इण्टरनेशनल मैथमेटिक्स एण्ड साइन्स ओलम्पियाड (आई.एम.एस.ओ.-2012)

Posted on 30 October 2012 by admin

अद्वितीय प्रतिभा का प्रदर्शन किया देश-विदेश के छात्रों ने

cultural_imso1participants_imso1सिटी मोन्टेसरी स्कूल, आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की मेजबानी में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित हो रहे चार दिवसीय इण्टरनेशनल मैथमेटिक्स एण्ड साइन्स ओलम्पियाड (आई.एम.एस.ओ.-2012) के दूसरे दिन आज 12 देशांे से पधारे छात्रों ने गणित व विज्ञान विषयों में अपने ज्ञान-विज्ञान का जबरदस्त प्रदर्शन किया। सैद्वान्तिक प्रश्नावली पर आधारित आज की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग हेतु देश-विदेश के छात्रों ने खूब रुचि दिखाई व पूरे उत्साह व जोश से अपनी ज्ञान का प्रदर्शन किया। इसके अलावा विभिन्न देशों से पधारे गणित व विज्ञान के विशेषज्ञों से भी छात्रों ने खूब मार्गदर्शन प्राप्त किया। ज्ञातव्य हो कि 13 वर्ष से कम आयु के छात्रों के लिए यह अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पियाड पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है जिसकी संयोजिका सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती स्वप्ना मंशारमानी है। इस अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पियाड में विश्व के 12 देशों ताइवान, चीन, फिलीपीन्स, इण्डोनेशिया, थाईलैण्ड, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, नेपाल, नाइजीरिया, श्रीलंका व भारत के विभिन्न प्रान्तों से लगभग 600 छात्र व विशेषज्ञ अपनी भागीदारी दर्ज करा रहे हैं।
इससे पहले आई.एम.एस.ओ.-2012 के दूसरे दिन का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन व सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी के सारगर्भित अभिभाषण से हुआ। इस अवसर पर बोलते हुए डा. गाँधी ने कहा कि विद्यालय समाज का प्रकाश स्तम्भ है और आधुनिक युग के विद्यालयों का दायित्व बनता है कि वे अपने छात्रों को विज्ञान व आध्यात्म का समग्र ज्ञान उपलब्ध करायें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस अनूठे ओलम्पियाड से सहभागिता, भाईचारा, दोस्ती, प्रेम व शान्ति का जो प्रकाश निकलेगा व विश्व के सभी देशों में फैलकर सम्पूर्ण विश्व को एकता के सूत्र में पिरो देगा।
इण्डोनेशिया से पधारी आई.एम.एस.ओ.-2012 के एक्जीक्यूटिव बोर्ड की अध्यक्षा सुश्री अलवीरा ने इस आयोजन पर भूरि-भूरि प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस ओलम्पियाड को जितने अच्छे ढंग से यहाँ सम्पन्न किया जा रहा है, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम होगी। इससे पहले 6 वर्षो तक यह प्रतियोगिता इण्डोनेशिया में आयोजित की गई और पिछले वर्ष फिलीपीन्स में सम्पन्न हुई, परन्तु इस वर्ष सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. की मेजबानी में सम्पन्न हो रहा यह ओलम्पियाड अपने आप में अद्धितीय है, जो भारत की महान संस्कृति व सभ्यता का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। सुश्री अलवीरा ने इस आयोजन हेतु सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी एवं सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की प्रधानाचार्या व संयोजिका श्रीमती स्वप्ना मंशारमानी की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए  एकता व शान्ति के प्रयासों हेतु हार्दिक आभार व्यक्त किया।
participants_imso3 फिलीपीन्स से पधारे प्रख्यात गणितज्ञ व आई.एम.एस.ओ.-2012 एक्जीक्यूटिव बोर्ड के वाइस-चेयरमैन डा. साइमन चुआ ने कहा कि गणित व विज्ञान में पारंगत होने से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ता है व नई खोजें करने में व सक्षम होते है। इन छात्रों में बहुत प्रतिभा व ज्ञान छिपा हुआ है, हमारा काम है इनके अन्दर छिपी प्रतिभा को अवसर प्रदान करना। इस अनूठे ओलम्पियाड का आयोजन इसी सोच का परिणाम है। ताइवान से पधारे जाने-माने गणितज्ञ व आई.एम.एस.ओ.-2012 एक्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य प्रो. वेन सीन सुन ने कहा कि गणित से छात्रों में तार्किक शक्ति व बुद्धिमत्ता दोनों का विकास होता है। विज्ञान के नियम सभी देशों में एक समान लागू होते हैं, जरूरत यह है कि इस ज्ञान को कक्षा की चारदीवारी से निकालकर समाज के रचनात्मक विकास में उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि इस ओलम्पियाड में हम गणित व विज्ञान की सभी विधाओं में छात्रों के ज्ञान को, उनकी रुचि को व उनकी जिज्ञासाओं को टटोलने का प्रयास कर रहे हैं। आई.एम.एस.ओ.-2012 एक्जीक्यूटिव बोर्ड के एक अन्य सदस्य, थाईलैण्ड से पधारे डा. प्रमोट कजोर्नपाई ने भारत के बच्चों की तारीफ की व इस ओलम्पियाड को छात्रों के सम्पूर्ण विकास हेतु मील का पत्थर बताया।
प्रतियोगिताओं के उपरान्त सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस में आज लघु विश्व का अद्भुद नजारा देखने को मिला जहाँ विभिन्न देशों से पधारे एक-दूसरे से ऐसे घुलमिल गये कि देश, प्रान्त, भाषा आदि की विविधता ढूंढे नही दिखाई दे रही थी। इस अवसर पर विभिन्न देशों से पधारे मेधावी छात्रों ने प्रतियोगिताओं पर अपने अनुभव भी बांटे। दक्षिणी अफ्रीका से पधारे प्रतिभागी छात्रों को यह participants_imso2प्रतियोगिता मुश्किल किन्तु दिलचस्प लगी। जहाँ एक ओर डर्बन शहर से पधारी रिबेका फाॅक्सन ने लखनऊ व आगरा घूमने की जिज्ञासा दिखाई तो वहीं दूसरी ओर प्रिटोरिया शहर से पधारी कैरीस टेªथन व जोहानिस्बर्ग से पधारी डैनियल नायडू ने कहा कि भारत उनके दादा परदादा का देश है। यहां आने से उनका सपना पूरा हुआ है। इसी प्रकार नेपाल, चीन व इण्डोनेशिया के छात्रों ने भी भारतीय संस्कृति में काफी दिलचस्पी दिखाई। देश-विदेश से पधारे इन छात्रों ने प्रतियोगिताओं के उपरान्त आज लखनऊ दर्शन का भी खूब आनन्द उठाया।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस सम्मेलन में प्रतियोगिताओं का दौर कल भी जारी रहेगा। ओलम्पियाड के तीसरे दिन कल 31 अक्टूबर को साइंस एक्सपेरीमेन्ट्स एवं एक्सप्लोरेशन विद मैथमेटिक्स जैसी रोचक प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इसके अलावा सायं 6.00 बजे 12 देशों से पधारी प्रतिभागी छात्र टीमें रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की अनूठी छटा प्रस्तुत करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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