Archive | March, 2010

समय पर न्याय देने के लिये अधिक अदालतें, न्यायाधीश और बुनियादी ढांचे का विस्तार एक मात्र हल - बालकृष्णन

Posted on 29 March 2010 by admin

अहमदाबाद- सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के.जी बालकृष्णन ने कहा कि न्यायिक प्रणाली को सक्षम बनाने और नागरिकों को समय पर न्याय देने के लिये अधिक अदालतें, अधिक न्यायाधीश और बुनियादी ढांचे का विस्तार ही एकमात्र हल है।

गुजरात उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी द्वारा आयोजित पश्चिम जोन न्यायिक सम्मेलन के समापन समारोह में बालाकृष्णन बोल रहे थे। समय पर न्याय को बढ़ावा - आपराधिक न्याय प्रशासन को मजबूत बनाना विषय पर आधारित सम्मेलन में प्रधान न्यायाधीश ने समय पर न्याय पाने को नागरिको का अधिकार बताते हुए कहा कि समय के भीतर न्याय देने और न्यायिक प्रणाली में सक्षमता लाने के लिये हमें और अधिक अदालतों की स्थापना करनी होगी, अधिक न्यायाधीशों को नियुक्त करना होगा और अधिक बुनियादी ढांचा तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है। जिसके नतीजे आने शुरू हो गये हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है। विभिन्न अदालतों में बहुत अधिक लंबित मामलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि निचली अदालत में एक न्यायाधीश को रोजाना सैकड़ों मामलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप उनसे समय पर न्याय देने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हमने पारिवारिक अदालतें स्थापित कीं, ताकि लोग अपने परिवार से जुड़ी समस्याओं को लेकर वहां जा सकें। इसी तरह से नागरिकों की अन्य समस्याओं और मुद्दों का हल करने के लिये अदालतें होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपराधिक न्यायिक प्रणाली में अभियोजन पक्ष और जांच एजेंसियों की भूमिका समान रूप से महत्वपूर्ण है। न्यायपालिका सहित अभियोजन और जांच सहित सभी पक्षों में सुधार होना चाहिए।

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सरस मेला मे कम कीमत और सौंदर्य के चलते कला प्रेमी उपभोक्ताओ की उमड़ी भीड़

Posted on 28 March 2010 by admin

लखनऊ - ग्राम्य विकास विभाग द्वारा राजधानी लखनऊ मे आयोजित सरस मेला मे स्वयं सहायता समूह की मुखिया गुड्डी अहिरवार, गुलाब रानी अहिरवार तथा प्रीतम अहिरवार पहली बार अपने समूह द्वारा उत्पादित बाँस से बने विभिन्न प्रकार के खिलौने तथा दैनिक उपयोग की चीजें लेकर ललितपुर जनपद के मॅंडावरा ब्लाक से आए हैबाँस के उत्पाद की कम कीमत और सौंदर्य के चलते कला प्रेमी उपभोक्ताओ की उमड़ी भीड़ से दो दिन मे ही तीन हजार से अधिक मूल्य की बिक्री से खुशी का इज़हार करते हुए गुड्डी अहिरवार ने बताया कि हम पढ़े लिखे नैइयां लेकिन जो चीज़े हमने बनाई है उसे सभी खूब पसंद कर रहे है

पहली बार टीकमगढ़ .प्र. मे अपने उत्पादो को बेचकर अच्छे अनुभव ने उन्हे लखनऊ सरस मेले मे भाग लेने की हिम्मत मिली गुलाब रानी बताती है कि हमारे झेत्र मे रोजगार के साधन बहुत कम है, जंगली झेत्र होने के कारण लकड़ी और बाँस खूब मिलता हैग्राम्य विकास विभाग ने हमारे स्वयं सहायता समूह को प्रशिझ दिला कर हमे रोजगार का अवसर प्रदान किया है हमारे द्वारा बनाए जा रहे बाँस के खिलौने लंबे समय तक खराब नही होते है तथा देखने मे अच्छे लगते है

