाले आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के ब्याज का भुगतान भी सरकार ही करेगी।

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने गुरुवार को यहां पत्रकार वार्ता में शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सभी तैयारियों का खुलासा किया। उन्होंने कहा, ‘एक बच्चा दसवीं पास करके 11वीं में जाना चाहता है। दसवीं में बोर्ड परीक्षा के चलते उसे और उसके मां-बाप को बड़े तनाव की स्थिति से गुजरना पड़ता है। लिहाजा सरकार दसवीं की बोर्ड को वैकल्पिक करना चाहती है’। उन्होंने कहा कि जब तक बच्चे को विश्वविद्यालय या कालेज स्तर के पूर्व किसी खास पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए बोर्ड पास करना जरूरी न हो, तब तक दसवीं में बोर्ड की परीक्षा जरूरी नहीं होनी चाहिए।

सिब्बल ने इसे अपनी निजी राय बताते हुए कहा कि आखिर बोर्ड परीक्षा का मकसद तो विश्वविद्यालय या कालेज में दाखिला लेना ही है। तो फिर अलग-अलग व तमाम बोर्ड के बजाय एक ही बोर्ड परीक्षा क्यों न हो, जिसके आधार पर उसे उच्च शिक्षा में दाखिला मिल सके। जैसा अभी विधि विश्वविद्यालयों व ला कालेजों के मामले में होता है।

उन्होंने कहा कि उच्च कक्षाओं में पढ़ाई के लिए कैपिटेशन फीस, पाठ्यक्रमों के नाम पर धोखाधड़ी, बताना कुछ-पढ़ाना कुछ और रैगिंग जैसी सभी गड़बड़ियों को रोकने के लिए भी इसी सौ दिन के भीतर कानून बनाने की पहल होगी। सिब्बल ने कहा कि सरकार सौ दिनों के भीतर ही कर्ज लेकर व्यावसायिक शिक्षा हासिल कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के ऋण के भुगतान की योजना भी शुरू कर देगी। इसके साथ ही इसी अवधि में उच्चतर शिक्षा व शोध के लिए नियामक प्राधिकरण और उच्च शिक्षा में अनिवार्य मूल्याकंन और प्रत्यायन की बाबत स्वतंत्र नियामक प्राधिकरण के लिए कानून बनाने की पहल की जाएगी। साथ ही शिक्षकों, प्रबंधन, कर्मचारियों व छात्रों के विवादों को निपटाने के लिए ट्रिब्युनल भी बनेगा।

शिक्षा का अधिकार विधेयक को संसद में पारित कराने और अखिल भारतीय मदरसा बोर्ड के लिए आमराय बनाने की भी बात कही। सिब्बल ने कहा कि अल्पसंख्यक बहुल आबादी वाले सौ जिलों में माडल डिग्री कालेज खोलने, पांच हजार विश्वविद्यालयों, कालेजों को ब्राडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ने का भी ऐलान किया। सिब्बल ने कहा कि सूचना संचार तकनीक का विस्तार माध्यमिक शिक्षा में भी होगा। कांग्रेस पार्टी ने तीन साल में सभी गांवों को ब्राडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने का वायदा किया है। इसके जरिए ही उसे भी पूरा किया जाएगा। साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए कोचिंग की व्यवस्था सुदृढ़ करने और वंचितों के मसलों को निपटाने के लिए हर विश्वविद्यालय में ‘समान अवसर केंद्र’ भी खोले जाएंगे।

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भाकपा( माओवादी ) आतंकी संगठन घोषित

Posted on 22 June 2009 by admin

नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने सोमवार को बेहद सख्त कदम उठाते हुए भाकपा (माओवादी) पर प्रतिबंध लगाते हुए उसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया। पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ वाम मोर्चे ने प्रतिबंध को अनुचित माना है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। भाकपा (माओवादी) को गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर आतंकी संगठन घोषित किया गया है। देश के प्रमुख नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) को  लश्करे तैयबा, सिमी और लिट्टे जैसे 34 अन्य संगठनों के साथ प्रतिबंधित सूची में रखा गया है।

पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ वाममोर्चा ने प्रतिबंध को अनुचित माना है। उसने कहा कि हम ऐसे संगठनों से राजनीतिक स्तर पर निपटेंगे। यह बात मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के उस बयान के एक दिन बाद सामने आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि नक्सलियों को प्रतिबंधित करने पर उनकी सरकार गंभीरता से विचार करेगी।

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