Archive | May, 2010

जैव विविधता के संरक्षण एवं संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया जायें विलुप्त हो रही प्रजातियों को बचाने के प्रयास किये जायें - डा0 पी0 पुष्पांगदन

Posted on 22 May 2010 by admin

लखनऊ -  आज अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पद्म श्री डा0 पी0 पुष्पांगदन महानिदेशक एमिटी इन्स्टीट्यूट फार हर्बल एवं बायोटेक-प्रोडेक्ट्स डेवलपमेन्ट ने कहा है कि देश के जैव संसाधनों की पहुंच को नियमित करने की आवश्यकता हैं, जिससे जैविक संसाधनों के उपयोग से धर्नाजन के साथ ही ज्ञान भी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि विनास हो रही प्रजातियों के संरक्षण एवं पुर्नवास पर विशेष ध्यान देकर उन्हें नष्ट होने से बचाया जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने स्मारिका का विमोचन एवं 20 मई को फोटो ग्राफी प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सान्त्वना पाने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार भी वितरित किया।

पद्म श्री डा0 पी0 पुष्पांगदन ने यह विचार 22 मई 2010 को अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर डा0 राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय लखनऊ में जैव विविधता विकास और गरीबी निवारण विषय पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जैव विविधता वहुविंधा विशेष है जिसके कार्य व कार्यकलाप अनेक हैं। इनके साझेदार केन्द्र सरकार, राज्य सरकार स्थानीय  स्वशासित संगठन के संस्थान एवं उद्योग हैं।

जैव विविधता विकास और गरीबी निवारण पर बोलते हुए प्रमुख सचिव वन श्री चंचल कुमार तिवारी ने कहा कि वैसे तो प्रत्येक वर्ष यह दिवस मनाया जाता है, परन्तु इस वर्ष इसे गरीबी से जोड़ा गया है। हमें इस पर विचार करना होगा कि हमारे पास का पर्यावरण कैसे स्वच्छ रहे और इसके साथ ही हमारे बीच रहने वाले जीव जन्तुओं की प्रजातियां, जो हमें किसी न किसी रूप में लाभ पहुंचाती रहती है उनका विनास न होने पायें।

डा0 राम मनोहर लोहिया विधि संरक्षण के कुलपति प्रोफेसर बलराज चौहान ने बताया कि जैव विविधता का हमारे जीवन शैली पर बहुत प्रभाव पड़ता है अत: हमारा कर्तव्य बनता है कि जैव विविधता के संरक्षण व संवर्धन पर निरन्तर ध्यान रखे। उन्होंने कहा कि जीव प्रजातियां विलुप्त होती जा रही है। उन्हें बचाने का प्रयास हमें करना होगा।

प्रमुख वन संरक्षक श्री डी0 एन0 एस0 सुमन ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण एवं सौंदर्यीकरण हेतु सड़कों के किनारे खाली पड़ी भूमि एवं पार्कों की भूमि में शोभाकार व छायादार वृक्ष सामाजिकी वानिकी योजना के अन्तर्गत लगाये जा रहे है।

संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए श्री वृजलाल अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक लखनऊ ने कहा कि अधिकांश उपयोग में आने वाले अनेक अनाज हमारे बीच से गायब हो गये, जिनसे हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता था और वह औषधि के रूप में उपयोग होते थे। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार वन्य जीव एवं पशु-पक्षियों की प्रजातियां भी कम देखने मे आ रही है। उन्होंने कहा कि हमें जंगलों से मिलने वाले लाभ के बारे में पूर्णतया जानकारी है। वनों के विकास से वन्य जीवों के रहने का स्थान विकसित होगा।

संगोष्ठी में देश/प्रदेश के दूर दराज से आये वैज्ञानिक शिक्षाविद, समाज सेवी एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकरी मौजूद रहे

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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कैग के ऑडिट दायरे में आएं एनजीओ - उपराष्ट्रपति