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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न्याय प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत - प्रधानमंत्री

Posted on 27 March 2010 by admin

नई दिल्ली -प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने देश की कानूनी और न्यायिक व्यवस्था को बहुत विरोधाभासीं बताते हुए आग्रह किया कि देश की लोकतन्त्र की जड़ों को मजबूत बनाने के लिए न्याय प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है। आम आदमी को त्वरित न्याय मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने राज्य सरकारों से जल्दी से जल्दी ग्राम अदालतें स्थापित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ग्राम न्यायालय अधिनियम पारित कर चुकी है। अगर राज्य सरकारें इसे अमल में लाएं तो पूरे देश में पंचायत स्तर पर 5000 से ज्यादा अदालतें पूरी तस्वीर बदल सकेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अदालतों में ढाई करोड़ मुकदमे लंबित होने पर चिंता जताई और त्वरित न्याय की जरूरत बताई।

कानून, न्याय और आम आदमी विषय पर कांग्रेस की ओर से आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की कानूनी और न्याय व्यवस्था हमारे लोकतन्त्र के मजबूत आधार स्तम्भो में से एक है। हमारे लोकतन्त्र और कानूनी व्यवस्था में शक्ति जिसकी पूरी दुनिया में प्रशंसा होती है। हमारे पास एक स्वतन्त्र प्रेस, एक स्वतन्त्र न्यायपालिका, निर्वाचन आयोग तथा नियन्त्रक और महालेखा परीक्षक जैसी स्वतन्त्र संस्थाएं हैं, जो हमारे लोकतान्त्रिक ढांचे को नियन्त्रित करती हैं। हमारी सरकार आम आदमी को कानूनी रूप से सशक्त बनाने को बहुत महत्व देती है। इसी कड़ी में उन्होंने सीबीआई की 71 विशेष अदालतें गठित करने का जिक्र किया। सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से ये अदालतें सामान्य अदालतों की तुलना में मुकदमों का निस्तारण तेजी से कर रही हैं। प्रधानमंत्री का सबसे ज्यादा जोर ग्राम अदालतों की स्थापना पर था। बकौल प्रधानमंत्री, ग्राम अदालतें स्थापित कर ही वास्तव में हम आम आदमी को उसके दरवाजे तक न्याय पहुंचा सकेंगे।

न्यायिक सुधारों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की पुरजोर पैरवी करते हुए मनमोहन ने वादा किया कि अगर बार और बेंच थोड़ा आगे बढ़े तो हम बहुत लंबा सफर तय करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी व न्यायिक सुधार अकेले न्यायपालिका और विधायिका की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि वकीलों का भी कर्तव्य है। प्रधानमंत्री ने शिकायती लहजे में कहा कि देश की न्यायिक प्रणाली का लोहा पूरी दुनिया मानती है, लेकिन करोड़ों मुकदमों का लंबित होना उस पर एक दाग है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि न्याय ‘प्रभावी और दृढ़’ होना चाहिए। संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल की ही तरह दूसरे कार्यकाल में भी सुधारात्मक कदमों की बात करते हुए सोनिया ने आरटीआई, नरेगा और अब महिला आरक्षण विधेयक का जिक्र किया। उन्होंने न्यायिक सुधारों की प्रक्रिया तेज करने और उसे आम आदमी के लिए ज्यादा प्रभावी बनाने पर जोर दिया।

कार्यक्रम के कर्ता-धर्ता, कांग्रेस प्रवक्ता और पार्टी के कानून व मानवाधिकार विभाग के अध्यक्ष डा. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस कार्यक्रम को आगे और वृहत् स्तर पर ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दफा डेढ़ हजार वकील पूरे देश से आए हैं। अगली बार तालकटोरा स्टेडियम में 5-10 हजार वकीलों की उपस्थिति में कार्यक्रम किया जाएगा।

