भोपाल- राज्य में शीर्ष निवेश संवर्द्धन समिति की बैठक में 11506 करोड़ रुपए लागत के 11 उद्योगों से संबंधित प्रस्तावों पर विचार किया गया और राज्य की उद्योग नीति के प्रावधानों के अनुसार उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराने का आज निर्णय किया गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि उद्योगों की स्थापना से संबंधित किए गए निर्णयों का तेजी से पालन किया जाना आवश्यक है। इसमें विलंब से विकास की गति रुकती है। उन्होंने उद्योगों को भूमि, पानी एवं बिजली आपूर्ति आदि के संबंध में संबंधित विभागों द्वारा त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
इन उद्योगों में 2500 करोड़ रुपए लागत से रिलायंस के सतना जिले में प्रस्तावित सीमेंट कारखाना, 7580 करोड़ रुपए की लागत से हिंडाल्को द्वारा सिंगरौली जिले में प्रस्तावित अल्यूमीनियम स्मेल्टर प्लांट, 1162 करोड़ रुपए की लागत से केलारस में सीमेंट कारखाना, निभि इंडस्ट्रीज द्वारा मेघनगर में 28 करोड़ रुपए की लागत से एसबेस्टस शीट कारखाना, राजरतन कंसेप्ट द्वारा 36 करोड़ रुपए की लागत से फुलगावड़ी (जिला धार) में प्रदूषणकारी अनुपयोगी पदार्थो से उपयोगी वस्तुओं की इकाई की स्थापना शामिल है। इसके अलावा गंगाहोनी (राजगढ़), पचोर (राजगढ़), सिया (देवास) मंडीदीप (रायसेन) तथा शुजालपुर (शाजापुर) में कुल 200 करोड़ रुपए की लागत से सालवेंट इकाइयों की स्थापना भी प्रस्तावित है।
बैठक में अल्यूमीनियम उत्पादन से बिजली की अत्यधिक खपत को देखते हुए कैप्टिव पावर प्लांट संबंधी प्रावधानों तथा प्रदेश के बाहर से फूड प्रोसेसिंग इकाइयों द्वारा आयात करने पर एंट्री टैक्स में छूट संबंधी प्रावधानों पर पुनर्विचार करने का निर्णय किया गया।
राजनीतिक आंदोलनों के दौरान नेताओं का पुतला जलाने को अलोकतांत्रिक बताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा और कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे पुतला दहन को राजनीतिक एजेंडे से बाहर कर दें।
चौहान ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि किसी का पुतला दहन किए जाने से जनता की मानसिकता पर कोई असर नहीं होता है। उन्होंने कहा कि जिस कार्रवाई से जनता की मानसिकता पर कोई असर नहीं होता उसे राजनीतिक दलों को अपने एजेंडे से बाहर कर देना चाहिए।
सरकारी खर्चो में कटौती के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के अनावश्यक खर्चो में कटौती की जाएगी लेकिन खर्चो में कटौती के नाम पर सभी सरकारी कार्यक्रमों को बंद नहीं किया जा सकता।
सरकारी कार्यालयों में ए.सी बंद किए जाने पर अधिकारियों एवं मंत्रियों की आपत्ति के बारे में पूछे जाने पर चौहान ने कहा कि उक्त निर्णय के कारण किसी को कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जनता बिजली और ए.सी के बिना रहती है उसी प्रकार अधिकारियों और मंत्रियों को भी सादगी से रहते हुए जनता के कष्टों को महसूस करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी महसूस किया जाएगा वहां अनावश्यक सरकारी व्ययों में कटौती की जाएगी।