Posted on 21 May 2010 by admin

शिमला में राष्ट्रीय लेखा एवं लेखा परीक्षा अकादमी के डायमंड जुबली समारोह के अवसर पर उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी ने कहा है कि आरटीआई एक्ट के अधीन आने वाली सभी संस्थाओं, एनजीओ, सोसाइटी और ट्रस्ट को भी कैग के ऑडिट के दायरे में लाया जाना चाहिए। वर्तमान में 1971 एक्ट के तहत इन सभी संस्थाओं को कैग के ऑडिट के तहत लाए जाने का प्रावधान नहीं है। पब्लिक ऑडिट की प्रकिया में कई सुधार किए जाने की आवश्यकता अभी भी महसूस की जा रही है।

डॉ. अंसारी ने कहा कि ऑडिट प्रक्रिया में कई ऐसी खामियां हैं, जिन्हें दूर किया जाए तो जनता को सुशासन मुहैया कराया जा सकता है। अभी कैग के पास ऐसा अधिकार नहीं है, जिससे वह राजस्व को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को समन जारी करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके। कैग के अधीन ऐसी संवैधानिक बॉडी का गठन किया जाना चाहिए जिसके पास ऐसे अधिकार निहित हों।

डॉ. अंसारी ने कहा कि कोई भी संस्था जो सूचना के अधिकार के दायरे में आती है, उसे कैग के ऑडिट के अधीन भी लाया जाना चाहिए। पब्लिक ऑडिट का उद्देश्य तभी पूरा हो सकता है, जब रिकॉर्ड को निर्धारित समयसीमा में बिना बाधा के मुहैया कराया जाता है।

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तीन दिवसीय शिविर में दी गई कृषि तकनीकी की जानकारी

Posted on 21 May 2010 by admin

चित्रकूट - महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लाभार्थियों को कृषि उत्पादन बढ़ाने की तकनीकी जानकारी देने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को हुआ।

तुलसी कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां द्वारा चनहट व हरदौली गांव में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर चलाया गया था। जिसके माध्यम से मनरेगा के तहत लाभ पाने वालों को खेती किसानी की नई तकनीकों से परिचित कराया गया। इस दौरान शिविर में आए विशेषज्ञों ने ग्रामीणों को बताया कि वे किस प्रकार अपनी उपज बढ़ा सकते हें। इसके अलावा उन्हें तालाबों का रखरखाव करने व उसके उचित उपयोग के बारे में भी जानकारी दी गई।

इस मौके पर मुख्यअतिथि रही उद्यमिता विद्यापीठ की निदेशिका डा. नन्दिता पाठक ने दीन दयाल शोध संस्थान द्वारा सामाजिक उत्थान के लिए चलाए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस शिविर में आए लोगों को अपनी कृषि उत्पाकदता बढ़ा समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा इसके बाद भी भी उन्हें खेती किसानी में यदि कोई परेशानी होती है तो वे कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों से सलाह ले अपनी दिक्कतेन्दूर कर सकते हैं। इस दौरान केबीके के डा. नरेन्द्र सिंह ने लोगों को प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी दी।

कृषि विज्ञान केन्द्र के प्राचार्य डा. छोटे सिंह ने बताया कि 50-50 समूहों के चर प्रशिक्षणों के माध्यम से लोगों को कृषि की नवीनतम तकनीकी जानकारी दी गई। जिसमें किसानों को मिट्टी की जांच कराने की सलाह देने के अलावा बागवानी, पशुपालन व महिलाओं की खेती में भागीदारी निभाने के बल भी जोर दिया गया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर के अन्त में सभी को बैग किट व पाठ्य सामग्री वितरित की गई।

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अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 22 मई को

Posted on 21 May 2010 by admin

लखनऊ - अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस आगामी 22 मई, 2010 को मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में पर्यावरण निदेशालय के सभाकक्ष में एक गोष्ठी पूर्वान्ह 11.00 बजे आयोजित की जायेगी।

पर्यावरण निदेशक डॉ0 यशपाल सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का मुख्य विचार बिन्दु जैव विविधता विकास और गरीबी उन्मूलन है। उन्होनें बताया कि गोष्ठी में प्रदूण नियन्त्रण, पर्यावरण शिक्षण केन्द्र, नगर निगम लखनऊ, लखनऊ विकास प्राधिकरण, राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण, अवध वन प्रभाग, क्लब आफ लखनऊ व मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मानवाधिकार की स्थापना में कार्यपालिका अपनी अग्रणी भूमिका निभाए - न्यायमूर्ति सेमा