तीन सत्रों के इस कार्यक्रम को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, गृह मंत्री पी. चिदंबरम व कानून मंत्री वीरप्पा मोइली समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी संबोधित किया।

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बच्चों का डिपे्रशन में जाने का मुख्य कारण है तनाव - अंशुमालि शर्मा

Posted on 27 March 2010 by admin

लखनऊ - बच्चों में दिनोदिन तनाव बढ़ने से आत्महत्याओं की घटनाओं में निरन्तर वृद्वि हो रही है और इसके लिए बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावक और अध्यापकगण भी कम दोषी नहीं है। अभिभावकों और अध्यापकों को बच्चों की क्षमताओं का आंकलन करके उनकी रुचि के अनुसार प्रेरित करना चाहिए। बच्चों पर अपनी इच्छाओं को थोपना नहीं चाहिए क्योंकि बच्चों का मन थोपी हुई बातों को करने में नहीं लगता हैं लेकिन आज के समय में नम्बर वन बनने की होड़ ने सभी बच्चों को तनावग्रस्त कर रखा है। हर माता-पिता चाहते है कि उनका बच्चा नामी-गिरामी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करके डाक्टर, इंजीनियर और आईएसए बने और वे नम्बर वन की दौड़ में अपने बच्चे को दौड़ाकर डिप्रेशन में डालने का काम करते है।

यूनीसेफ और मीडिया नेस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आज यहां यू0पी0 प्रेस क्लब में चिल्ड्रन ऑवर में महात्वाकांक्षा बन गई है जानलेवा विषय पर बोलते हुए ऑल इज वेल फोरम से जुडे चाइल्ड लाइन संस्था के निदेशक डा0 अंशुमालि शर्मा ने कहा कि बच्चों का डिपे्रशन में जाने का मुख्य कारण है तनाव और उनको यह तनाव देते है उनके माता-पिता, अभिभावक और अध्यापक। उन्होंने बताया कि डिप्रेशन (अवसाद) के मुख्यता: चार लक्षण होते हे:- बच्चा नज़र मिला कर आपसे बात न कर रहा हो, बच्चा अधिकतर अकेले बैठने की कोशिश में हो, छोटी-छोटी बातों में झुझला जाएं और कभी-कभी हिंसक हो जाएं। माता-पिता और अध्यापकों को बच्चों पर किसी तरह का दबाव नहीं डालना चाहिए। डिप्रेशन से बचने के लिए बच्चों को परीक्षा को हौव्वा नही समझना चाहिए, कम से कम छह घन्टे नीन्द ले, इम्तिहान के दिनों में हल्का-फुल्का भोजल करें, अभिभावक बच्चों पर दबाव न बनाकर उनकी समस्याओं को सुनकर उनका निदान करें और संवादहीनता न होने दें।

डा0 अंशुमालि शर्मा ने बताया कि ऑल इज वेल फोरम ने सैकडों बच्चों को आत्महत्या से रोकने का काम किया है। उनका कहना है कि कोई भी बच्चा अपनी समस्याओं को फोरम के नि:शुल्क फोन नम्बर 1098 अथवा 9415189200 अथवा 9415408590 पर चौबीसो घन्टे बातचीत करके सुलझा सकता है।

डा0 विनोद चन्द्रा ने बताया कि उनका फोरम बच्चों को स्वास्थ्य, आश्रय, परामर्श, परिवार वापसी और शोषण से बचाव की सेवा प्रदान करता है। उनका मानना है कि अभिभावक, अध्यापक और छात्रों में संवाद शून्यता है और उसको दूर करने के लिए काउसिंलिंग की जरुरत है।