Posted on 21 May 2010 by admin

लखनऊ -  सभी व्यक्तियों का अपना अधिकार होता है जिसको मानवाधिकार कहते हैं। इसकी व्याख्या हमारे संविधान के मूल अधिकारों तथा मानवाधिकार अधिनियम की धारा-02 में की गई है। व्यक्ति चाहे वह कैदी हो, आम नागरिक हो, बीमार व्यक्ति हो, उसके जीवन, सम्मान, बराबरी के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए।

यह उद्गार राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सेमा ने आज यहां प्रदेश मानवाधिकार आयोग भवन गोमती नगर में लखनऊ मण्डल के सिविल, पुलिस, चिकित्सा, जेल विभाग के अधिकारियों के एक जागरूकता कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जागरूकता स्थापना में कार्यपालिका के अधिकारियों को अपनी अग्रणी भूमिका निभाना चाहिए। उन्हें अपने कार्यों के प्रति विश्वास एवं ईमानदारी की भावना से कार्य को आगे बढ़ाना चाहिए।

मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति श्री विष्णु सहाय ने मानवाधिकार अधिनियम 1993 के विभिन्न बिन्दुओं पर प्रकाश डाला तथा कहा कि इसके प्रति जागरूकता उत्पन्न करना हमारा शासकीय ही नहीं संवैधानिक दायित्व है।

इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक मानवाधिकार श्री बी0 एम0 सारस्वत, पूर्व उप कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय प्रो0 रूप रेखा वर्मा, न्यायाधीश पी0 के0 श्रीवास्तव, पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवा) श्री शैलेन्द्र सागर, आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में लखनऊ, लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारियों के अलावा सीतापुर, उन्नाव, हरदोई तथा लखनऊ मण्डल के पुलिस, चिकित्सा, जेल विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का संचालन विधि अधिकारी श्री मानवेन्द्र सिंह एवं जुगल किशोर तिवारी ने तथा आभार श्री अशोक कुमार वर्मा ने ज्ञापित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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ग्रामीण प्रबंधन की राह