इस अवसर पर मीडिया नेस्ट की महामन्त्री और वरिष्ठ पत्रकार कुलसुम तल्हा ने कहा कि  पहले हम भारतीय है बाद में पत्रकार। हम मीडिया के लोग बच्चों की समस्याओं को उजागर करके उसका समाधान निकालने में अहम भुमिका निभाते है। उन्होंने कहा कि चिल्ड्रन ऑवर अपनी तरह का एक निराला कार्यक्रम है जिसको यूनीसेफ के सहयोग से एक विख्यात पत्रकार संगठन मीडिया नेस्ट आयोजित करता है जिसमें बच्चों और महिलाओं के उत्थान के लिये काम किया जाता है। इस कार्यक्रम में बच्चों और महिलाओं की समस्याओं को उठाया जाता है और उसके समाधान के उपाय खोजे जाते है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय में डेस्टीनेशन परियोजना का शुभारंभ किया

Posted on 27 March 2010 by admin

चित्रकूट -  मन्दाकिनी सफाई का काम केवल सरकार का काम नहीं है, इसके लिए स्वयं सेवी संगठनों व स्थानीय लोगों को भी आगे होना होगा तभी यह पवित्र नदी पूरी तरह स्वच्छ और निर्मल हो सकेगी।  चित्रकूट मेगा डेस्टिनेशन परियोजना का शुभारंभ करने के लिए शनिवार को चित्रकूट ग्रामोदय परिसर पहुंचे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने उक्त विचार रखे। जहां उनका स्वागत स्फटिक शिला में वैदिक मन्त्रो के साथ गायत्री परिवार के लोगों द्वारा किया गया।

चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार भी चाहती है कि भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में बहने वाली मन्दाकिनी नदी पूरी तरह स्वच्छ और निर्मल हो। इसके लिए उनके द्वारा हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि मन्दाकिनी में पालीथिन आदि डालना हम सभी को पूरी तरह बन्द कर देना चाहिए। साथ ही बाहर से आए तीर्थ यात्रियों व श्रद्धालुओं को भी इसके प्रति जागरूक करना चाहिए। इसके बाद मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय  में आओ बनाए सुन्दर अपना मध्य प्रदेश योजना के तहत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश शासन की ओर से 42 कार्यक्रमों को चलाने की शुरुआत भी की। उनकी योजनाओं मन्दाकिनी सफाई व पर्यटन के विभिन्न कार्यक्रम शामिल हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मन्दाकिनी की पूजा अर्चना करते हुए इसकी सफाई में हर प्रकार का सहयोग करने का वायदा भी किया। इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने सतना जिले में भी कुछ योजनाओं का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ज्ञानेन्द्र सिंह, सतना सांसद गणेश सिंह, चित्रकूट मध्यप्रदेश क्षेत्र विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार, पर्यटन अध्यक्ष धु्रवनारायण, सतना जिलाधिकारी सुखवीर सिंह, एसपी सतना हरी सिंह यादव सहित डीआरआई के कार्यकर्ता, सद्गुरु सेवा संघ के छात्र, ग्रामोदय विवि के एनएसएस कार्यकर्ता व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

श्री गोपाल
09839075109
bundelkhandlive.com

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अनाज का भण्डारण बनाने की शुरूआत

Posted on 27 March 2010 by admin

चित्रकूट (उत्तर् प्रदेश) - जिले में कई वर्षो से लगातार पड रहे सूखे के कारण गरीब किसानों की भूख से तडप कर हों रही मौतों पर लगाम लगाने के लिए एक्शन एड लखन ने प्रगति माध्यम समिति के साथ पहल शुरू कर तकरीबन आधा दर्जन ग्रामों में अनाज का भण्डारण बनाने की शुरूआत कर दी है।

उक्त जानकारी सूखा कार्यक्रम के कार्यक्रम अधिकारी मोहम्मद हारून ने दी। हारून ने बताया कि एक्शन एड ने बुन्देलखण्ड में गरीब किसानों की किसमत बन गये सूखे से निपटने की रणनीति बनाने की पहल ग्रामों में अनाज बैंक की स्थापना कर शुरू कर दी है। श्री हारून ने आगे बताया कि एक्शन एड की मंशा है कि कोई भी गरीब किसान भूुख से तडप कर मौत के मुंह में नही जाये।

अनाज बैंक स्थापना को अमली जामा पहनाने के लिए ग्राम पहरा,पतौडा,साईपुर,बूढा सेमरवार और गोण्डा में आम बैठक कर के बीस ग्रामीणो की समिति बनाकर पांच व्यक्तियों को पदाधिकारी बनाकर अनाज बैंक संचालन के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है।  अनाज बैक का मकसद है कि कोई भी गरीब भूख से गरीबी के कारण मौत को गले नही लगाने पाये। अवश्यकता के अनुसार गरीब किसान को अनाज उघार देकर उसें भुखमरी से बचाना हैं। श्री हारून ने आगे बताया कि ग्राम पतौडा में ग्राम प्रधान ने कई बार किसानों की बैठक के लिए पतौडा बुलाया परन्तु किसानों का कटाई में व्यस्त होने के कारण रात को किसानों से बैठक करवायी, और ग्रामीणो में अनाज बैंक के लिए उतसुकता दिखी। और खास बात इस गांव में यह दिखी कि बीस सदस्यों में उन्नीस व्यक्तियों ने हस्ताक्षर कर साबित कर दिया कि गांव में अभी भी शिक्षा का स्तर बेहतर है। ग्राम पहरा तो पतौडा गांव को भी पछाड दिया। इस गाव के प्रधान ने अनाज बैंक को एक कुन्टल अनाज देने का एलान किया। अनाज रखने की बखारी डी सी ने देने का जिम्मा लिया। ग्राम प्रधान ने कहा कि एक्शन एड की यह पहल से अब कोई भी गरीब भूख से मरने को मजबूर नहीं होगा। श्री हारून ने किसानों की जिन्दगी पर सूखे के कारण पडे असर को बताते हुए कहा कि किसान अपने बच्चों की परवरिश के लिए अपना घरबार छोड कर दूर दराज जाते है और कई कई साल में गांव वापस आते हैं। इतना ही नही जब उनके पास अपने खाने के खाना नही तो वह अपने जानवरो को कहां से चारा दाना खिलायें। इस लिए उम्दा नस्ल के मवेिशयों को भी कौडियों दाम में हाट का रास्ता दिखाया है। किसानों के सामने बीज,खाद की समस्या मुहं खोले खडी रहती है बीज खाद  के लिए गरीब किसानो को सरकार और पुलिस की लाढी खानी पडती हैं। अभी किसानों की समस्या का अन्त नही होता उसकी सिंचाई सिर्फ कुदरत की बारिश पर होती अगर बारिश नही हुई तो हर साल की तरह ही सूखे की भेंट चढ जाता है। एक्शन एड ने ऐसे गरीब किसानों को कई बार उनको खाद्यान बीज मुफत वितरित कर आर्थिक सहयोग किया हैं। मोहम्मद हारून के साथ शहरोज फातिमा, रूपाली श्रीवास्तव, चन्दा सिंह इत्यादि रही हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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विकलांग एवं निर्धन विवाह समारोह 28 मार्च को

Posted on 26 March 2010 by admin

हरिद्वार- नारायण सेवा संस्थान द्वारा 28 मार्च को वैरागी कैंप स्थित शिविर में सामूहिक विकलांग एवं निर्धन विवाह समारोह आयोजित किया जाएगा। इसमें 21 से अधिक विकलांग जोड़ों को दांपत्य सूत्र में बांधा जाएगा। 27 मार्च को विवाहेच्छुक जोड़ों के हरिद्वार आगमन पर स्वागत बंदोली के रूप में एक भव्यशोभा यात्रा भी निकाली जाएगी।

नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक और श्री पंच निर्वाणी अणि अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. कैलाश मानव ने गुरुवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि सामूहिक विकलांग एवं निर्धन विवाह समारोह में देश भर से विकलांग युवक-युवती सम्मिलित होंगे, विवाह समारोह का पूरा खर्च संस्थान उठाएगा। उन्होंने बताया कि शोभायात्रा 27 मार्च को शाम पांच बजे ऋषिकुल बस अड्डे से प्रारंभ होकर देवपुरा, कनखल होते हुए संस्था द्वारा संचालित सेवा महाशिविर वैरागी कैंप पहुंचकर समाप्त होगी।