Posted on 20 May 2010 by admin

इंस्टीटयूट आँफ रूरल मैनेजमेंट भारत में ग्रामीण समाज के विकास और सामाजिक न्याय के लिए विशेष प्रशिक्षण पाठयक्रम संचालित करने वाला संस्थान है। इसकी स्थापना 1979 में हुई थी। इंस्टीटयूट में ग्रामीण प्रबंधन में मास्टर डिग्री जाती है। संस्थान का गठन भारत सरकार, गुजरात सरकार, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड तथा इंडियन डेयरी काँरपोरेशन के सहयोग से हुआ है उद्देश्य ”इरमा” का उद्देश्य परास्नातक शिक्षा के जरिये व्यावसायिक प्रबंधन को बढ़ावा देना है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक, आर्थिक विकास संबंधी कार्यक्रम को संगठित रूप से सुचारूढंग से चलाया जा सके। साथ ही, उनकी समस्याओं के हल और विकास के अवसरों की तलाश भी की जा सके। पाठयक्रम प्रोग्राम इन रूरल मैनेजमेंट(पीआरएम) दो वर्ष का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा है, जो पूरी तरह से आवासीय कार्यकर्म है। इस पाठयक्रम में यह सुविधा उपलबध है कि व्यकिंत एक बार अथवा दो चरणों में अपना पाठयक्रम पूरा कर सकता है।  एक वर्ष का पाठयक्रम पूरा होने पर प्रशिक्षु को स्रटिफिकेट इन रूरल मैनेजमेंट(सीआरएम) का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।  सीआरएम प्रमाणपत्र पाने वाला प्रशिक्षु यदि चाहें, तोकार्यक्रम में पुन: प्रवेश ले सकते हैं। इस दशा में दूसरे साल का पाठयक्रम पूरा होने पर उसे पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रूरल मैनेजमेंट(पीजीडीआरएम) का प्रमाणपत्र दिया जाता है।  यह मान्यता प्राप्त डिप्लोमा ग्रामीण प्रबंधन में परास्नातक पाठयक्रम के समान है। एसोसिएशन आँफ इंडियन यूनिवर्सिटी द्वारा दिया गया यह डिप्लोमा आँल इंडिया काउंसिल फाँरटेकिंनकल एजूकेशन (आईसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त है।  पीजीडीआरएम पाठयक्रम तीन खंडों में बंटा है। कार्यक्रम संबंधी जानकारी और उद्देश्य से अवगत कराने के लिए सबसे पहले कक्षाएं लगती हैं। इसमें प्रबंधन से जुड़े विभिन्ना क्षेत्रों की व्यापक जानकारी दी जाती है। पहले वर्ग में सभी विषय अनिवार्य होते हैं।  दूसरे वर्ष के पाठयक्रम में प्रबंधन की बुनियादी बातें और ग्रामीण प्रबंधन के विभिन्न सक्रिय क्षेत्रों की जानकारी दी जाती है। दूसरे वर्ष में सभी विषय अनिवार्य नहीं होते, प्रशिक्षुओं को अपनी पसंद के अनुसार विषय चयन करने की सुविधा होती है। फील्ड वर्क फील्ड वर्क आठ सप्ताहयानी दो महीने का होता है। इस बीच, प्रशिक्षुओं को ग्रामीण जीवन की वास्तविकता और उनकी समस्याओं से भी अवगत कराया जाता है। फील्ड वर्क के दौरान यहां की समस्याओं से निपटने के उपाय और संबंधित अवसरों को तलाशने का काम किया जाता है। लोगों को संगठित करके किस तरह से विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है, इन सभी बारीकियों को समझने में फील्ड वर्क काफी सहायक होता है। प्रबंधकीय प्रशिक्षण पाठयक्रम का तीसरा और अंतिम चरण प्रबंधकीय प्रशिक्षण है। इस दौरान प्रशिक्षुओं को एक प्रबंधक के रूप में काम करने का मौका मिलता है। इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षु के सामने पाठयक्रम का व्यावहारिक रूप सामने आता है। यह उसकी प्रबंधकीय क्षमता, तकनीक और सक्रियता की परीक्षा का चरण होता है। जब उन्हें प्रबंधन की बारीकियों को समझने का अवसर मिलता है। प्रबंधन संबंधी बेहतर जानकारी के लिए समय-समय पर विभिन्न सेमिनारों आदि का भी आयोजन किया जाता है। प्रवेश प्रक्रिया पीजीडीआरएम कोर्स में प्रवेश के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविघालय से स्नातक होना चाहिए। सामान्य वर्ग स्नातक के लिए न्यूनतम अंक सीमा पचास प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लोगों के लिए न्यूनतम अंक सीमा पैंतालीस प्रतिशत है। प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार होता है। लिखित परीक्षा तार्किक क्षमता, मूल्यांकन, अंग्रेजी और सामान्य जानकारी से संबंधित होती है। लिखित परीक्षा में चयनित लोगों का व्यकिंतगत साक्षात्कार होता है। एक महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्र के अन्तर्गत इरमा मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम के पाठयक्रम की भी सुविधा देता है। यह प्रोग्राम एक से दो सप्ताह का होता है। ऐसे कार्यक्रम द्वारा इंस्टीटयूट फैकल्टी और प्रैकिंटस करने वालों के बीच तारतम्य स्थापित होता है, जो लाभकारी होता है। इसके अलावा, छह सप्ताह का मैनेजमेंट आँफ एगरी.बिजनेस काँआपरेटिव प्रोग्राम होता है। यह कम्पि्रहेंसिव प्रोग्राम विकासशील देशो की दशाओं से संबंधित रहता है। साथ ही, मैनेजमेंट एप्रीसिएशन के विशष्टि प्रोग्राम की भी सुविधा है।

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मुख्यमन्त्री की अध्यक्षता में राज्य वन्य जीव बोर्ड का गठन,प्रदेश के वन मन्त्री बोर्ड के उपाध्यक्ष होंगे