सामूहिक विकलांग एवं निर्धन विवाह कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञानदास, महंत डॉ. रामकुमार दास, श्रीमहंत धर्म दास, श्रीमहंत राजेंद्र दास और महंत रामदास महाराज करेंगे। उन्होंने बताया कि कुंभ के बाद चार और विकलांग शिविर दो मई, छह जून, चार जुलाई और एक अगस्त को आयोजित किए जाएंगे, जिसमें 4,000 विकलांगों का इलाज और 1500 का नि:शुल्क ऑपरेशन किया जाएगा।

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पंजाब में जल प्रदूषक यूरेनियम आर्सेनिक आदि के खतरे पर कार्यशाला

Posted on 26 March 2010 by admin

पंजाब में जल प्रदूषक यूरेनियम आर्सेनिक आदि के खतरे पर कार्यशाला
पंजाब के दक्षिण-पश्चिम मालवा इलाके में मानव स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरों के मूल्यांकन सम्बन्धी सेमिनार 30-31 मार्च 2010, को  स्थान सर्किट हाउस, भटिण्डा

मित्रों, पंजाब के मालवा इलाके भटिंण्डा, मंशा, फरीदकोट, मुक्तसरद्ध के विभिन्न हिस्सों के पानी में यूरेनियम पाया गया है। दक्षिण – पश्चिम पंजाब में सेरेब्रल पाल्सी जो मस्तिष्क को पूरी तरह कुन्द कर देता है, यह बीमारी पानी में यूरेनियम की वजह से हो रही है।

पत्रकार मित्रों आपसे निवेदन है कि यदि इस कार्यशाला में चलना चाहते हैं। तो 29 मार्च की दोपहर दिल्ली से एक टीम जायेगी। आप चल सकते हैं। आप अपने चलने की सूचना सिराज केशर को दे सकते हैं। उनका मोबाइल नं. 9211530510, 9250725116 है।

कार्यशाला पंजाब के भटिंण्डा में होगी। 30-31 मार्च को होने वाली कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लोगों और विशेषज्ञों खासकर जल विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना है। हम चाहते हैं कि पानी में यूरेनियम की वजह से हो रही समस्याओं से लोगों को निजात मिल सके।

सिराज केसर
47 प्रताप नगर, इंडियन बैंक के पीछे
कीड्स होम के ऊपर, मयूर विहार फेज 1, दिल्ली - 91
मो- 9211530510

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एस जी एस वाई योजना का लाभ ले अपनाएं स्वरोजगार - दद्दू प्रसाद

Posted on 26 March 2010 by admin

एक दिवसीय स्वयं सहायता समूह महिला सम्मेलन संपन्न
अशिक्षा व धार्मिक अंधविश्वास सबसे बड़ा कारण है गरीबी का

चित्रकूट(उत्तर प्रदेश) -  गरीबी का मुख्य कारण अशिक्षा, धार्मिक अधंविश्वास, सामाजिक रीतिरिवाज, नशा व जुआं आदि को बताते हुए प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास मंत्री दद्दू प्रसाद ने कहा कि जब तक हम समाज में व्याप्त इन कुरीतियों को दूर नहीं करेंगे तब तक गरीबी को नहीं दूर किया जा सकता। वे रामायण मेला परिसर में अभियान संस्था द्वारा वाटरएड के सहयोग से आयोजित किए गए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के एक दिवसीय सम्मेलन के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि गरीबी दूर करने के लिए सरकार एस जी एस वाई योजना चला रही है। जिसमें बीपीएल परिवार के लोग आचार, मुरब्बा, दोना पत्तल, मधुमक्खी पालन आदि का प्रशिक्षण ले कर स्वरोजगार अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग 7 वर्षो से पूरा बुन्देलखण्ड क्षेत्र सूखे की त्रासदी झेल रहा है। जिसके कारण खेती की पैदावार लगातार घटती जा रही है और किसान गरीब होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां के किसान मनरेगा योजना के तहत मेड़बन्दी, समतलीकरण, बनीकरण, सागभाजी आदि योजनाएं अपनाते हुए अपनी गरीबी दूर कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं का लाभ पाने के लिए किसान अपनी खसरा खतौनी लेकर बीडीओ से संपर्क करे। जिसके आधार पर सम्बंधित बीडीओ स्टीमेट बनाकर कार्य करवाएंगे। मंत्री दद्दू प्रसाद ने बताया कि आगामी 1 अप्रैल से इन्दिरा आवास के लाभार्थियों को अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। शासन ने सन् 2012 तक सभी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर कोई भी घूस की मांग करता है तो उसकी शिकायत सीधे उनसे की जाए। घूस मांगने वाले के  खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सम्मेलन के अवसर पर बलबीर सिंह ने बताया कि बैंक किस प्रकार स्वयं सहायता समूहों की मदद करते हैं। इसके अलावा श्री सिंह ने कहा कि समूहों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक समस्या निवारण समिति बनाई जानी चाहिए। जो स्वयं सहायता समूहों और सरकारी विभागों के बीच सेतु का काम करे। इसके अलावा डा. अनीता सागर ने बच्चों व महिलाओं की बीमारियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रक्त की कमी को दूर करने के लिए हरी सब्जी, लौकी का जूस आदि का प्रयोग किया जाना फायदेमन्द होता है। जबकि संयोजक ममता वर्मा ने सम्मेलन के मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गांवों के सम्पूर्ण विकास के लिए स्वयं सहायता समूहों को एक मंच पर लाना, सरकारी सेवाओं व सुविधाओं का लाभ पात्रा लोगों तक पहुंचाना ही इसका लक्ष्य है। सम्मेलन आई शिवरामपुर की प्रेमा ने बताया कि बैंक स्वयं सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराने में बहुत परेशान करते हैं। जबकि दूसरी तरफ खपटिहा गांव की प्रभासिनी ने पेयजल की समस्या, तरांव की श्रीमती कमला ने बैंक द्वारा लिए गए कमीशन को वापस दिलाने के लिए कहा। सम्मेलन में 50 गांवों के समूहों की लगभग 1500 महिलाओं ने भागीदारी निभाई।

श्री गोपाल
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रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन - आशा दास

Posted on 26 March 2010 by admin

नई दिल्ली - रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट का ड्राफ्ट जिसपर आयोग में आमसहमति बनी थी क्या उसे बदल दिया गया और इसके सदस्य सचिव श्रीमती आशा दास की जानकारी के बगैर ही दूसरी रिपोर्ट को छपने के लिए भेज दिया गया, यह प्रश्न राजधानी दिल्ली में भारत नीति प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित रंगनाथ मिश्रा आयोग के दुष्परिणाम विषय पर संगोष्ठी मे उठाया गया। संगोष्ठी की मुख्य वक्ता आशा दास से इसका स्पष्टीकरण मांगा गया श्रीमती दास ने अपने भाषण में कहा कि यह प्रश्न उन्हे असमंजस मे डाल दिया है। उनके अनुसार शुरु में आयोग के सदस्यों का सहयोग था बाद में लामबन्दी हो गई और बाद के अध्यायों मे जिन बातो पर सहमति बनी थी उसे बदल दिया गया। आयोग के ऊपर यह एक गम्भीर आरोप लगाया गया है, जो इसकी कार्य पद्धति पर प्रश्न खड़ा करता है। प्रतिष्ठान के मानद निदेशक प्रो. राकेश सिन्हा ने इस बात पर भी स्पष्टीकरण चाहा कि आयोग के अन्तिम बैठक में आशा दास को नहीं बुलाया गया और जो रिपोर्ट छपने के लिए गई उस पर उनके हस्ताक्षर नही थे।