Posted on 19 May 2010 by admin

लखनऊ - उत्तर प्रदेश सरकार ने वन्य जीवों के संरक्षण, परिरक्षण तथा उससे सम्बद्ध मामलों पर राज्य सरकार को सलाह देने के उद्देश्य से मुख्यमन्त्री की अध्यक्षता में राज्य वन्य जीव बोर्ड का गठन किया है। बोर्ड में प्रदेश के वन मन्त्री उपाध्यक्ष होंगें इसका गठन एक वर्ष के लिये किया गया है।

प्रमुख सचिव वन श्री चंचल कुमार तिवारी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि राज्य वन्य जीव बोर्ड में प्रमुख सचिव/सचिव वन, प्रमुख वन संरक्षक, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, भारत सरकार के निदेशक वन्य जीव परिरक्षण द्वारा नामित प्रतिनिधि, निदेशक भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून द्वारा नामित प्रतिनिधि, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अथवा महानिरीक्षक से    अनिम्न पुलिस अधिकारी, प्रमुख सचिव/सचिव समाज कल्याण, महानिदेशक पर्यटन, निदेशक पशुपालन, निदेशक मत्स्य, निदेशक बोटेनिकल सर्वे आफ इण्डिया द्वारा नामित प्रतिनिधि, निदेशक जुलोजिकल सर्वे आफ इण्डिया द्वारा नामित एवं भारत सरकार द्वारा बिग्रेडियर से अनिम्न पद के नामित सेनाधिकारी को सदस्य नामित किया गया है।

श्री तिवारी ने बताया कि राज्य वन्य जीव बोर्ड में गैर सरकारी सदस्य के रूप में डा0 ए0पी0शर्मा भूतपूर्व कुलपति पन्तनगर विश्वविद्यालय, डा0 अशोक सिंह से0नि0 अपर प्रमुख वन संरक्षक (वन्य जीव) वन विभाग, प्रो0 एच0बी0सिंह कृषि विज्ञान संस्थान बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी, डा0 वजीर एस0लाकड़ा, निदेशक नेशनल ब्यूरो आफ फिश जेिन्टक रिसोर्सेज, प्रो0 गणेश दत्त त्रिपाठी जे0पी0इन्टर कालेज गोरखपुर, डा0 धमेन्द्र सिकिया वैज्ञानिक (जी) बायलोजी लैब सीमैप, डा0 आर0एन0 खरवार एसोसिएट प्रोफेसर वनस्पति विज्ञान विभाग बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी वाराणसी, प्रो0 अशोक कुमार सिन्हा, प्रो0 इमरिट्स दयाल बाग एजूकेशनल इन्स्टीट्यूट आगरा, प्रो0 विनोद कुमार जन्तु विज्ञान विभाग लखनऊ, विश्वविद्यालय एवं डॉ0 आलोक बनर्जी, वन क्षेत्र में स्वैच्छिक रूप से होम्योपैथिक चिकित्सक नामित किये गये हैं।

गैर सरकारी संगठनों के नामित प्रतिनिधि सदस्यों में वाईल्ड लाइफ एस0ओ0एस0 नई दिल्ली, तराई नेचर कंजरवेशन सोसाइटी लखीमपुर खीरी, सेवियर मेरठ उत्तर प्रदेश हैं। बोर्ड में राज्य विधान मण्डल के मनोनीत सदस्य के रूप में मो0 इरसाद खान, श्री त्रिभुवन दत्त और मुरलीधर नामित किये गये हैं।

श्री तिवारी ने बताया कि राज्य वन्य जीव बोर्ड वन्य जीव विहारों, राष्ट्रीय उद्योगों तथा संरक्षित क्षेत्रों के घोषित करने हेतु निहित क्षेत्रों का चुनाव एवं व्यवस्था करने के सम्बंध में शासन को सलाह देगा। यह बोर्ड एक्ट के किसी शेड्यूल में किसी प्रकार के संशोधन के लिये भी शासन को सलाह देगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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शिक्षा के क्षेत्र में उद्योगपति सहयोग करें-सिब्बल