asha-dasरंगनाथ मिश्रा आयोग की सदस्य सचिव,आशा दास ने रिपोर्ट को संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन बताया। उन्होने साफ शब्दो में कहा कि अनुसुचित जातियों के सम्बन्ध में राष्ट्रपति के आदेश 1950 के अन्तर्गत दलित मुस्लिमों एवं दलित ईसाइयों को शामिल करना एक गलत कदम होगा। उन्होने बौद्धो एवं सिखो को इसके अन्तर्गत लाने को गलत करार दिया। आशा दास की यह बात उनके द्वारा अपनी आयोग की रिपोर्ट की असहमति पत्र में लिखी बात से भिन्न है। उसमे इसे उन्होने जायज ठहराया था। उन्होने कहा कि पहली गलती आगे की गलती का आधार नहीं हो सकता है।

उन्होने आरिफ मोहम्मद खान जो कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे उनकी यह तर्क कि इस्लाम में जाति प्रथा है का जोरदार खण्डन करते हुए कहा कि आयोग को मुस्लिम संगठनो एवं बुद्धिजीवियों से जो मेमोरेण्डम दिया गया उसमे मुस्लिमों में जातिवाद या छुआछूत नहीं होने की बात कही गई है। आशा दास ने कहा कि रिपोर्ट के प्रति असहमति जताना उनके अधिकार क्षेत्र मे था और ऐसा करना इसलिए जरुरी था कि आरम्भ में जो व्यापक मापदण्ड के आधार पर आयोग ने काम शुरु किया था उसकी बाद में तिलांजलि दे दी गई।  arif-mo-khan

राजधानी के मालवीय मिसन सभागार मे रंगनाथ मिश्रा आयोग के दुष्परिणाम विषय पर संगोष्ठी मे मुख्य वक्ता के रूप मे पूर्व केन्द्रीय मन्त्री आरिफ मोहम्मद खान ने धर्म के आधार पर आरक्षण को पूरी तरह से असंवैधानिक एवं राष्ट्र विरोधी घोषित किया उनके अनुसार सभी प्रकार के अलगाववाद का विरोध किया जाना चाहिए। उनके मताअनुसार रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट देश को लखनऊ पैक्ट 1916 के समय में वापस ले जाना चाहता है। इसका किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं किया जाना चाहिए।

ramesh-patangeसंगोष्ठी की करते हुए अध्यझता विवेक साप्ताहिक (मुम्बई) के प्रधान संपादक श्री रमेश पतंगे ने कहा कि वर्तमान सरकार अल्पसंख्यकों का अल्पसंख्यकों द्वारा एवं अल्पसंख्यकों के लिए है। उन्होंने कहा कि रंगनाथ मिश्रा रिपोर्ट अनुसूचित जातियों के हिस्से को कथित अल्पसंख्यकों को भेंट चढ़ाना चाहती है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. राकेश सिन्हा ने करते हुए कहा कि सच्चर कमेटी ने रंगनाथ मिश्रा कमीशन की पृष्ठभूमी तैयार की थी। वर्तमान राजनीति अल्पसंख्यक केन्द्रित होती जा रही है। उन्होंने प्रश्न किया कि रंगनाथ मिश्रा आयोग ने अल्पसंख्यक अवधारणा को परिभाषित करते समय न तो संविधान सभा की बहस को न ही प्रगतिशील मुस्लिम बुद्धिजीवियों यथा ए.ए.ए.फैजी, हुमायु कबीर, एम.एच.बेग, एम.आर ए.बेग, मोइन शकीर को क्यो नहीं उद्धृत किया है, सभा में बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र, राजनेता एवं पत्रकार उपस्थित थे। भारत नीति प्रतिष्ठान में इस विषय पर तीन ब्रेनस्टार्मिंग बैठके पहले हो चुकी हैं।

जितेन्द्र वझे

कार्यालय सचिव
भारत नीति प्रतिष्ठान

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