Posted on 19 May 2010 by admin

नयी दिल्ली - समाज के वंचित वर्गों  को शिक्षित करने तथा उनके कौशल का विकास करने के लिये मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने देश के उद्योगपतियों से पब्लिक -प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मॉडल) के तहत सरकार के साथ हाथ बंटाने का आह्वान किया है।

समावेशी शिक्षा विषय पर 38वां श्रीराम स्मारक व्याख्यान देते हुये श्री सिब्बल ने समाज के वंचित वर्ग के लिये यह आह्वान किया। व्याख्यानमाला का आयोजन पीएचडी चैम्बर्स ने किया था। पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आजाद और प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह भी प्रसिद्ध उद्योगपति स्व लाला श्रीराम की स्मृति में यह व्याख्यान दे चुके हैं।

श्री सिब्बल ने कहा कि जिस तरह लाला श्रीराम ने देश में शिक्षा के विकास के लिये काम किया और दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकॉनामिक्स, लेडी श्रीराम कालेज तथा श्रीराम कालेज ऑफ़ कामर्स जैसे देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान खोले, आज उसी तरह उद्योगपतियों को समाज के वंचित वर्ग के लोगों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाना चाहिये और पीपीपी मॉडल के जरिये सरकार का हाथ इस काम में बंटाना चाहिये।

उन्होंने कहा कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत समाज के वंचित वर्गों के लिये 25 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। राज्य सरकारों को इसके लिये पड़ोस में कई स्कूल खोलने होंगे। सरकार नगर निगम एवं अन्य सरकारी स्कूलों की इमारत को निजी क्षेत्र के हाथों सौंपकर उसमें दूसरी पाली तथा सांध्यकालीन पाली का स्कूल चलाने की पेशकश करती है। उद्योगपतियों को आगे आकर इसमें सरकार का हाथ बंटाना चाहिये।

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अब भूंख से नही मरेगा कोई गरीब किसान: फातिमा

Posted on 17 May 2010 by admin

चित्रकूट-एक्शन एड लखनऊ के सहयोग से प्रगति माध्यम समिति चित्रकूट ने 5 ग्रामों में ग्रेंन बैंक की स्थापना कर दी है। इस ग्रेंन बैंक से कोई भी गरीब जरूरतमन्द अनाज उधार लेकर अपनी भूख शान्त कर सकता है।

उक्त जानकारी प्रगति माध्यम समिति की मुखिया सुश्री शहरोज फातिमा ने दी। सुश्री फातिमा ने आगे बताया कि लगातार कई वर्षो से पड रहे सूखे के कारण किसानों की जिन्दगी में बहुत असर पडा हैं। वह  अपना व अपने बच्चों का पेट भरने में मनरेगा  योजना का भी लाभ नहीं उठा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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उद्यमी मित्र में संस्था का हुआ चयन

Posted on 14 May 2010 by admin

सुलतानपुर( उत्तर प्रदेश)-बजरंग लघु माध्यमिक विद्यालय समिति राघवपुर का उद्यमी मित्र में चयन हुआ। 15 मई से  उद्योग लगाने  हेतु ऋण सुविधा के लिए पंजीयन किया जायेगा । समिति के अध्यक्ष प्रेम लाल ने बताया कि संस्था का राजीव गॉधी उद्यमी मित्र योजना में लघु एवं सूक्ष्म उद्यम मन्त्रालय द्वारा चयनित किया गया है। संस्था के प्रशिक्षक राम किशोर यादव नये उद्योग लगाने के लिए 100 लोगों को प्रशिक्षित कर उन्हें  ऋण की सुविधा लेने को  प्रेरित करेंगें । संस्था का उद्यमी मित्र योजना में चयन होने पर संयुक्त व्यापार मण्डल के प्रदेश उपाध्यक्ष बबलू सिंह , महा सचिव दीपक दुवे, नगर अध्यक्ष सुनील वर्मा , महासचिव बलराम अग्रहरि, रमाशंकर अग्रहरि, विनोद अग्रहरि, महेश सोनी , बबलू तिवारी आदि ने  हर्ष व्यक्त किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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